दिल्ली दंगो का मास्टर-प्लान आया सामने, उमर खालिद ने सब कैसे किया, पुलिस ने बताया
बाबरी मस्जिद और कश्मीर के मुद्दे पर मुसलमानों के मन में डर पैदा करने की कोशिश की
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को बड़ी साजिश के मामले में सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि उमर खालिद, शरजील इमाम, खालिद सैफी और मीरान हैदर ने सीएए-एनआरसी के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ एक जैसे भाषण दिए। उन्होंने तीन तलाक, बाबरी मस्जिद और कश्मीर के मुद्दे पर मुसलमानों के मन में डर पैदा करने की कोशिश की। दिल्ली पुलिस ने कहा कि कश्मीर मुद्दा मुसलमानों के लिए चिंता का विषय कैसे हो सकता है, यह राष्ट्रीय एकीकरण की चिंता है।
दिल्ली पुलिस के विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) ने यह भी कहा कि प्रत्येक विरोध स्थल पर छात्रों द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप जामिया समन्वय समिति (जेसीसी) के माध्यम से निगरानी और नियंत्रण किया जा रहा था।
एसपीपी अमित प्रसाद ने न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति शालिंदर कौर की पीठ को बताया कि “व्हाट्सएप ग्रुप जेसीसी और जेएसीटी का गठन उमर खालिद के निर्देश पर किया गया था।” एसपीपी ने आगे कहा कि महिलाओं और बच्चों के इस्तेमाल का निर्देश उमर खालिद ने दिया था। वह जंतर-मंतर पर जहांगीरपुरी की महिलाओं से मिला था। इन महिलाओं को जहांगीरपुरी से शाहीन बाग और उसके बाद विरोध प्रदर्शन के लिए जाफराबाद ले जाया गया, जहां पथराव हुआ।
आगे कहा गया कि उमर खालिद ने चक्का जाम के लिए सड़कों पर उतरने के लिए एक निश्चित तारीख दी थी। 24 फरवरी, 2020 को हिंसा शुरू होने के बाद से उसने फोन कॉल करना शुरू कर दिया। एसपीपी अमित प्रसाद ने कहा कि दंगों के दौरान दिल्ली से बाहर रहने की उसकी एक ठोस योजना थी ताकि वह फंस न जाए। यह भी कहा गया कि इस बात के सबूत हैं कि हिंसा से एक दिन पहले उमर खालिद बिहार में भाषण देने के नाम पर दिल्ली से निकला था।
लंबी बहस सुनने के बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई 21 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी और दिल्ली पुलिस से आरोपियों के खिलाफ़ मौजूद सामग्री पर एक नोट दाखिल करने को कहा। सुनवाई के दौरान, दिल्ली पुलिस ने कई संरक्षित गवाहों के बयान का हवाला दिया और कहा कि आसिफ इकबाल को उमर खालिद से आदेश मिला था। सैफुल इस्लाम ने कहा कि उन्हें उमर खालिद और नदीम खान से निर्देश मिले थे। दिल्ली पुलिस ने कहा कि उमर खालिद और नदीम खान के निर्देश पर जेसीसी का गठन किया गया था। दिल्ली पुलिस ने रोमियो के बयान का हवाला दिया, जिसने कहा कि उमर खालिद भी शाहीन बाग़ आया था और उसने भड़काऊ भाषण दिया था।
एक अन्य गवाह स्मिथ ने कहा कि उमर खालिद यामीन के घर आया था, जहाँ उसने कथित तौर पर कहा कि “भले ही हमें सीएए एनआरसी पर सरकार पर दबाव बनाने के लिए दंगा करना पड़े, हम तैयार हैं। हमने हथियार जमा कर लिए हैं।” दिल्ली पुलिस ने एक अन्य गवाह के बयान का हवाला दिया कि जहाँगीरपुरी की बांग्लादेशी महिलाओं को उमर खालिद से उसके पिता एसक्यूआर इलियास ने मिलवाया था। खालिद और एसक्यूआर इलियास ने कहा कि इन महिलाओं को शाहीन बाग ले जाने की जरूरत थी। एसपीपी अमित प्रसाद ने एक बयान का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें अमानुल्लाह ने बताया था कि साजिश के तहत उमर खालिद 23 फरवरी को दिल्ली में नहीं रहेगा। बयान के अनुसार यह भी कहा गया कि उमर खालिद और नदीम खान ने सैफुल इस्लाम के माध्यम से मस्जिद के इमाम से घोषणाएँ करने के निर्देश दिए थे।
दिल्ली पुलिस ने बयान का हवाला देते हुए कहा कि “जेसीसी में हर निर्देश उमर खालिद और नदीम खान से आता था।” यह भी आरोप लगाया गया कि आसिफ इकबाल तन्हा और हैदर (मीरन) दिसंबर 2019 में हिंसा के पहले चरण का हिस्सा थे और फिर दूसरे चरण में उन्हें बड़ी भूमिका दी गई। पैटर्न वही था जिसमें सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया और पुलिस पर हमला किया गया। पीठ ने पूछा कि “आसिफ को जमानत क्यों दी गई है? एसपीपी ने कहा कि इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी और जमानत आदेश को मिसाल के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। दिल्ली पुलिस ने कहा कि दंगों के मामलों में 751 एफआईआर दर्ज की गई हैं। 53 मौतें हुईं और 106 पुलिसकर्मियों सहित 530 लोग घायल हुए। बड़े पैमाने पर विनाश, चोट और हत्या हुई।