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असम में मौत के सैलाब ने मचाई तबाही, भयावह हालात में 54.5 लाख लोग प्रभावित, अबतक 101 की गयी जान

असम में बाढ़ की स्थिति बृहस्पतिवार को भी गंभीर बनी रही। सैलाब से 54.5 लाख से ज्यादा लोग अब भी प्रभावित हैं तथा 12 और लोगों की मौत हुई है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में मई के मध्य में आई बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या अब 101 हो गई है।

04:50 PM Jun 23, 2022 IST | Ujjwal Jain

असम में बाढ़ की स्थिति बृहस्पतिवार को भी गंभीर बनी रही। सैलाब से 54.5 लाख से ज्यादा लोग अब भी प्रभावित हैं तथा 12 और लोगों की मौत हुई है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में मई के मध्य में आई बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या अब 101 हो गई है।

असम में बाढ़ की स्थिति बृहस्पतिवार को भी गंभीर बनी रही। सैलाब से 54.5 लाख से ज्यादा लोग अब भी प्रभावित हैं तथा 12 और लोगों की मौत हुई है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में मई के मध्य में आई बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या अब 101 हो गई है। 
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36 में से 32 जिलों में बाढ़ ने मचाया कहर 
इस बीच बाढ़ की वजह से राज्य के स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां एक हफ्ते पहले ही घोषित कर दी गई हैं। शिक्षा विभाग के सचिव भरत भूषण देव चौधरी ने एक अधिसूचना में कहा कि छुट्टियां 25 जून से 25 जुलाई तक होंगी। पहले यह छुट्टियां एक जुलाई से 31 जुलाई तक होनी थीं। उन्होंने इसकी वजह भीषण बाढ़ को बताया है। 
राज्य के कुल 36 में से 32 जिलों का बड़ा हिस्सा पानी में डूबा हुआ है। अधिकांश प्रभावित जिलों में ब्रह्मपुत्र और बराक नदियां तथा उनकी सहायक नदियां उफान पर हैं। हालांकि कुछ जगहों पर बाढ़ का पानी कम हुआ है। 
एनडीआरएफ ने 14,500 से अधिक लोगों को बचाया
बुलेटिन के मुताबिक, आज एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों ने राज्य भर में 276 नावों की मदद से कुल 3658 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। एक अधिकारी ने बताया कि असम के 12 बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ ने 14,500 से अधिक लोगों को बचाया है। 
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के सहायक कमांडेंट संतोष कुमार सिंह ने  बताया कि बल की पहली बटालियन प्रभावित जिलों में बचाव अभियान चला रही है और बुरी तरह से प्रभावित जिलों में 70 से ज्यादा नौकाएं और 400 कर्मियों को तैनात किया है। 
खतरे के निशान से ऊपर बह रही है अधिकतर नदियां 
संतोष कुमार सिंह ने कहा कि अन्य बटालियन से आठ टीमें मंगलवार से हवाई मार्ग से सिलचर पहुंची हैं जिनमें 207 कर्मी शामिल हैं। सिंह ने बताया कि एनडीआरएफ कामरूप, कामरूप ग्रामीण, बोंगाईगांव, बारपेटा, बजली, होजई, नलबाड़ी, दारांग, तामुलपुर, नगांव, उदलगुरी और कछार में बचाव अभियान चला रहा है। उन्होंने कहा कि बल प्रभावित लोगों को राहत सामग्री वितरित करने में जिला प्रशासन की सहायता भी कर रहा है। 
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के बुलेटिन के अनुसार, कोपिली नदी नगांव जिले के कामपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जबकि, शिवसागर में दिसांग नदी, निमाटीघाट, तेजपुर, गोपालपाड़ा और धुबरी में ब्रह्मपुत्र नदी तथा करीमगंज, कछार और हैलाकांडी जिलों में बराक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कछार जिले में 565 गांवों के कुल 2,32,002 लोग, करीमगंज में 469 गांवों के 2,81,271 लोग और हैलाकांडी में 98 गांवों के 51,000 से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में हैं। 
मुख्यमंत्री सरमा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर 
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए बृहस्पतिवार को सिलचर का दौरा करने वाले हैं। राज्य के 32 जिलों की कुल 54,57,601 आबादी बाढ़ से प्रभावित है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने बृहस्पतिवार को जारी बुलेटिन में बताया कि बारपेटा का सबसे बुरा हाल है जहां 11,29,390 लोग प्रभावित हैं। 
उसने कहा कि मूसलाधार बारिश के कारण विनाशकारी बाढ़ आई है जिसने 112 राजस्व मंडलों और 4941 गांवों को प्रभावित किया है। इस वजह से 2,71,125 लोगों को 845 राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। 
बुलेटिन के अनुसार, दीमा हसाओ जिले के बेथानी गांव से भूस्खलन की सूचना मिली है जबकि करीमगंज के बरथल में विभिन्न स्थानों पर 19 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। 
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