टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

असल टाइगर तो क्रिकेटर हैं, फुटबॉलर तो मेमने हैं

क्रिकेट टीमें भारतीय खिलाड़ियों का सम्मान करती हैं चूंकि भारत ने क्रिकेट में बड़ा मुकाम पा लिया ह। इसके उलट फुटबाल में सिर्फ़ नाम के शेर है, प्रदर्शन तो मेमनों जैसा कर रहे हैं।

09:58 PM Feb 02, 2020 IST | Desk Team

क्रिकेट टीमें भारतीय खिलाड़ियों का सम्मान करती हैं चूंकि भारत ने क्रिकेट में बड़ा मुकाम पा लिया ह। इसके उलट फुटबाल में सिर्फ़ नाम के शेर है, प्रदर्शन तो मेमनों जैसा कर रहे हैं।

भारतीय क्रिकेट टीम के शानदार प्रदर्शन को देख कर आम भारतीय अपने खिलाड़ियों को अलग-अलग अलंकारों और संबोधनों से सजाने-संवारने लगा है तो भारतीय टीम को ब्ल्यू टाइगर्स नाम दिया जा रहा है।  वैसे यह नाम तो भारतीय राष्ट्रीय फुटबाल टीम को समर्पित किया जाता रहा है। लेकिन किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले भारतीय क्रिकेट टीम और फुटबाल टीम के बीच थोड़ा सा तुलनात्मक अध्यन कर लिया जाए।  जिस फुटबाल टीम को हमारे फुटबाल कमेंटेटर, एक्सपर्ट्स, खिलाड़ी, कोच और बेचारे फुटबाल प्रेमी टाइगर्स कहते आ रहे हैं, उसका हाल यह है कि साल  दर साल उसका कद घटता जा रहा है।  
Advertisement
कभी ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहे, वर्ल्ड कप खेलने का सम्मान मिला पर किसी कारणवश नहीं खेल पाए, दो बार एशियाड में गोल्ड जीतने में सफल रहे और दक्षिण एशियाई देशों में अव्वल भी थे| लेकिन पिछले कई सालों से हमारी फुटबाल की हवा निकलती जा रही  है।  आज आलम यह है कि भारत को ओलंपिक, विश्व कप और एशियाड में भाग लेने के काबिल नहीं समझा जाता।  आईएसएल और आई लीग शुरू हुई और खिलाड़ियों को विदेशी कोचों से ट्रेनिंग भी दिलाई गई लेकिन भारतीय फुटबाल ने जैसे नहीं सुधरने की कसम खा रखी है। 
जिस बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल और अफ़ग़ानिस्तान को मज़े मज़े में हरा देते थे उनसे पार पाना भी मुश्किल होता जा रहा है।  फिरभी हाल यह है कि भारतीय फुटबाल फ़ेडेरेशन के चाटुकार और नकारा कमेंटेटर अपनी राष्ट्रीय टीम को ब्ल्यू टाइगर्स बोल-बोल कर फुटबाल प्रेमियों को नाराज़ करते आ रहे हैं।  दूसरी तरफ क्रिकेट है जिसने गुमनामी और बदनामी से निकलकर पूरी दुनिया में भारत का डंका बजाया है। 
एक जमाना वह भी था जब भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम को बहुत गंभीरता से नहीं लिया जाता था।  फिर वह वक्त भी आया जब सुनील गावसकर, कपिल देव, सचिन जैसे चैम्पियन खिलाड़ियों ने अपने जाँबाज प्रदर्शन से भारतीय क्रिकेट की दशा-दिशा बदल डाली| धोनी और अब विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय क्रिकेट ने टेस्ट, एकदिनी सीमित ओवर और टी20 मुकाबलों में चैम्पियन का दर्ज़ा हासिल कर लिया है।  
जो देश कभी भारतीय क्रिकेट और खिलाड़ियों पर हंसते थे, फब्तियाँ कसते थे अब उन्हें ‘मैन इन ब्ल्यू’ और ‘ब्ल्यू टाइगर्स’ कह कर पुकारते हैं।  न्यूज़ीलैंड में भारत के प्रदर्शन और विराट के खिलाड़ियों की दहाड़ से क्रिकेट जगत हैरान है और हर कोई भारतीय टीम को एकदम अलग चश्मे से देखने लगा है। यह वही टीम है जिसने ज़रा सी चूक से विश्व कप का सेमीफाइनल गंवा दिया था और अब उसी विजेता न्यूज़ीलैंड को पानी​ पिला-पिला कर मार रही है। आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज जैसी क्रिकेट टीमें भारतीय खिलाड़ियों का सम्मान करती हैं चूंकि भारत ने क्रिकेट में बड़ा मुकाम पा लिया ह।  इसके उलट फुटबाल में सिर्फ़ नाम के शेर है, प्रदर्शन तो मेमनों जैसा कर रहे हैं।
Advertisement
Next Article