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इस भारतीय खिलाड़ी ने 13 साल पहले दिखाई होती निरंतरता तो महेंद्र सिंह धोनी नहीं होते भारतीय टीम में

बल्लेबाज क्रिकेट में हमेशा अच्छा प्रदर्शन करता रहता है वही टीम में अपनी जगह बनाए रखता है। अगर एक बार उसका प्रदर्शन खराब रहने लगे तो वह अंदर और बाहर होता ही रहता है

03:23 PM Jun 05, 2018 IST | Desk Team

बल्लेबाज क्रिकेट में हमेशा अच्छा प्रदर्शन करता रहता है वही टीम में अपनी जगह बनाए रखता है। अगर एक बार उसका प्रदर्शन खराब रहने लगे तो वह अंदर और बाहर होता ही रहता है

बल्लेबाज क्रिकेट में हमेशा अच्छा प्रदर्शन करता रहता है वही टीम में अपनी जगह बनाए रखता है। अगर एक बार उसका प्रदर्शन खराब रहने लगे तो वह अंदर और बाहर होता ही रहता है या फिर वह टीम से बिल्कुल ही बाहर हो जाता है।

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आज के दौर आईपीएल क्रिकेट में नए-नए खिलाडिय़ों के लिए एक संजीवनी बनकर आया है। आईपीएल हर साल देश के लिए ऐसे नए-नए प्लेयर्स की खोज करता है जिन्हें भारतीय टीम में अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत अवसर मिल जाते हैैं।

आज के इस समय में हर खिलाड़ी चाहता है कि उसे राष्ट्रीय टीम में जगह मिल जाए और वह अपनी उस जगह को पक्का भी करना चाहते है। वह उस जगह में बने रहने के लिए अच्छा प्रदर्शन करने की पूरी कोशिश करते हैं और अपने खेल को ओर भी ज्यादा निखारते हैं। आज के कॉमपिटशन में अगर किसी खिलाड़ी की खराब फॉर्म हो जाए तो वह उसके लिए भी सरदर्द का सबब बन ही जाती है।

हर खिलाड़ी अपने अच्छे प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को प्रभावित करने में कोर्ई भी कसर नहीं छोड़ते हैं। तो वहीं दूसरी तरफ टीम में हर खिलाड़ी अपने प्रदर्शन को सही रखने की पूरी कोशिश करते हैं।

आज हम आपको टीम इंडिया के एक ऐसे विकेटकीपर-बल्लेबाज के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने खेल में ऐसी निरंतरता नहीं रख पाया। वही कारण की वजह से वह टीम में अंदर और बाहर होता रहा।

मौजूदा समय में यह खिलाड़ी आईपीएल की टीम कोलकाता नाइटराइडर्स की कप्तानी संभाल रहे हैं। आप समझ ही गए होंगे कि हम किस खिलाड़ी की बात कर रहें हैं। हम दिनेश कार्तिक की बात कर रहे हैं जिन्होंने इस साल आईपीएल में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है जिसकी वजह से चयनकर्ताओं ने एक बार फिर से उन्हें राष्ट्रीय टीम में जगह दे दी है।

निदहास ट्राफी का जब 18 मार्च 2018 को फाइनल मैच खेला जा रहा था तो एक समय ऐसा लगा था कि टीम इंडिया के हाथ से फाइनल की ट्राफी बांग्लादेश ने छीन ली है लेकिन उस समय दिनेश कार्तिक ने अपना खेल दिखाते हुए 8 गेंदों में 29 रनों की शानदार पारी खेलकर ट्राफी को भारत के नाम कर लिया था।

यह बल्लेबाज 11 साल में 20 मैैच खेल चुका है और पहले ही मैच में रहा था मैन ऑफ द मैैच

यह बल्लेबाज टी-20 का स्पेशलिस्ट कहा जाने वाला जब भी मैदान पर बल्लेबाजी करने उतरता है तो वह गेंदबाज को यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि इस बल्लेबाज को किसी तरफ बॉल डालूं।

कार्तिक ने अपने पहले ही टी-20 मैैच में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच का खिताब भी मिला था। इसके की वजह से दिनेश कार्तिक ने अपने पूरे कैरियर में सिर्फ टी-20 मैैच ही खेले हैं।

कार्तिक कब आए और कब चले गए

कार्तिक की बल्लेबाजी की तो पूरी दुनिया ही कायल है लेकिन इनका राष्ट्रीय टीम में ना खेल पाना बेहद ही दुखद रहा है। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच 1 दिसंबर 2006 को टी-20 मैच जो जोहान्सबर्ग में हुआ था यह मैच भारत का पहला मैच था और इस मैैच में वीरेंद्र सहवाग कप्तान थे।

इस मैच में साउथ अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 126 रन की शानदार पारी खेली थी। आज के समय में टी-20 मैच में यह स्कोर काफी कम लग रहा होगा लेकिन उस समय यह स्कोर बहुत बड़ा था।

भारतीय टीम के ओपनर बल्लेबाज और उस समय के कप्तान वींदे्रर सहवाग ने कुद साधी ही शुरूआत दी थी। उस समय टीम ने जल्दी ही अपने दो विकेट गवां दिए थे। उस मैच में महेंद्र सिंह धोनी भी शून्य बना कर आउट जो गए थे।

इफिर दिनेश कार्तिक ने आकर टीम की कमान संभाली थी और 28 गेंदों में 31 रन की शानदार पारी खेली थी और टीम को उस मैैच में जीत दिलाई थी और मैैन ऑफ द मैच का इनाम मिला था। क्रिकेट के इस दौर में निरंतरता रखना बहुत ही जरूरी है हर खिलाड़ी के लिए।

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