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Explainer: कितना खूंखार आतंकी था Hashim Musa? सेना ने मुठभेड़ के दौरान किया ढेर

06:59 PM Jul 28, 2025 IST | Amit Kumar
explainer  कितना खूंखार आतंकी था hashim musa  सेना ने मुठभेड़ के दौरान किया ढेर
Hashim Musa

Explainer: भारतीय सेना को आज यानी 28 जुलाई को बड़ी कामयाबी मिली है. सेना ने लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर और पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड Hashim Musa को श्रीनगर के लिडवास जंगल में एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया। इस ऑपरेशन का नाम था "ऑपरेशन महादेव", जो 96 दिन तक चला। आइए जानते हैं इस आतंकी की पूरी कहानी, इसके हमलों का इतिहास और सेना की इस जीत का क्या मतलब है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के बाइसरन घाटी में 5 आतंकियों ने 26 टूरिस्ट्स पर हमला किया था। इसमें ज्यादातर हिंदू थे। एक ईसाई और एक स्थानीय मुस्लिम भी मारे गए थे। हमले में M4 कार्बाइन और AK-47 जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया गया। इस हमले की जिम्मेदारी पहले TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) ने ली थी, लेकिन बाद में इनकार कर दिया था. Z-मोर्ह टनल के पास हुए इस हमले में 6 मजदूरों और 1 डॉक्टर की जान गई थी। इस हमले के पीछे भी लश्कर से जुड़े आतंकी थे और Hashim Musa  का नाम सामने आया था।

कौन था Hashim Musa?

  • Hashim Musa उर्फ सुलैमान शाह पाकिस्तान का स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) कमांडो रह चुका था।
  • 2022 में वह भारत में घुसपैठ कर लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया।
  • उसने कई हमलों की प्लानिंग की और खुद लीड किया।
  • वह बारामुला, गंदरबल, पहलगाम और सोनमर्ग जैसे हमलों में शामिल रहा।
  • वह दाचीगाम और लिडवास के जंगलों में छिपकर ऑपरेशन चला रहा था।

ऑपरेशन महादेव: कैसे हुआ एनकाउंटर?

1. सुराग और तैयारी:

सेना ने ह्यूमिन्ट (मानव खुफिया), ड्रोन और थर्मल इमेजिंग के जरिए Hashim Musa की लोकेशन पता की। लिडवास के जंगलों में उसकी गतिविधि देखी गई।

2. मुठभेड़:

28 जुलाई की सुबह सेना ने लिडवास को चारों तरफ से घेर लिया। Hashim Musa और उसके दो साथियों ने फायरिंग की। करीब 6 घंटे चली मुठभेड़ में तीनों मारे गए।

3. सबूत:

एनकाउंटर के बाद AK-47, IED, ग्रेनेड, पाकिस्तानी पासपोर्ट और ISI से जुड़ा सैटेलाइट फोन बरामद हुआ। इससे Hashim Musa की पाकिस्तान से सीधी लिंक साबित हुई।

ऑपरेशन की खास बातें

  • स्वदेशी टेक्नोलॉजी: सेना ने खुद के बनाए ड्रोन, रडार और थर्मल कैमरे का इस्तेमाल किया।
  • सटीक हमला: आम लोगों को कोई नुकसान न हो, इसका पूरा ध्यान रखा गया।
  • लंबी रणनीति: 96 दिन तक चले ऑपरेशन में प्लानिंग, निगरानी और घेराबंदी शामिल थी।
  • आधुनिक साधन: रात में नजर रखने के लिए थर्मल कैमरे, IED को निष्क्रिय करने के लिए रोबोट का इस्तेमाल किया गया।

भारत की सुरक्षा पर असर

Hashim Musa की मौत लश्कर-ए-तैयबा के लिए बड़ा झटका है। इससे न सिर्फ घाटी में आतंक कम होगा, बल्कि पाकिस्तान से भेजे गए हाई-प्रोफाइल आतंकियों का नेटवर्क भी कमजोर हुआ है। सेना की इस सफलता से आम लोगों का भरोसा बढ़ा है और आतंकी संगठनों को कड़ा संदेश गया है कि भारत में घुसपैठ की अब कोई जगह नहीं।

‘भारत के सैनिक शेर हैं’, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान Rajnath Singh की Pakistan को दो टूक

लोकसभा में सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने पाकिस्तान (Pakistan) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शेर अगर मेंढकों को मारे तो उसका बहुत अच्छा संदेश नहीं जाता। भारत के सैनिक शेर हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान कहा, “हमारा इतिहास है कि हमने कभी भी किसी की एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा, “शेर अगर मेंढकों को मारे तो उसका बहुत अच्छा संदेश नहीं जाता। हमारी सेना शेर है। पाकिस्तान जैसा, जो अपने अस्तित्व के लिए दूसरों पर आश्रित हो, उससे मुकाबले का मतलब है अपना स्तर कम करना। हमारी नीति है, आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करना। हमारा पाकिस्तान विरोध उनकी आतंकवाद की नीति के कारण है।”

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Amit Kumar

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