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भारतीय क्रिकेट टीम का भी सेना बलों को सलाम!

03:45 AM Sep 18, 2025 IST | Firoj Bakht Ahmed

कमाल की बात है कि भारतीय सेना बलों की तारीफ में दुबई में भारत-पाक क्रिकेट मैच में पाकिस्तान को धूल चटाने के बाद खिलाड़ियों की ओर से अति गंभीरता के साथ टीम के गंभीर कोच, गौतम गंभीर ने देश के सभी सैनिक बलों का यह कहते हुए धन्यवाद दिया कि यह जीत पहलगाम के शहीदों और उनके परिवारों को समर्पित है। अभी हाल ही में कोलकाता के विजय दुर्ग (पूर्व सेंट विलियम) में "ईस्टर्न कमांड" के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के सभी सेना बालों की प्रशंसा करते हुए कहा ‘ऑपरेशन सिंदूर’, ‘ऑपरेशन महादेव’, ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ में भारतीय सेना व अर्द्ध सैनिक बलों ने अति प्रशंसनीय भूमिका निभा कर देश को गौरवान्वित ही नहीं किया है, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस अवसर पर उन्होंने ‘भारतीय सशस्त्र बल विजन 2047’ का दस्तावेज भी जारी किया। यह दस्तावेज सभी भारतीय बालों का मार्ग प्रशस्त करता है।
कम ही लोगों को पता है कि आज दुनिया के सभी सशस्त्र पुलिस बलों में भारत की ‘सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स’ का उच्चतम स्थान है, जिसकी पुष्टि कुछ ही दिन पहले एनवाईपीडी (न्यू यॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट) ने की है। सीआरपीएफ के अध्यक्ष डीजी ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह जो कि 1991 बैच के आईएएस अफसर हैं, मानते हैं कि अब से नहीं, अंग्रेज़ों के जमाने से ही भारतीय सैनिक बलों व पुलिस एक नंबर पर रहे हैं और इनके पास आधुनिकतम हथियार व अन्य सामग्री है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के नेतृत्व में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल ने इसी तरह की सफलता की एक और कहानी तब लिखी जब ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के जरिए इसी साल छत्तीसगढ़ सीमा पर अबूझमाड़ क्षेत्र में एक विशेष अभियान के जरिए शीर्ष माओवादी नेता नंबाला केशव राव सहित 27 नक्सलियों को मार गिराया। 2024 में 928 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और 2025 के पहले छह महीनों में ही 800 से ज्यादा नक्सलियों ने हथियार डाल दिए हैं। अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सुरक्षा बलों ने 10 नक्सलियों को ढेर कर दिया, जिनमें प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के केंद्रीय समिति सदस्य मनोज उर्फ मोडेम बालकृष्ण भी था, जिस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम था।
पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा, द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की ज़िम्मेदारी भी ली थी। लगातार भारत की पीठ पर वार कर रहे पाकिस्तानी आतंकवादियों को अब सीधा सबक सीखाना जरूरी था। प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत आत्मरक्षा के अधिकार के अनुच्छेद 51 का प्रयोग करते हुए ऑपरेशन सिंदूर चलाने का सेना को अधिकार दे दिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी आतंकवा​िदयों को ऐसा सबक सिखाया कि वे वर्षों इसका दर्द महसूस करते रहेंगे। पाकिस्तान को घुटने टिकाने पर मजबूर करने के बाद यह जरूरी था कि उन दरिंदों को भी खत्म किया जाए जिन्होंने पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या की थी। गृह मंत्री अमित शाह की देख-रेख में पहलगाम के दरिंदों को उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए 'ऑपरेशन महादेव' शुरू किया गया। सेना, अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के इस संयुक्त अभियान में पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े दो अन्य आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर के दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान के पास जंगलों में एक मुठभेड़ में मार गिराया गया। इन आतंकवादियों में से एक सोनमर्ग सुरंग हमले में भी शामिल था। यह एक बहुत ही सुनियोजित एवं पूर्ण तैयारी से की गई कार्रवाई थी, जिस पर देश के हर नागरिक को गर्व की अनुभूति हुईं। ‘ऑपरेशन महादेव’ एक जटिल एवं चुनौतीपूर्ण अभियान था। खुद गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि किस तैयारी से भारतीय सैन्य एवं पुलिस बल ने इस अभियान को अंजाम दिया। सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो महीने तक पहले खुफिया अभियान चलाया। 22 मई को ऑपरेशन महादेव शुरू हुआ और 28 जुलाई को समाप्त हुआ। सभी तरह की जांच और फोरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर जब यह पुष्टि हो गई कि इस अभियान में मारे गए तीनों आतंकवादी ही पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार थे तब इसकी घोषणा की गई। इसी तरह ऑपरेशन ब्लैक फ़ॉरेस्ट भी अर्ध सैनिक बलों की कार्यकुशलता का श्रेष्ठ उदाहरण हमारे सामने है। ऑपरेशन ब्लैक फ़ॉरेस्ट के तहत सुरक्षा बलों ने नारायणपुर और बीजापुर ज़िलों के बीच छत्तीसगढ़ सीमा पर अबूझमाड़ क्षेत्र में एक विशेष अभियान के जरिए शीर्ष माओवादी नेता नंबाला केशव राव सहित 27 नक्सलियों को मार गिराया था। इस ‘ब्लैक फॉरेस्ट ऑपरेशन’ की नींव 2022 में ही रख दी गई थी। इस अभियान के ही कारण छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र से 54 नक्सलियों की गिरफ्तारी हुईं और 84 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के अभियान में मारा गया माओवादी नेता नम्बाला केशव राव भाकपा-माओवादी का महासचिव था और गुरिल्ला युद्ध में विशेषज्ञता उसे हासिल थी। वह 2010 के दंतेवाड़ा नरसंहार का भी मास्टरमाइंड था, जिसमें 76 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे। गृहमंत्री अमित शाह ने एक बड़े नक्सल नेटवर्क को खत्म करने में शामिल सभी जवानों को सम्मानित किया। सीआरपीएफ माववादियों द्वारा चलाए जा रहे नक्सली अभियान को जड़ से खत्म करने में लगा है। इसके अलावा इन अर्धसैनिक बलों का उपयोग देश में शांतिपूर्वक चुनाव कराने, दंगा नियंत्रण करने और आंतरिक सुरक्षा को यकीनी बनाने में भी किया जा रहा है। जय हिंद!

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