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‌ट्विटर के बदलावों पर नजर

प्रौद्योगिकी की दुनिया में अधिग्रहण होते रहते हैं। सोशल नेटवर्किंग प्लेटफार्मों का भी अधिग्रहण हुआ है लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा ट्विटर की हो रही है।

01:05 AM May 05, 2022 IST | Aditya Chopra

प्रौद्योगिकी की दुनिया में अधिग्रहण होते रहते हैं। सोशल नेटवर्किंग प्लेटफार्मों का भी अधिग्रहण हुआ है लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा ट्विटर की हो रही है।

प्रौद्योगिकी की दुनिया में अधिग्रहण होते रहते हैं। सोशल नेटवर्किंग प्लेटफार्मों का भी अधिग्रहण हुआ है लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा ट्विटर की हो रही है। हाल ही में अमेरिकी उद्यमी एलन मस्क ने 44 अरब डालर में ट्विटर का सौदा कर डाला। तब से ही ट्विटर के बड़े बदलावों पर दुनिया भर की नजर है। एलन मस्क को नई सोच और जोखिम भरे फैसलों के लिए भी जाना जाता है। कभी अंतरिक्ष की खोज और अंतरिक्ष यात्राओं का क्षेत्र केवल सरकारी प्रतिष्ठानों तक सीमित था लेकिन एलन मस्क अंतरिक्ष यात्राओं को भी प्राइवेट संकट के दायरे में ले आए। अब अंतरिक्ष यात्राएं भी व्यापार बन गई हैं। हर आदमी जो पैसा खर्च करने की हैसियत रखता है, वह अंतरिक्ष की सैर कर सकता है। कई अन्य दुनिया के धनी लोग भी इस व्यापार में उतर आए हैं। यह श्रेय भी एलन मस्क को जाता है कि उन्होंने टेस्ला जैसी बिजली से चलने वाली कार बनाने वाली कम्पनी बनाकर पूरी दुनिया को आकर्षित किया। ट्विटर को लेकर एलन मस्क क्या बड़ा प्रयोग करेंगे, इसके बारे में तो वह ही जानते  होंगे लेकिन उन्होंने ट्विटर को मुक्त अभिव्यक्ति का मंच बनाने की घोषणा कर दी है। एलन मस्क की नजर अब इस लोकप्रिय सोशल साइट से कमाई पर भी है। ट्विटर का शुल्क लगाने का इरादा नया नहीं है। अभी भी इसकी प्रीमियम सेवा यानी ट्विटर ब्लू के लिए पैसा लिया जाता है। हो सकता है कि मस्क ट्विटर के व्यावसायिक और  सरकारी यूजर्स के लिए मामूली शुल्क तय कर दे लेकिन आम उपयोगकर्ताओं के लिए यह पहले की ही तरह मुफ्त रहेगा। ट्विटर का फीस आधारित सेवाओं का प्लान कोई नया नहीं है। वर्तमान में भी ट्विटर ब्लू सेवा भी शुल्क आधारित है। हालांकि कि यह सुविधा अभी अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में ही उपलब्ध है। एलन मस्क की योजना इसे दुनिया भर में लागू करने की है। पूरे विवश्व में सरकारी और व्यावसायिक यि  व राजनीतिज्ञ यूजर्स का भी बड़ा वर्ग ट्विटर का इस्तेमाल करता है। अगर शुल्क लगाया जाता है तो यह बड़ा वर्ग प्रभावित होगा। एलन मस्क यकीनन शुल्क व्यवस्था लागू करने की ओर बढ़ेंगे। ट्विटर खरीदने के बाद एलन मस्क ने एक बड़ी बात कही थी कि मुक्त अभिव्यक्ति किसी भी लोकतंत्र के लिए जरूरी है। आज के इस सोशल मीडिया के दौर में ट्विटर या अन्य सोशल साइट्स एक टाउन स्क्वायर की तरह है जहां पर लोग आते हैं। खुल कर अपनी बात कहते हैं। पुराने समय में भी छोटे-बड़े शहरों में चौक होते थे। भले ही वो गांधी जी के नाम पर हों या शहीद-ए-आजम भगत सिंह या फिर नेताजी के नाम पर। लोग वहां एकत्र होते थे और देश की राजनीति पर खुलकर चर्चा होती थी। फिर धीरे-धीरे यह चौक राजनीतिक दलों की चुनावी रैलियों का स्थल बन गए। बुद्धिजीवियों के लिए चर्चा का केन्द्र कॉफी हाऊस बन गए। मौजूदा दौर में सोशल साइटें सभी के लिए अभिव्यक्ति का मंच बन गए। यद्यपि एलन मस्क नैतिकता और पारदर्शिता की बात करते हैं लेकिन ट्विटर को अभिव्यक्ति का मुक्त मंच बनाने का काम काफी चुनौतीपूर्ण है। अब देखना यह है कि मस्क इस चुनौती को किस तरह से लेते हैं। पिछले वर्ष भारत सरकार और ट्विटर के बीच जबरदस्त घमासान हुआ था। सरकार की तरफ से ट्विटर हैंडलों को हटाने के लिए कहा गया था लेकिन ट्विटर ने यह कहकर कोई कार्रवाई करने से इंकार कर दिया था कि सरकार के आदेश गैर कानूनी हैं। ट्विटर और सरकार में काफी युद्ध चला था लेकिन बाद में ट्विटर ने कुछ ट्विटर हैंडलों को बैन किया था। 
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अब देखना यह है कि एलन मस्क जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर किसी तरह पाबंदी के विरुद्ध हैं उनका सरकारी आदेशों के मामले में क्या दृष्टिकोण है। यह शिकायत लगभग सभी देशों की सरकारों को है कि ट्विटर पर वॉट्स की भरमार है। यह एक ऐसा साफ्टवेयर है जिन्हें आभासी यूजर बनाकर बड़ी कम्पनियों, बड़े राजनीतिज्ञों और अन्य प्रतिष्ठित उद्यमियों, व्यापारियों आदि द्वारा बेहतर ढंग से प्रसारित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। भारत के राजनीतिक दलों और  राजनीतिज्ञों के भी फोलोवर्स फर्जी होने की खबरें आई थीं। ऐसे फोलोवर्स के माध्यम से ट्विटर की सुविधाओं का उपयोग राजनीतिक दल और राजनीतिज्ञ आम जनता के विचारों को प्रभावित करने के लिए कर रहे हैं। 
यह भी सच है कि सोशल साइटों का इस्तेमाल हेट स्पीच के ​लिए किया जा रहा है। इस्लामी आतंकवादी गुट खुलकर अपने अकाउंट चला रहे हैं और जहरीली मानसिकता को फैलाया जा रहा है। इस तरह के अकाउंट्स को अमेरिका में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता माना जा सकता हैै लेकिन भारत जैसे देश में बिलकुल नहीं। कहा जा रहा है कि एलन मस्क भारतीय स्टाफ से कुछ ज्यादा खुश नहीं हैं। देखना होगा कि एलन मस्क अवांछित बातों पर कितना अंकुश लगा पाते हैं और वह कितना भारतीय कानूनों और   नियमों का सम्मान करते हैं।
आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com
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