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भारत को नीरव मोदी का प्रत्यर्पण रोकने के लिए वकील ने दिया असांजे से संबंधित मामले का उदाहरण

भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी की वकील ने भारत को उसका प्रत्यर्पण रोकने के लिए जूलियन असांजे से जुड़े मामले का उदाहरण दिया जिसमें एक ब्रिटिश अदालत ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे के आधार पर विकीलीक्स के संस्थापक का अमेरिका को प्रत्यर्पण रोक दिया है।

12:40 AM Jan 08, 2021 IST | Shera Rajput

भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी की वकील ने भारत को उसका प्रत्यर्पण रोकने के लिए जूलियन असांजे से जुड़े मामले का उदाहरण दिया जिसमें एक ब्रिटिश अदालत ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे के आधार पर विकीलीक्स के संस्थापक का अमेरिका को प्रत्यर्पण रोक दिया है।

भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी की वकील ने भारत को उसका प्रत्यर्पण रोकने के लिए जूलियन असांजे से जुड़े मामले का उदाहरण दिया जिसमें एक ब्रिटिश अदालत ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे के आधार पर विकीलीक्स के संस्थापक का अमेरिका को प्रत्यर्पण रोक दिया है। 
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नीरव अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई में दो दिन तक चलने वाली अंतिम दलीलों के लिए बृहस्पतिवार को वीडियो लिंक के जरिए अदालत के समक्ष पेश हुआ। 
वह पंजाब नेशनल बैंक से जुड़े लगभग दो अरब डॉलर के घोटाले मामले में फर्जीवाड़े, धनशोधन और गवाहों को धमकाने के आरोपों का सामना कर रहा है। 
उसकी वकील ने सोमवार को आए उस आदेश का हवाला दिया जिसमें मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर अमेरिका को असांजे का प्रत्यर्पण रोक दिया गया है। 
जिला न्यायाधीश ने असांजे के मामले में कहा था कि आरोपी अपनी मानसिक स्वास्थ्य स्थिति के चलते प्रत्यर्पण किए जाने पर आत्महत्या कर सकता है। 
अब यह मामला अपील का विषय है। 
नीरव की वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने कहा कि असांजे की तरह ही उसके मुवक्किल का मामला है और मार्च 2019 से ही उसकी मानसिक स्थिति खराब होती जा रही है। 
भारत की ओर से पैरवी कर रही क्राउन प्रोसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने कार्यवाही को स्थगित करने का आग्रह करते हुए कहा कि उसकी मानसिक स्थिति का किसी स्वतंत्र मनोचिकित्सक से आकलन कराया जाए। 
हालांकि, जिला न्यायाधीश सैम्यूल गूज ने इस आग्रह को नहीं माना और कहा कि भारत सरकार के पास बचाव पक्ष के गवाह एवं कई मौकों पर नीरव की मानसिक स्थिति का आकलन कर चुके फॉरेंसिक मनोचिकित्सक डॉक्टर एंड्रू फॉरेस्टर की पांच रिपोर्टों पर जवाब देने का ‘‘पर्याप्त अवसर’’ है। 
सीपीएस शुक्रवार को नीरव के खिलाफ मामले पर विस्तृत दलीलों को अंतिम रूप देगी और फैसला अगले कुछ सप्ताह में आने की उम्मीद है। 
नीरव मोदी की बहन, बहनोई पीएनबी मनी लांड्रिंग मामले में सरकारी गवाह बने 
 
भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की बहन और बहनोई दो अरब डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में सरकारी गवाह बन गये हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि दोनों 579 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने में मदद करेंगे। 
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में धन शोधन (मनी लांड्रिंग) मामले में ईडी फिलहाल लंदन की जेल में बंद नीरव मोदी, उसके रिश्तेदार मेहुल चोकसी और अन्य के खिलाफ जांच कर रहा है। 
हीरा कारोबारी की छोटी बहन पूर्वी मोदी (47) बेल्जयिम की नागरिक हैं जबकि उसके पति मयंक मेहता ब्रिटिश नागरिक हैं। उन्हें विदेश में स्थित बताया गया है और वह कभी जांच में शामिल नहीं हुए। 
पूर्वी मोदी कथित रूप से आपराधिक बैंक धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं और उनके खिलाफ सुनवाई चल रही है। इस मामले में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के साथ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कई आरोपपत्र दाखिल किये हैं। 
ईडी ने पूर्व में स्विस बैंक में जमा समेत उनकी संपत्ति को जब्त किया था। उन्होंने अदालत को सूचित किया था कि जब्त की इन संपत्तियों में उनका कोई हित नहीं है। 
जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘‘नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी और उनके पति मयंक मेहता सरकारी गवाह बन गये हैं। वे नीरव मोदी बैंक धोखाधड़ी मामले में न्यूयॉर्क में दो फ्लैट और लंदन तथा मुंबई में एक-एक फ्लैट, स्विस बैंक खातों में जमा राशि तथा मुंबई में बैंक खाता में जमा कुल 579 करोड़ रुपये जब्त करने में मदद करेंगे।’’ 
इस सप्ताह की शुरुआत में मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) से संबद्ध विशेष अदालत ने दोनों के मामले में सरकारी गवाह बनने की याचिका को मंजूरी कर लिया था। 
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