ब्रिटेन यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी का फोकस Trade Relations और Defence Partnership पर रहेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार से अपनी दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा पर यूनाइटेड किंगडम के लिए रवाना हो रहे हैं। इस यात्रा के दौरान भारत और ब्रिटेन के Trade Relations और Defence Partnership को और मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने यात्रा से पहले जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मोदी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात करेंगे और कई द्विपक्षीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा करेंगे।
विदेश सचिव ने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन की चौथी यात्रा है। इससे पहले वह 2015, 2018 और 2021 में ब्रिटेन जा चुके हैं। हाल के वर्षों में भारत-ब्रिटेन संबंधों में नई ऊर्जा देखने को मिली है, खासकर व्यापार और रक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में।
Special Briefing by MEA on Prime Minister’s visit to the UK & Maldives (July 22, 2025)
https://t.co/nbQ629dxdT— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) July 22, 2025
Trade Relations को नई ऊंचाई पर ले जाने का लक्ष्य
Trade Relations: भारत और ब्रिटेन के Trade Relations पहले से ही मजबूत हैं लेकिन इस यात्रा में इन्हें और आगे बढ़ाने की तैयारी है। विक्रम मिस्री ने बताया कि ब्रिटेन भारत का छठा सबसे बड़ा निवेशक है, जो अब तक 36 अरब डॉलर का निवेश कर चुका है। वहीं भारत ने भी ब्रिटेन में 20 अरब डॉलर का निवेश किया है। ब्रिटेन में 1000 से ज्यादा भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं जो करीब 1 लाख लोगों को रोजगार देती हैं।
इसके अलावा, नीति आयोग और लंदन शहर के बीच यूके-इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग ब्रिज के जरिए ग्रीन एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निवेश बढ़ाने पर भी चर्चा होगी। इस आर्थिक भागीदारी से दोनों देशों के संबंधों को और मजबूती मिलेगी।
Defence Partnership का होगा विस्तार
Defence Partnership और Trade Relations भारत और ब्रिटेन की रणनीतिक साझेदारी का एक अहम हिस्सा है। मिस्री ने बताया कि तीनों सेनाओं के बीच नियमित संवाद और संयुक्त सैन्य अभ्यास चल रहे हैं। हाल ही में दोनों देशों ने इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन क्षमताओं के क्षेत्र में मिलकर काम करने पर सहमति जताई है। इसके अलावा सैन्य अकादमियों में प्रशिक्षकों की अदला-बदली भी Defence Partnership को नई दिशा दे रही है।
यह सहयोग सिर्फ रक्षा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि रक्षा तकनीक और स्वदेशी उत्पादन के क्षेत्रों में भी नई पहलें शुरू होंगी। यह भारत की आत्मनिर्भर भारत नीति को समर्थन देगा और ब्रिटेन के लिए नए बाजार खोलेगा।
शिक्षा और स्वास्थ्य में भी सहयोग बढ़ेगा
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान शिक्षा के क्षेत्र और Trade Relations में भी बड़े ऐलान हो सकते हैं। साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी ने गुरुग्राम में नया कैंपस खोला है और कई अन्य यूनिवर्सिटी भारत में अपने सेंटर खोलने की योजना बना रही हैं। हेल्थ सेक्टर में सीरम इंस्टीट्यूट और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मलेरिया वैक्सीन पर मिलकर काम किया है, जिसे डब्ल्यूएचओ ने मंजूरी दी है। कोविड-19 में कोविशील्ड वैक्सीन का उदाहरण पहले ही दुनिया देख चुकी है।
प्रवासी भारतीयों का बढ़ता योगदान
इस यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी ब्रिटेन में बसे भारतीय समुदाय से भी मिलेंगे। 18 लाख प्रवासी भारतीय ब्रिटेन और भारत के बीच जीवंत सेतु (Living Bridge) का काम करते हैं। वे न सिर्फ Trade Relations बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक स्तर पर भी रिश्तों को सशक्त बना रहे हैं।
रणनीतिक साझेदारी को मिलेगा नया आयाम
यात्रा के दौरान कई नए समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है, जिनसे Trade Relations और Defence Partnership को नई दिशा मिलेगी। रणनीतिक, तकनीकी, जलवायु, स्वास्थ्य और रक्षा में सहयोग बढ़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के बीच होने वाली चर्चा भारत-ब्रिटेन संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत करेगी।
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Syria से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति अहमद अल शरा और रक्षा मंत्री अपने परिवार के साथ राजधानी दमिश्क छोड़कर भाग गए हैं. यह दावा अल मायादीन अखबार ने सरकारी सूत्रों के हवाले से किया है. कहा जा रहा है कि अल शरा अपने परिवार सहित इदलीब की ओर निकल गए हैं, जो तुर्की सीमा के पास स्थित है. हालांकि, रक्षा मंत्री के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 16 जुलाई को जब इजराइल ने दमिश्क में रक्षा मंत्रालय और सीरियाई सेना के मुख्यालय पर हमला किया था, तब तुर्की ने राष्ट्रपति अल शरा को सुरक्षा कारणों से राष्ट्रपति भवन छोड़ने की सलाह दी थी. बताया गया है कि इजराइल, अल शरा को निशाना बना सकता है. यही नहीं, इजराइल के आंतरिक सुरक्षा मंत्री ने भी उन्हें हमास कमांडर की तरह खत्म करने की बात कही थी.