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कोलकाता में TMC का विरोध मार्च, शिक्षक भर्ती रद्द पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध

TMC का आरोप, भाजपा-सीपीएम की साजिश से रद्द हुई नौकरियां

06:42 AM Apr 09, 2025 IST | IANS

TMC का आरोप, भाजपा-सीपीएम की साजिश से रद्द हुई नौकरियां

सुप्रीम कोर्ट द्वारा पश्चिम बंगाल में 25,000 से अधिक शिक्षकों और गैर-शिक्षकों की बहाली रद्द करने के फैसले के विरोध में तृणमूल कांग्रेस ने कोलकाता में विशाल विरोध मार्च का आयोजन किया। यह मार्च कॉलेज स्क्वायर से शुरू होकर एस्प्लेनेड इलाके में समाप्त हुआ। पार्टी का आरोप है कि यह राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम है।

पश्चिम बंगाल में स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के जरिए विभिन्न स्कूलों में 25,000 से अधिक शिक्षकों और गैर-शिक्षकों की बहाली सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रद्द कर दी। इस फैसले के खिलाफ सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को कोलकाता में एक विशाल विरोध मार्च का आयोजन किया है। तृणमूल कांग्रेस के पदाधिकारियों के अनुसार, यह विरोध मार्च कॉलेज स्क्वायर से दोपहर 3 बजे शुरू होगा और धर्मतला के एस्प्लेनेड इलाके में समाप्त होगा। इसमें पार्टी की युवा शाखा (टीएमसी यूथ) और विद्यार्थी शाखा (टीएमसी छात्र परिषद) सक्रिय रूप से भाग लेंगी। कोलकाता में इस रैली के अलावा, पार्टी ने 11 अप्रैल को राज्य के सभी जिलों, ब्लॉकों, वार्डों और कस्बों में इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों की योजना बनाई है।

West Bengal: स्कूली नौकरियों को रद्द करने के खिलाफ TMC का 9 अप्रैल को प्रदर्शन

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने सोमवार को एक बयान में कहा, “9 अप्रैल को कोलकाता में हमारी छात्र और युवा शाखा के सदस्य एक विशाल विरोध रैली निकालेंगे। यह रैली उत्तर कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से शुरू होकर मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड पर समाप्त होगी। इसके अगले दिन, 10 अप्रैल को राज्य के हर जिले में इसी तरह की रैलियां आयोजित की जाएंगी। तृणमूल के विरोध का आधिकारिक स्वर यह होगा कि माकपा और भाजपा ने 25,753 नौकरियों को समाप्त करने के लिए साजिश रची।”

तृणमूल नेताओं का आरोप है कि यह राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम है। हालांकि, राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि विरोध का स्वर जानबूझकर विपक्षी दलों पर आरोप लगाने तक सीमित रखा गया है, क्योंकि नौकरियों को रद्द करने के फैसले के खिलाफ सीधा विरोध सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की अवमानना माना जा सकता है।

सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस फैसले को सही ठहराया था, जिसमें डब्ल्यूबीएसएससी द्वारा की गई 25,753 नियुक्तियों को अवैध करार दिया गया था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि राज्य सरकार और आयोग ‘वास्तविक’ उम्मीदवारों को उन ‘दागी’ उम्मीदवारों से अलग करने में विफल रहे, जिन्होंने कथित तौर पर रिश्वत देकर नौकरियां हासिल की थीं। इस फैसले ने राज्य में बड़े पैमाने पर विवाद खड़ा कर दिया है, जिसके चलते तृणमूल कांग्रेस ने विरोध का रास्ता अपनाया है।

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