केंद्रीय बजट 2025: वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 4.4% निर्धारित
आगामी 5 वर्षों में सभी क्षेत्रों में संतुलित विकास होगा
केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4.4 प्रतिशत पर आंका है। 2024-25 वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4.9 प्रतिशत से संशोधित कर 4.8 प्रतिशत कर दिया गया है। बता दें कि पिछले साल 1 फरवरी को पेश किए गए अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने इसे जीडीपी के 5.1 प्रतिशत पर आंका था। बाद में, 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटे को घटाकर 5.8 प्रतिशत कर दिया गया।
#UnionBudget2025 दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “राजकोषीय घाटा, सकल घरेलू उत्पाद का 4.4% रहने का अनुमान है…” pic.twitter.com/eNxCoNDlQz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 1, 2025
क्या होता है राजकोषीय घाटा ?
सरकार के कुल राजस्व और कुल व्यय के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 प्रतिशत से नीचे लाना है। बजट भाषण में सरकार की राजकोषीय नीतियों, राजस्व और व्यय प्रस्तावों, कराधान सुधारों और अन्य महत्वपूर्ण घोषणाओं को रेखांकित किया गया। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार अगले पांच वर्षों को सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास को प्रोत्साहित करने के लिए सभी के लिए विकास को साकार करने के एक अनूठे अवसर के रूप में देखती है।
10 वर्षों में संरचनात्मक सुधार
केंद्रीय बजट 2025 पर लोकसभा को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ रही है। पिछले 10 वर्षों के हमारे विकास ट्रैक रिकॉर्ड और संरचनात्मक सुधारों ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। इस अवधि में भारत की क्षमता का विश्वास बढ़ा है। हम अगले 5 वर्षों में सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास को प्रोत्साहित करते हुए सबका विकास को साकार करने के एक अनूठे अवसर के रूप में देखते हैं।