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कोरोना से फीका दशहरे का उल्लास,मोबाइल लैपटाप पर देखा रावण दहन

राम की नगरी अयोध्या समेत समूचे उत्तर प्रदेश में असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक दशहरा कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुये मनाया गया।

12:38 AM Oct 26, 2020 IST | Shera Rajput

राम की नगरी अयोध्या समेत समूचे उत्तर प्रदेश में असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक दशहरा कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुये मनाया गया।

कोरोना से फीका दशहरे का उल्लास मोबाइल लैपटाप पर देखा रावण दहन
राम की नगरी अयोध्या समेत समूचे उत्तर प्रदेश में असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक दशहरा कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुये मनाया गया। 
लखनऊ और अयोध्या समेत कई जिलों में रामलीला समितियों ने रावण दहन का प्रसारण यू ट््यूब और अन्य डिजीटल माध्यमों के जरिये किया। कोरोना संक्रमण के चलते इस साल काफी कम संख्या में रावण दहन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था और जहां भी रावण के पुतले जलाये गये वहां भी सीमित संख्या में दर्शकों ने रावण दहन देखा। दशहरे के अवसर पर इस साल लगने वाले मेलों की तादाद भी काफी कम रही। लोगों ने रामलीला मैदान जाने के बजाय घरों में रहना उचित समझा। 
लखनऊ के ऐतिहासि ऐशबाग रामलीला मैदान पर 70 फिट ऊंचे रावण के पुतले का दहन उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा की मौजूदगी में किया गया। इस साल पुतले की थीम कोरोना वायरस का दहन पर आधारित थी। इससे पहले रामलीला का संक्षिप्त आयोजन किया गया। मैदान पर पदाधिकारियों को ही जाने की अनुमति थी जिसके लिये उन्हे बाकायदा पास दिये गये थे। दर्शक इस आयोजन से दूर रहे हालांकि उनके लिये रावण दहन कार्यक्रम का सजीव प्रसारण यू ट््यूब पर किया गया। 
अयोध्या स्थित लक्ष्मण किला परिसर में फिल्म और रंगमंच के दिग्गज कलाकारों से सुसज्जित रामलीला में 40 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया। रावण की भूमिका में अभिनेता शाहबाज खान थे जबकि अहिरावण की भूमिका बॉलीवुड अभिनेता रजा मुराद ने निभाई। 
देवरिया में असत्य पर सत्य की विजय का पर्व बाकी वर्षों की तरह तामझाम के साथ नहीं मनाया गया। गणेशोत्सव के बाद शारदीय नवरात्र पर्व को लेकर कई तरह की पाबंदियों के वजह से उत्सव का उत्साह फीका रहा। कोरोना को देखते हुए इसका असर रावण दहन पर भी दिखा। इस साल कोरोना संक्रमण के चलते त्योहारों व सार्वजनिक कार्यक्रमों पर भी असर पड़ है। 
झांसी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ताओं ने संघ का स्थापना दिवस शस्त्र पूजन कर मनाया। महानगर समेत पूरे जनपद में मनाये गये इस कार्यक्रम पर भी कोविड-19 का असर साफ दिखायी दिया। इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया। महानगर के विभिन्न करीब एक दर्जन स्थानों पर संघ द्वारा शस्त्र पूजन के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। हालांकि इस बार का यह एक अलग प्रयोग था। संघ की स्थापना 1925 में डॉ़ के हेडगेवार ने दशहरे के दिन की थी। विजयदशमी पर शस्त्र पूजन का विधान है। 
कानपुर में रावण दहन का मुख्य कार्यक्रम परेड स्थित रामलीला मैदान पर श्री रामलीला सोसाइटी द्वारा किया गया। लंकापति के वध के बाद होते ही परेड मैदान में भव्य आतिशबाजी के साथ रावण मेघनाथ और कुंभकर्ण का पुतला दहन किया गया। सोसायटी के प्रधानमंत्री कमल किशोर अग्रवाल ने विधि विधान से भगवान राम लक्ष्मण के साथ वीर हनुमान का पूजन अर्चन किया। कमेटी पदाधिकारियों के साथ सांसद सत्यदेव पचौरी और विधायक अमिताभ बाजपेई भी पूजन में मौजूद रहे। 
इटावा में बसरेहर कस्बा स्थित रामलीला मैदान पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की मौजूदगी में रावण दहन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। श्री यादव ने प्रदेशवासियों को दशहरा की बधाई देते हुए दावा किया कि 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रसपा बुराई का अंत कर सरकार बनाएगी। 
आतिशबाजों के शहर उन्नाव में दशहरा के मौके पर रावण दहन के दौरान गिनेचुने दर्शक दिखायी दिये। फतेहपुर के बिंदकी में रावण दहन के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे। चित्रकूट में रावण दहन पुरानी बाजार रामलीला कमेटी की ओर से किया गया। कमेटी ने रामलीला का मंचन नहीं कराया था लेकिन प्रतीकात्मक रूप से दशहरा मनाया गया। पुतला दहन होते ही चारों ओर जय श्रीराम के जयकारे गूंज उठे। लोगों ने एक दूसरे को विजयादशमी की बधाई दी।
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Shera Rajput

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