तीनों सेनाध्यक्ष और CDS की राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात, Operation Sindoor की दी जानकारी
राष्ट्रपति से ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर चर्चा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से तीनों सेनाध्यक्ष और सीडीएस ने मुलाकात कर ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी साझा की। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए, जिसमें सौ से अधिक आतंकवादी मारे गए। राष्ट्रपति ने सेना के साहस और समर्पण की सराहना करते हुए इसे एक गौरवपूर्ण उपलब्धि बताया।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) व तीनों सेनाध्यक्ष बुधवार को राष्ट्रपति भवन पहुंचे। यहां सीडीएस और तीनों सेनाध्यक्षों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति के साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी जानकारी साझा की गई। गौरतलब है कि राष्ट्रपति तीनों सेनाओं आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की सुप्रीम कमांडर हैं। इस मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिक्रिया को सफल बनाने में सशस्त्र बलों के साहस और समर्पण की सराहना की। राष्ट्रपति ने सैन्य बलों के इस अभियान को एक गौरवपूर्ण उपलब्धि बताया है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी व नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ऑपरेशन सिंदूर के अनुभव बताए व इससे विस्तृत जुड़ी जानकारी दी।
General Anil Chauhan, Chief of Defence Staff, along with General Upendra Dwivedi, Chief of the Army Staff, Air Chief Marshal A. P. Singh, Chief of the Air Staff, and Admiral Dinesh K. Tripathi, Chief of the Naval Staff, called on President Droupadi Murmu and briefed her about… pic.twitter.com/ZU3GcK5Vux
— President of India (@rashtrapatibhvn) May 14, 2025
22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या की थी। इसके बाद भारतीय सेनाओं ने आतंकवादियों के खात्मे के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत पाकिस्तान और पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए गए। सेना के मुताबिक इन हमलों में सौ से अधिक आतंकवादी मारे गए। सेना द्वारा किए गए इस ऑपरेशन की जानकारी राष्ट्रपति को दी गई है।
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भारतीय सेना ने केवल आतंकवादियों और आतंकवादी ठिकानों को अपना निशाना बनाया था। इस दौरान पाकिस्तान के किसी भी सैन्य या नागरिक ठिकाने पर हमले नहीं किए गए। लेकिन पाकिस्तान आतंकवादियों के समर्थन में खड़ा हुआ और पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सैन्य और नागरिक ठिकानों को टारगेट करने की कोशिश की। हालांकि भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के सभी हमलों को विफल कर दिया। इतना ही नहीं भारतीय सेना के जवाबी हमले में पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा, उसकी एयर डिफेंस प्रणाली को भारतीय सेनाओं ने ध्वस्त कर दिया। पाकिस्तानी सेना अपने कई एयरबेस की भी रक्षा नहीं कर सकी।