For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

कहानी 1983 की, जब भारत ने रचा था इतिहास, 42 साल पहले भारत पहली बार बना World Champion

06:38 PM Jun 25, 2025 IST | Juhi Singh
कहानी 1983 की  जब भारत ने रचा था इतिहास  42 साल पहले भारत पहली बार बना world champion

25 जून 1983… ये तारीख भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गई। आज से ठीक 42 साल पहले भारत ने वो किया था जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। कपिल देव की कप्तानी में भारतीय टीम ने पहली बार वनडे वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। और ये जीत यूं ही नहीं मिली थी फाइनल में सामने थी उस वक्त की सबसे ताकतवर टीम, वेस्टइंडीज।

 

 

टूर्नामेंट की शुरुआत भारत ने शानदार की थी। पहले ही मैच में वेस्टइंडीज को 34 रन से हराकर सबको चौंका दिया। फिर जिम्बाब्वे के खिलाफ भी जीत मिली। लेकिन इसके बाद मुश्किलें शुरू हो गईं। ऑस्ट्रेलिया से 162 रन से हार और फिर वेस्टइंडीज से 66 रन से हार के बाद लगने लगा था कि टीम इंडिया आगे नहीं जा पाएगी। लेकिन फिर आया वो मैच, जिसने सब कुछ बदल दिया। जिम्बाब्वे के खिलाफ मुकाबले में भारत की शुरुआत बेहद खराब रही। सिर्फ 17 रन पर 5 विकेट गिर गए थे। ऐसा लग रहा था कि टीम 50 रन भी नहीं बना पाएगी। तभी आए कपिल देव। उन्होंने कप्तानी पारी खेली। 128 गेंदों में नाबाद 175 रन बनाए। 16 चौके और 6 छक्के लगाए। कपिल की इस पारी की बदौलत भारत ने 60 ओवर में 266 रन बनाए। फिर गेंदबाजों ने भी कमाल कर दिया और जिम्बाब्वे को 235 पर ऑलआउट कर भारत को 31 रन से जीत दिलाई।

उस जीत के बाद पूरी टीम में नया आत्मविश्वास आ गया। अगले मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराया और फिर सेमीफाइनल में इंग्लैंड को हराकर भारत पहली बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा। और फाइनल का मैदान था लॉर्ड्स। .... क्रिकेट का मक्का।

फाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाज़ी की, लेकिन टीम सिर्फ 183 रन ही बना सकी। सामने थी वो वेस्टइंडीज टीम जिसने दो बार लगातार वर्ल्ड कप जीता था। लग रहा था कि ये टारगेट वो आसानी से हासिल कर लेंगे। लेकिन भारतीय गेंदबाज़ों ने इतिहास लिख दिया। मदन लाल, मोहिंदर अमरनाथ और पूरी बॉलिंग यूनिट ने ऐसा दबाव बनाया कि वेस्टइंडीज की पूरी टीम 140 रन पर ढेर हो गई। और भारत ने 43 रन से वो मैच जीत लिया।

 

ये सिर्फ एक जीत नहीं थी। ये भारतीय क्रिकेट का टर्निंग पॉइंट था। एक ऐसी टीम जिसे कोई सीरियसली नहीं लेता था, उसने पूरी दुनिया को बता दिया कि भारत क्रिकेट में कुछ भी कर सकता है। उसके बाद भारत ने दूसरा वर्ल्ड कप 2011 में एमएस धोनी की कप्तानी में जीता। लेकिन जो रास्ता था, वो 1983 में खुला था। 1983 की जीत ने देश को विश्वास दिया… उम्मीद दी… और एक नई पहचान दी। यही वजह है कि 25 जून को आज भी हर क्रिकेट फैन बड़े गर्व के साथ याद करता है।

Advertisement
Advertisement
Author Image

Juhi Singh

View all posts

Advertisement
×