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आज है मार्गशीर्ष अमावस्या, ऐसे करें पितरों की शांति के लिए उपाय, जानें इसका महत्व

26 नवंबर यानी आज अगहन मास की अमावस्या है। भगवान श्री कृष्‍ण का स्वरूप इस माह को माना गया है। मार्गशीर्ष में जो अमावस्या आती है उसका भी खास महत्व कार्तिक मास

07:22 AM Nov 26, 2019 IST | Desk Team

26 नवंबर यानी आज अगहन मास की अमावस्या है। भगवान श्री कृष्‍ण का स्वरूप इस माह को माना गया है। मार्गशीर्ष में जो अमावस्या आती है उसका भी खास महत्व कार्तिक मास

26 नवंबर यानी आज अगहन मास की अमावस्या है। भगवान श्री कृष्‍ण का स्वरूप इस माह को माना गया है। मार्गशीर्ष में जो अमावस्या आती है उसका भी खास महत्व कार्तिक मास की अमावस्या की तरह होता है। 
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शास्‍त्रों में कहा गया है कि तीर्थस्नान, जप, तप और व्रत करने से आपके सारे पापों की मुक्ति होती है। कहते हैं कि यमुना नदी में अगहन अमावस्या के दिन स्नान करना चाहिए। चलिए जानते हैं पुण्य फल की प्राप्ति इस दिन कौन से कार्य करने से मिलती है।
परंपरा है स्नान और दान करने की

मान्यता है कि नदी में स्नाना हर महीने की अमावस्या को करना चाहिए। ऐसी परंपरा शास्‍त्रों में बताई गई है। नदी में स्नान करना मार्गशीर्ष माह की अमावस्या के दिन करना शुभ होता है। मथुरा की यमुना नदी में भी इस दिन स्नान करने की परंपरा है। ऐसा इसलिए क्योंकि श्री कृष्‍ण का जन्मस्‍थल मथुरा है और भगवान कृष्‍ण को मार्गशीर्ष माह बहुत पसंद है। 
तर्पण करें पितरों का 

भौमवती अमावस्या के नाम से भी इस अमावस्या को जाना जाता है। शास्‍त्रों में कहा गया है कि धूप ध्यान इस दिन पितरों के लिए करना चाहिए। पितरों के लिए इस दिन गुड़ घी गाय के गोबर के उपले पर डालकर धूप में अर्पित कर दें। इस दिन दान भी पितरों के नाम पर करें। ऐसा माना गया है कि पितरों की आत्मा को इस दिन तर्पण करने से मुक्ति मिलती है और  साथ ही पितृ दोष भी कुंडली में खत्म हो जाता है। 
अमावस्या मंगल के दिन

इस बार मंगलवार के दिन अमावस्या आई है। इसलिए ऐसा कहा जा रहा है कि मंगल ग्रह की शांति के लिए इस दिन उपाए जरूर करें। मंगलवार का दिन हनुमान जी का माना गया है। यही वजह है कि भक्त आज के दिन भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन सरसों के तेल का दिया हनुमान जी के सामने जरूर जलाएं। साथ ही हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ भी पढ़ें। 
ये काम न करें अमावस्या पर

विशेष ध्यान भी साफ सफाई का इस दिन रखें। इस दिन तामसिक भोजन न करें। लोहे से बना कोई भी सामान, नमक, तेल या काली उड़द इस दिन लेने से बचें। न करें माता-पिता का अनादर। इसके अलावा संबंध भी अमावस्या के दिन नहीं बनाने चाहिए। गरुण पुराण मंे कहा गया है कि इस दिन संबंध बनाने से पैदा हुई संतान का जीवन बहुत मुश्किल भरा होता है। 
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