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फिर सुलग सकता है मिडिल ईस्ट! ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की तैयारी में इजराइल

मिडिल ईस्ट में फिर भड़क सकता है युद्ध का माहौल

03:46 AM May 21, 2025 IST | Shivangi Shandilya

मिडिल ईस्ट में फिर भड़क सकता है युद्ध का माहौल

मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ने की आशंका है क्योंकि इजराइल ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने की तैयारी कर रहा है। अगर हमला होता है, तो यह अमेरिका की ईरान परमाणु डील नीति के खिलाफ होगा और पूरे क्षेत्र में नई जंग की शुरुआत हो सकती है। ईरान के पास संवर्धित यूरेनियम की मात्रा से परमाणु बम बनाने की क्षमता है।

Israel-Iran War: मिडिल ईस्ट एक बार फिर से तनाव की आग में झुलस सकता है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अनुसार, इजराइल ईरान के परमाणु ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर रहा है. हालांकि अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन वॉशिंगटन में इसे लेकर गंभीर चर्चा हो रही है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अगर इजराइल हमला करता है, तो यह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की गई ईरान परमाणु डील नीति के खिलाफ एक बड़ा कदम माना जाएगा. साथ ही इससे पूरे मिडिल ईस्ट में एक नई जंग की शुरुआत हो सकती है.

ईरान के पास कितना यूरेनियम है?

ईरान ने यूरेनियम संवर्धन की प्रक्रिया को तेज गति से आगे बढ़ाया है. इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के अनुसार, मार्च 2025 तक ईरान के पास लगभग 275 किलोग्राम 60% तक संवर्धित यूरेनियम मौजूद था. एक्स्पर्ट्स के अनुसार, अगर यह 90% शुद्धता तक पहुंच जाए, तो इससे लगभग 6 परमाणु बम बनाए जा सकते हैं.

यहां मौजूद हैं ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकाने

1. नतांज

यह ईरान का सबसे बड़ा यूरेनियम संवर्धन केंद्र है, जहां ज़मीन के नीचे हजारों सेंट्रीफ्यूज लगे हैं. यहां 60% तक शुद्धता वाला यूरेनियम तैयार हो रहा है.

2. फोर्डो

यह ठिकाना एक पहाड़ी के भीतर स्थित है और 2000 से अधिक अत्याधुनिक सेंट्रीफ्यूज से लैस है. जिनमें से कई IR-6 जैसे उन्नत मॉडल के हैं. ऐसे में इसे ध्वस्त करना बेहद कठिन है. यहां भी 60% तक शुद्धता वाला यूरेनियम तैयार हो रहा है.

3. इस्फहान

यहां यूरेनियम को गैस में बदला जाता है और बम निर्माण में प्रयुक्त धातु भी तैयार होती है.

4. खोंडाब

पहले जिसे अराक रिएक्टर कहा जाता था, यह प्लूटोनियम उत्पादन में सक्षम भारी जल रिएक्टर है. इसे 2015 में निष्क्रिय किया गया था लेकिन अब 2026 तक फिर से शुरू करने की योजना है.

5. तेहरान और बुशहर

तेहरान में अनुसंधान केंद्र है, जबकि बुशहर में एकमात्र परमाणु पावर प्लांट है, जिसे रूस ईंधन प्रदान करता है और वापस लेता भी है.

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जान-माल का कितना नुकसान होगा?

अगर इजराइल ने इस्फहान, अराक, नतांज और बुशहर जैसे ठिकानों पर हमला किया, तो हजारों निर्दोष लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है. एक अध्ययन के अनुसार, ऐसे हमले में 5,000 से 80,000 तक लोगों की जान जा सकती है. इस्फहान जैसे शहरों में 70,000 से 3 लाख लोग मारे जा सकते हैं या रेडिएशन से गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं.

क्या इजराइल के लिए हमला करना संभव है?

हालांकि इजराइल के पास सटीक हमले करने की क्षमता है, लेकिन ईरान के ठिकानों की भूमिगत संरचना को देखते हुए यह आसान नहीं होगा. अमेरिका के पास “बंकर-बस्टिंग” बम हैं जो ऐसे ठिकानों को निशाना बना सकते हैं, लेकिन इजराइल के पास ऐसे हथियारों की मौजूदगी की पुष्टि नहीं है.

हमले का जवाब क्या होगा?

अगर हमला होता है, तो ईरान भी पलटवार कर सकता है. अमेरिकी सैन्य ठिकाने, खासकर खाड़ी देशों में तैनात सेनाएं खतरे में आ सकती हैं. इजराइल के शहरों पर मिसाइल हमले की आशंका है. वहीं, कतर जैसे देश, जहां अमेरिका का सबसे बड़ा एयरबेस है, शायद इस हमले में खुलकर साथ न दें.

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