तिरंगा यात्रा-‘हर घर तिरंगा’
तिरंगा यात्रा एक ऐसी यात्रा है जिसमें लोग भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लेकर…
तिरंगा यात्रा एक ऐसी यात्रा है जिसमें लोग भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लेकर चलते हैं। आजकल तिरंगा यात्रा बड़े जोर-शोर और जोश से चल रही है। देशभक्ति, एकता और राष्ट्र प्रेम की भावना से भरपूर है तिरंगा यात्रा। तिरंगे के साथ यात्रा करके हम सबके अन्दर प्रेम और गर्व की भावना आती है। राष्ट्रीय एकता का संदेश देती है और सब में जोश आता है कि हम सब भारतीयों को देश को आगे बढ़ाना है। साथ ही यह यात्रा हमें उन वीरों की याद भी दिलाती है जिन्होंने देश की आजादी के लिए बलिदान दिया। तिरंगे की यात्रा में छोटा-बड़ा, युवा तिरंगे के साथ जुड़कर देश के लिए बहुत ही अच्छा सोचते हैं। लोगों में देश के प्रति जागरूकता आती है। स्कूल, कॉलेज और समाज में राष्ट्रभक्ति का माहौल बनाती है। तिरंगा यात्रा यही नहीं तिरंगा यात्रा एक देशभक्ति से भरी यात्रा है जो हम सभी को अपने देश, अपने संविधान और अपने संस्कारों से जोड़ती है। यह सिर्फ एक यात्रा नहीं बल्कि एक भावना है जो हम सबको जोड़ती है। तिरंगा सिर्फ एक झंडा नहीं है, यह हमारी पहचान है, हमारा गर्व है और हमारी आजादी की कहानी है।
इसमें भगवा रंग हमें साहस और बलिदान की याद दिलाता है। सफेद रंग शांति और सच्चाई का प्रतीक है और हरा रंग जीवन और विकास की आशा है। बीच में बना अशोक चक्र हमें आगे बढ़ने और मेहनत करने की प्रेरणा देता है। तो आओ सब चलें, साथ चलें, देश के लिए चलें, साथ बढ़ें, एकता के लिए चलें, तिरंगे को सम्मान दें और अपने भारत को महान बनाएं।
नरेन्द्र मोदी जी, भारत के प्रधानमंत्री के रूप में तिरंगे के प्रतीकात्मक अर्थ को बार-बार जनता के सामने लाए हैं। वे ‘हर घर तिरंगा’ जैसे अभियान चलाकर तिरंगे के प्रतीकात्मक अर्थ को बार-बार जनता के सामने लाए हैं। उन्होंने हर घर तिरंगा जैसे अभियान चलाकर तिरंगे को सिर्फ सरकारी इमारतों तक सीमित न रखकर हर नागरिक के दिल और घर तक पहुंचाने का कार्य किया है। हर पीढ़ी को तिरंगे के साथ जोड़ा है। उनके नेतृत्व में तिरंगा केवल एक झंडा नहीं बल्कि वह एक जन-आंदोलन, एक प्रेरणा और एक गौरव की भावना बन गया है। तिरंगा सिर्फ कपड़ा नहीं आत्मा है भारत की। तिरंगा भारत की संस्कृति, संघर्ष और सपनों का प्रतीक है। जब कोई प्रधानमंत्री खुद तिरंगा हाथ में लेकर जनता के बीच जाता है तो वह एक संदेश होता है। यह देश सबका है, यह झंडा सबका है और इसकी शान की रक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। यही बात है आज देश का हर नागरिक, मंत्री, संतरी, सीएम सब तिरंगा यात्रा कर रहे हैं। ‘‘तिरंगा सिर्फ हवा में नहीं लहराता, वो हर उस दिल में लहराता है जो भारत से प्यार करता है, तिरंगे की शान में हम सब कुर्बान हैं।’’
जब भी देश ने युद्ध लड़े, चाहे वह 1962, 1965, 1971 या 1999 का कारगिल युद्ध हो, समूचे देश ने एकजुटता का प्रदर्शन किया। देशवासी भारतीय सेना के लिए सब कुछ न्यौछावर करने को तैयार रहे। एक ही आह्वान पर महिलाओं ने अपने सोने-चांदी के आभूषण तक देश की रक्षा के लिए समर्पित कर दिए ताकि युद्ध का खर्च हमारा देश आसानी से वहन कर सके। कारगिल के शहीदों को नमन करने के लिए नागरिक उमड़ पड़ते थे और घायल जवानों को खून देने के लिए हमने लोगों की लंबी कतारें भी देखी हैं। पहलगाम हमले की बर्बता के लिए आतंकवादियों से बदला लेने के लिए लोगों के दिलों में भावनाएं उमड़ रही थीं लेकिन देशवासियों ने अपने जोश के साथ-साथ होश को कायम रखा तथा सम्मानित और संयोजित ढंग से देश प्रेम के जज्बे का प्रदर्शन किया। जो कौमें शहीदों को याद नहीं करतीं वे अपनी पहचान खो देती हैं। देशवासियों का यह कर्त्तव्य है कि वह शहीदों को याद रखें और भावी पीढि़यों में देश प्रेम का जज्बा पैदा करने के लिए कुछ न कुछ करते रहे। तिरंगा यात्रा भी एक ऐसा ही अभियान है जो आतंक और पाकिस्तान पर विजय के लिए चलाया जा रहा है। आप इसे ऑपरेशन सिंदूर विजय कहिए या भारतीय सेना के पराक्रम की विजय कहिए या इसे भारत का प्रतिशोध कहिए और तिरंगा यात्रा को हम सैल्यूट कर रहे हैं।
जीत का जश्न देशभर में मनाया जा रहा है। तिरंगा यात्रा ऐसा ही जश्न है और इसकी शुरूआत दिल्ली से ही हुई। भारत के कौने-कौने में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पाकिस्तान पर भारत की जीत का जश्न तिरंगा यात्रा के माध्यम से मनाया जा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर की विजय का जश्न तिरंगे के साथ ही मनाया जा रहा है। यह आतताइयों पर भारत के शांति प्रयासों की जीत है। तिरंगा यात्रा रुकनी नहीं चाहिए। हालांकि इसे हजारों संगठनों और भाजपा यहां तक कि कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों ने भी तिरंगा यात्रा निकाली है।
समूचा भारत पीएम मोदी की प्रशंसा कर रहा है कि उनके नेतृत्व में पाकिस्तान के आतंकी िठकाने भारतीय सेना ने नेस्तनाबूद किये हैं। जब-जब किसी दूसरे देश ने हमारी तरफ देखने की हिमाकत की है तो समूचे देश के नागरिकों ने और हर राजनीतिक दल ने एक होकर सरकार के साथ खड़े रहकर दुश्मन को जवाब दिया है कि हम एक हैं। उस दिन जब दिल्ली में कर्त्तव्य पथ पर तिरंगा यात्रा निकाली गयी तो इसमें लोग उमड़ पड़े। सैनिकों की जीत, ऑपरेशन सिंदूर की जीत, सैनिकों के पराक्रम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकियों पर जिस तरह से चोट की गयी उस हौसले तथा तिरंगा यात्रा को कोटि-कोटि नमन है।