AC की ठंडक पर भी लगी लगाम, अब इतना डिग्री रखना होगा तापमान
AC की ठंडक पर भी लगी लगाम, सरकार ने उठाया ये कदम
इस फैसले का उद्देश्य देश में बिजली की खपत को घटाना, कार्बन उत्सर्जन कम करना और उपभोक्ताओं का बिजली बिल घटाना है. नई व्यवस्था के अनुसार, बाजार में उपलब्ध नए एसी में 20 डिग्री से कम या 28 डिग्री से अधिक तापमान सेट करना संभव नहीं होगा.
New rules for AC: भीषण गर्मी के बीच AC से शिमला जैसी ठंडक लेने का मजा अब किरकिरा होने वाला है. भारत सरकार ने एसी के तापमान को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. अब नए एयर कंडीशनर में तापमान केवल 20 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच ही सेट किया जा सकेगा. ऊर्जा मंत्रालय और ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) ने इस बदलाव की घोषणा की है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसका उद्देश्य देश में बिजली की खपत को घटाना, कार्बन उत्सर्जन कम करना और उपभोक्ताओं का बिजली बिल घटाना है. नई व्यवस्था के अनुसार, बाजार में उपलब्ध नए एसी में 20 डिग्री से कम या 28 डिग्री से अधिक तापमान सेट करना संभव नहीं होगा.
गर्मियों में बिजली की बढ़ती मांग है कारण
हर साल गर्मियों के दौरान देश में बिजली की मांग काफी बढ़ जाती है. अप्रैल से जुलाई के बीच यह मांग 250 गीगावॉट तक पहुंच जाती है, जिसमें सबसे ज्यादा भागीदारी एयर कंडीशनर और कूलिंग डिवाइस की होती है. एक्स्पर्ट्स के मुताबिक, हर 1 डिग्री कम करने पर एसी की बिजली खपत लगभग 6% तक बढ़ जाती है.
इन देशों में पहले से लागू हैं ये नियम
जापान, इटली, स्पेन और दक्षिण कोरिया जैसे कई देशों में एसी तापमान पर पहले से ही नियम लागू हैं. जापान में डिफॉल्ट तापमान 26 डिग्री है, जबकि इटली और स्पेन में यह 23-27 डिग्री के बीच होता है. भारत का यह कदम भी इन्हीं मानकों को ध्यान में रखकर उठाया गया है.
किन पर लागू होगा नया नियम?
यह नियम फिलहाल केवल नए एसी मॉडल्स पर लागू होगा. साथ ही, सार्वजनिक भवन, होटल, मॉल, ऑफिस, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और वाहनों में लगे एसी में भी यही तापमान सीमा लागू की जाएगी. पुराने एसी पर अभी यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन सरकार लोगों को प्रोत्साहित कर रही है कि वे 24-26 डिग्री पर ही एसी चलाएं.
एक्स्पर्ट्स के अनुसार, 20 डिग्री से नीचे के तापमान पर लंबे समय तक रहने से सांस की तकलीफ, जोड़ों का दर्द, सर्दी-खांसी और त्वचा की समस्याएं बढ़ सकती हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी 24-26 डिग्री तापमान को बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए बेहतर मानता है.
बिजली की बचत और बिल में राहत
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अगर देशभर में लोग 24-26 डिग्री तापमान पर एसी का उपयोग करें, तो सालाना 12-14 अरब यूनिट बिजली की बचत हो सकती है. इससे उपभोक्ताओं के बिजली बिल में 15-20% तक की कटौती संभव है. अनुमान है कि अगले 3 वर्षों में 18,000 से 20,000 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है.
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कब से लागू होगा ये नया नियम?
ऊर्जा मंत्रालय ने सभी एसी निर्माताओं को निर्देश जारी किए हैं कि वे आने वाले सभी मॉडल्स को नई तापमान सीमा के साथ तैयार करें. साथ ही, BEE द्वारा स्टार रेटिंग स्कीम भी बदली जा रही है, जिसमें तापमान सीमा का पालन करने वाले एसी को उच्च रेटिंग मिलेगी. सार्वजनिक स्थानों और सरकारी कार्यालयों में नियमित निरीक्षण भी किया जाएगा.