युवा वैज्ञानिक का ‘देशद्रोही’ हो जाना
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दुनिया के तमाम देश अपने दुश्मनों का राज जानने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाते रहते हैं। युद्ध सिर्फ सरहदों तक सीमित नहीं रह गया बल्कि दुश्मन के घर में सेंध लगाकर अहम जानकारी जुटा लेना भी लड़ाई का अहम हिस्सा है। एक बार दुश्मन देश से जुड़ा कोई अहम दस्तावेज या खुफिया जानकारी हाथ लग जाए तो उसके खिलाफ रणनीति बनाना आसान हो जाता है और यह काम एक महिला जासूस से बेहतर कौन कर सकता है। पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी आईएसआई भी इन दिनों भारत के खिलाफ इसी हथियार का इस्तेमाल कर रही है जिसे कहा जाता है हनी ट्रेप। अमेरिका की सीआईए हो या कोई आैर देश, जासूसी के लिए महिलाओं के इस्तेमाल का इतिहास बहुत पुराना है। हाल ही में पाक के लिए जासूसी करने वालों की गिरफ्तारियां लगातार हो रही हैं। इन गिरफ्तारियों से साफ हो चुका है कि आईएसआई से जुड़ी महिलाएं फेसबुक पर भारतीय सेना के जवानों, रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े लोगों से दोस्ती गांठ रही हैं।
फेसबुक पर हुई इस दोस्ती में कभी भी सामने वाले की असलियत साफ नहीं होती। फेसबुक पर हुई यह दोस्ती कई बार प्यार और शादी के वायदों तक पहुंच जाती है। हनी ट्रेप के मिशन पर निकली महिला दोस्ती की आड़ में न सिर्फ जानकारियां हासिल करती है बल्कि कई बार अहम दस्तावेज भी उनके हाथ लग जाते हैं। ऐसी महिलाएं अपने शिकार को ब्लैकमेल भी करती हैं। अगर शिकार की कोई आपत्तिजनक तस्वीर या अहम बातचीत की कोई जानकारी हाथ लग जाए तो उसे जगजाहिर करने की धमकी दी जाती है और वह शख्स डर के मारे अहम राज भी उगल देता है। यौन संबंध बनाने का प्रलोभन भी दिया जाता है अाैर बात न बने तो पैसे देने का लालच भी दिया जाता है। दुःखद बात तो यह है कि आईएसआई के जाल में हमारी सेना, बीएसएफ के जवान भी फंस रहे हैं और उच्च पदों पर बैठे लोग भी।
उत्तराखंड के रहने वाले डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) के इंजीनियर निशांत अग्रवाल काे अमेरिका आैर पाकिस्तान काे गोपनीय जानकारियां देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में एक महिला वैज्ञानिक से भी पूछताछ की जा रही है और एक अन्य व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। निशांत नागपुर में चार वर्ष से ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट में काम कर रहा था और उससे जुड़ी गोपनीय जानकारियाें तक उसकी पहुंच थी। आरोप है कि उसने ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट से महत्वपूर्ण जानकारियां चोरी कर अमेरिका और पाकिस्तान के हैंडलरों तक पहुंचाईं। निशांत अग्रवाल को पिछले वर्ष यूनिट ने युवा वैज्ञानिक का पुरस्कार भी दिया था। जासूसी का मामला कोई नया मामला नहीं है लेकिन सबसे दुःखद बात तो है एक प्रतिभा सम्पन्न वैज्ञानिक का ‘देशद्रोही’ हो जाना। देश के गद्दार का टैग उस पर आजीवन लग जाना। निशांत के माता-पिता और परिवार सकते में हैं, उन पर क्या बीत रही होगी जिन्होंने उसे पढ़ाकर प्रतिभा संपन्न बनाया।
ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण भारत और रूस ने मिलकर किया है। सेना के जंगी बेड़े में शामिल ब्रह्मोस मिसाइल परमाणु हथियारों के साथ हमला करने में सक्षम है। यह 3700 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 290 किलोमीटर तक मार कर सकती है। कम ऊंचाई पर उड़ान भरने के कारण यह मिसाइल राडार की पकड़ में भी नहीं आती। रामायण और महाभारत में ब्रह्मास्त्र का उल्लेख मिलता है। ब्रह्मास्त्र एक बार इस्तेमाल हो जाए तो अपने लक्ष्य को भेद कर ही लौटता था। ब्रह्मोस तो भारतीय सेना का ब्रह्मास्त्र ही है। प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि यह मामला हनी ट्रेप से जुड़ा है लेकिन क्या इसमें पैसों का खेल भी हुआ, इसका पता तो जांच से ही चल पाएगा। यह साफ हो चुका है कि निशांत दो पाकिस्तानी महिलाओं के सम्पर्क में था। अब पता लगाया जा रहा है कि उसने कौन-कौन सी जानकारियां अमेरिका और पाक तक पहुंचाई हैं। यह देश की सुरक्षा में सबसे बड़ी सेंध है और देश के साथ सबसे बड़ा धोखा है।
इससे पहले बीएसएफ जवान को पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पकड़ा गया था। इस जवान को भी यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था। जवान ने फेसबुक पर रक्षा पत्रकार की गलत पहचान वाली एक महिला पाकिस्तानी हैंडलर को संवेदनशील जानकारी लीक कर दी थी। दिल्ली एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह को भी आईएसआई के लिए जासूसी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। खुलासा हुआ है कि आईएसआई ने जवानों को फंसाने के लिए फेसबुक पर हसीनाओं की फौज तैयार कर रखी है। सेना और एटीएस ने अधिकारियों, सेना और सुरक्षा जवानों को बचाने के लिए उन्हें मदद देने का फैसला किया था जो हनी ट्रेप में फंसे हुए हैं।
देश के युवा व्यक्तिगत लालच के चलते देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं तो इससे बढ़कर राष्ट्र से देशद्रोह क्या होगा। सुरक्षा तंत्र में सेंध लगाना चरित्र पतन की घृणित घटना है। आखिर युवाओं की मानसिकता को क्या हो गया है? देहरादून में पढ़ने वाले एक छात्र की फोटाे वायरल हो चुकी है जिसमें उसके आतंकवादी बनने की पुष्टि हो जाती है। जेहाद के नाम पर विषाक्त विचारधारा से प्रभावित होकर आतंकी बन जाना उसके लिए खतरनाक ही सिद्ध होगा। शिक्षित और संभ्रांत परिवारों के युवाओं का देश की सुरक्षा को ताक पर रखकर जासूसी करना कहीं न कहीं समाज को चौंकाता जरूर है। चंद पैसों की खातिर लोग अपना ईमान बेचने में लगे हुए हैं। ऐसे मामलों को जघन्य अपराध माना जाना चाहिए और ऐसे लोगों को कठोरतम सजा मिलनी ही चाहिए।