टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

पॉवर टर्बाइन फटने की घटना को दफन कर दिया शुगर मिल प्रबंधन ने

NULL

01:18 PM Mar 10, 2018 IST | Desk Team

NULL

करनाल : सोनीपत शुगर मिल में पॉवर टर्बाइन फटने से चीनी मिल को करोड़ो रुपए का घाटा होने के बाद भी इस मामले में किसी भी जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी को न तो संस्पैंड किया गया और न ही चार्जशीट किया गया है। जबकि इस घटनाक्रम के कारण 2016-17 का पिराई सत्र बीच में ही बंद हो गया था। किसानों को गन्ने के लिए दर-दर भटकना पड़ा था। इसको लेकर किसानों ने धरने प्रदर्शन भी किए गए थे। ऐसी क्या मजबूरी तत्कालीन एम.डी सुभिता ढाका की रही, जो उन्होंने इतनी बड़ी घटना के लिए किसी भी अधिकारी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया। आमतौर पर शुगर मिल के एम.डी पद पर ऐसे जिम्मेदार अधिकारी लगाए जाते है। जिन्हें बिना किसी अनुमति के किसी भी अधिकारी और कर्मचारी को संस्पैंड करने की पॉवर होती है।

Advertisement

इस पॉवर को तो यह इस्तेमाल कर छोटे-छोटे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई ही नहीं करते बल्कि उन्हें धमका तक देते है। लेकिन यहां तत्कालीन एम.डी सुभिता ढाका ने अपनी पॉवर का उपयोग तरीके से नहीं किया। तीन अप्रैल-2017 को पिराई सत्र के बीच में टर्बाइन फटने से सोनीपत शुगर मिल में यह हादसा हुआ। इसमें किसी की जान भी जा सकती थी। इसके कारण शुगर मिल बंद हो गया और किसानों को गन्ने की पिराई के लिए दर-दर भटकना पड़ा। इस सबकी वजह से लगभग 10 करोड़ से अधिक का नुक्सान हुआ था। इसके बाद भी तत्कालीन एम.डी सुभिता ढाका की निष्क्रियता कई सवाल खड़े कर देती है। इसके लिए जो डिप्टी चीफ इंजीनियर जिम्मेदार था।

उसके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नही की। उलटा तत्कालीन एम.डी सुभिता ढाका गोहाना स्थानांतरित होने के बाद प्रबंधन ने डिप्टी चीफ इंजीनियर को ईनाम स्वरूप डेपुटेशन पर गोहाना सुभिता ढाका के पास भेज दिया। इसे ईमानदार सरकार का ईनाम समझा जाएं या फिर दंड। यह तो समझदार लोगों की ही समझ में आ सकता है। यहां पर आज तक न तो किसी कर्मचारी और न ही अधिकारी को चार्जशीट किया गया। यह भी तत्कालीन एम.डी सुभिता ढाका व प्रबंधन पर सवाल खड़े करता है। इसके क्या कारण रहे, इसकी जांच भी विजिलैंस से नहीं करवाई गई। इतने बड़े मामले को दफन कर दिया गया। जबकि यह मामला कई लोगो को बेनकाब कर सकता था ओर जो शुगर मिल सोनीपत में नुक्सान हुआ वह किसान और आम कर दाता का हुआ। अधिकारियों को इससे क्या लेना-देना।

24X7  नई खबरों से अवगत रहने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Advertisement
Next Article