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लाल किले की प्राचीर से दिखी आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर

06:00 AM Aug 19, 2025 IST | Rohit Maheshwari
लाल किले की प्राचीर से दिखी आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 12वीं बार राष्ट्र को संबोधित किया। पीएम के संबोधन में आत्मनिर्भर भारत की जो सुखद तस्वीर दिखाई दी, पीएम ने आत्मनिर्भर भारत को विकसित और सशक्त भारत की नींव बताया। प्रधानमंत्री मोदी लाल किले से 103 मिनट तक बोले। यह किसी भी प्रधानमंत्री का, लाल किले से अभी तक सबसे लंबा भाषण है। प्रधानमंत्री ने कई मुद्दों को छुआ और यह एक परंपरा रही है। उन्होंने देश के रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, तकनीक और कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में हुई उपलब्धियों को गिनाते हुए भारत की आत्मनिर्भर यात्रा का उल्लेख किया। अंतरिक्ष में भारत का स्टेशन बनाने की बात भी कही। हाल ही में अंतरिक्ष से यात्रा कर लौटे शुभांशु शुक्ला का भी प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया। प्रधानमंत्री के पूरे भाषण के एक- एक शब्द पर विचार करें तो इस बात का सहज आभास होता है कि पिछले एक दशक में भारत कितना बदला है। भारत के सोचने, समझने और कार्यशैली में कितना बड़ा अंतर आया है। पीएम ने जितनी भी घोषणाएं लाल किले की प्राचीर से की, वो सभी अहम हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण और सुखद घोषणा यह की कि साल के अंत तक हम ‘मेड इन इंडिया’ सेमीकंडक्टर चिप बनाने लगेंगे। यदि यह घोषणा जमीनी स्तर पर साकार हो जाए तो आने वाले 10-15 सालों में भारत वाकई ‘सोने की चिड़िया’ वाला देश बन सकता है। यह अतिशयोक्ति नहीं है, बल्कि वैश्विक वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के आंकलन हैं।

भारत एक व्यापक, विविध देश है, जनसंख्या 146 करोड़ से अधिक है, निवेश पर्याप्त हैं और सरकार की प्राथमिकता है, लिहाजा व्यापक स्तर पर ‘चिप’ का उत्पादन संभव है। हालांकि हम अभी चीन, अमेरिका, ताइवान सरीखे देशों से बहुत पीछे हैं। वे ‘चिप्स क्रांति’ के देश हैं, जबकि भारत अभी शोध के दौर में रहा है। दुनिया डिजिटल क्रांति के दूसरे चरण में प्रवेश कर रही है, जहां सेमीकंडक्टर और चिप निर्माण एक रणनीतिक ताकत बन चुके हैं लेकिन भारत अब भी तैयारियों के शुरुआती मोड़ पर खड़ा है। हालांकि गुजरात और बेंगलुरु में कुछ प्लांट लगाए गए हैं। स्टार्ट-अप भी काम कर रहे हैं लेकिन अभी राष्ट्रीय उत्पादन के लिहाज से हम पीछे हैं। चीन आज दुनिया की ‘डिजिटल रीढ़’ है। माइक्रो चिप से लेकर मोबाइल फोन और सर्वर तक, हर जगह उसकी उपस्थिति है। अब भारत के लिए चिप का राष्ट्रीय उत्पादन, विस्तार और रोजगार ‘तकनीकी संप्रभुता’ का सवाल है। भारत के पास प्रतिभाशाली इंजीनियर और डिजाइनर हैं जो दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों के लिए ‘चिप निर्माण’ के सूत्रधार बने हैं। यदि प्रधानमंत्री मोदी अपनी घोषणा को साकार कराने और उसे निरंतरता देने में सफल रहे तो सेमीकंडक्टर चिप भारत के लिए ‘तेल’ साबित हो सकते हैं।

दूसरी महत्वपूर्ण और देशव्यापी घोषणा प्रधानमंत्री ने जीएसटी को लेकर की है। सरकार ने अपने प्रस्ताव जीएसटी परिषद को विचारार्थ भेज भी दिए हैं। जीएसटी के दायरे में 10 लाख से ज्यादा वस्तुएं हैं। उसकी स्लैब दरें 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी की जाती हैं तो यह देश के लिए वाकई ‘दीपावली का तोहफा’ होगा। ये वस्तुएं सस्ती हो सकती हैं-टूथ पाउडर, नमकीन, सूखे मेवे, टूथपेस्ट, साबुन, पेन किलर दवाएं, सब्जियां, कंडेंस्ड मिल्क, कुछ मोबाइल और कम्प्यूटर, सिलाई मशीन, प्रेशर कुकर, 1000 रुपए से ज्यादा के रेडीमेड कपड़े, 500-1000 रुपए की रेंज वाले जूते, बर्तन, ज्योमेट्री बॉक्स, नक्शे, कृषि मशीनरी, सोलर वाटर हीटर, पब्लिक वाहन, स्टोव, सीमेंट, फ्रिज, टीवी, एसी, वॉशिंग मशीन आदि। जाहिर है कि आम आदमी को राहत मिलेगी। अब सिर्फ दो ही स्लैब होंगे-5 फीसदी और 18 फीसदी। जीएसटी के दायरे में आने वाली मक्खन, फ्रूट जूस आदि वस्तुएं भी सस्ती होंगी।

सरकार का आंकलन है कि जीएसटी की दरें घटाने से लघु, सूक्ष्म, मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) में नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे, ठेका श्रमिक बढ़ेंगे, आम आदमी की खर्च योग्य आय भी बढ़ेगी। देश की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और जीडीपी 0.6 फीसदी से 0.7 फीसदी तक बढ़ सकती है। रोजगार देश की एक बुनियादी समस्या है। प्रधानमंत्री मोदी ने 1 लाख करोड़ रुपए की ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना’ की घोषणा की है। दावा किया जा रहा है कि इससे करीब 3.5 करोड़ युवाओं को नौकरियां और रोजगार मिल सकेंगे। लाल किले से गर्व भरे भाव में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि भारत अब अपनी सुरक्षा के लिए किसी और पर निर्भर नहीं है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इसका सबसे सटीक उदाहरण है, जिसमें भारत ने स्वदेशी तकनीक और हथियारों के दम पर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। देश ने स्वदेशी हथियार और टेक्नोलॉजी से खुद को इतना मजबूत बना लिया है कि किसी भी खतरे का जवाब तेजी से और अपने तरीके से दे सकता है। पीएम मोदी ने युवाओं से अपील की कि भारत को जेट इंजन जैसी उन्नत रक्षा तकनीक खुद बनानी चाहिए।

लाल किले से धरती से लेकर आसमान तक का जिक्र प्रधानमंत्री ने किया। उन्होंने ऐलान किया कि भारत जल्द ही अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाएगा। उन्होंने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत अब सिर्फ अंतरिक्ष में मौजूद नहीं है, बल्कि नेतृत्व करने की स्थिति में है। 300 से ज्यादा भारतीय स्टार्ट-अप स्पेस टेक्नोलॉजी, सैटेलाइट और एक्सप्लोरेशन पर काम कर रहे हैं, ये देश के अंतरिक्ष क्षेत्र को नए युग में ले जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों को सशक्त बनाने के लिए अब उर्वरकों का उत्पादन देश में ही बढ़ाना जरूरी है। अभी भारत एक बड़ी मात्रा में उर्वरक आयात करता है जिससे खर्च भी बढ़ता है और आत्मनिर्भरता भी प्रभावित होती है। घरेलू उत्पादन से खाद्य सुरक्षा, किसान कल्याण और अर्थव्यवस्था तीनों को मजबूती मिलेगी। नागरिकों से अपील करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ‘स्वदेशी’ सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि गर्व की बात होनी चाहिए।

उन्होंने दुकानदारों से अपील की कि वे अपनी दुकानों पर ‘स्वदेशी’ बोर्ड लगाएं और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दें। यह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि आर्थिक आजादी की दिशा में जनभागीदारी है। वोकल फॉर लोकल का जिक्र इससे पहले भी कई बार प्रधानमंत्री कर चुके हैं। जिस तरह अमेरिका टैरिफ की धमकियां भारत को दे रहा है। ऐसे में हमें ज्यादा से ज्यादा सामान देश के कारीगरों द्वारा बनाया हुआ खरीदना चाहिए। इससे देश की आर्थिकी को तो बूस्ट मिलेगा ही, वहीं रोजगार का सृजन भी होगा। प्रधानमंत्री ने ‘मिशन सुदर्शन चक्र’ की शुरुआत की घोषणा की, जिसका मकसद भारत की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करना है। यह मिशन श्रीकृष्ण के पौराणिक सुदर्शन चक्र से प्रेरित है और देश की रणनीतिक स्वायत्तता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी परंपरा और टेक्नोलॉजी को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण सिर्फ घोषणाओं का पुलिंदा नहीं, बल्कि भारत को आत्मनिर्भर, सशक्त और वैश्विक नेता बनाने की दिशा में ठोस रोडमैप है। हर क्षेत्र चाहे वो रक्षा हो, कृषि, तकनीक या स्वास्थ्य, भारत अब ‘निर्भर नहीं, निर्णायक’ बनने की ओर बढ़ चुका है।

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