महाभियोग का सामना करने वाले अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति होंगे ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के इतिहास में महाभियोग का सामना करने वाले तीसरे राष्ट्रपति होंगे। प्रतिनिधि सभा ने उन पर सत्ता का दुरुपयोग करने और कांग्रेस की जांच में अवरोध डालने का आरोप औपचारिक रूप से लगा दिया है। अब सीनेट में अगले वर्ष सुनवाई होगी कि वह पद पर बने रहेंगे या नहीं।
06:11 PM Dec 19, 2019 IST | Shera Rajput
वाशिंगटन : डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के इतिहास में महाभियोग का सामना करने वाले तीसरे राष्ट्रपति होंगे। प्रतिनिधि सभा ने उन पर सत्ता का दुरुपयोग करने और कांग्रेस की जांच में अवरोध डालने का आरोप औपचारिक रूप से लगा दिया है। अब सीनेट में अगले वर्ष सुनवाई होगी कि वह पद पर बने रहेंगे या नहीं।
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सदन ने बुधवार रात राष्ट्रपति ट्रंप पर सत्ता के दुरुपयोग और कांग्रेस की जांच में अवरोध डालने के दो अभियोग लगाए। सत्ता के दुरुपयोग के आरोप के पक्ष में 230 मत और विपक्ष में 197 मत पड़े। कांग्रेस की जांच में अवरोध पैदा करने के दूसरे आरोप में 229 के मुकाबले 198 मत पड़े।
ट्रंप अब अमेरिका के उन राष्ट्रपतियों में शामिल हो गए हैं जिनपर बड़े अपराधों और गलत आचरण के लिये महाभियोग चलाया गया। एंड्र्यू जॉनसन पर 1868 में और बिल क्लिंटन पर 1998 में महाभियोग चलाया गया था। रिचर्ड निक्सन ने 1974 में महाभियोग की कार्यवाही से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।
ट्रंप ने प्रतिनिधि सभा में महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद पहले दिन से ही उनपर महाभियोग चलाने का प्रयास कर रहे हैं।
ट्रंप ने मिशिगन के बैटल क्रीक में एक रैली में कहा, ‘तीन साल तक बुरी तरह परेशान किये जाने, अफवाहबाजी और घोटाले के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद करोड़ों देशभक्त अमेरिकियों के जनादेश को अपमानित करने की कोशिश कर रहे हैं।’
वहीं, व्हाइट हाउस ने महाभियोग को अमेरिका के इतिहास के बेहद शर्मनाक राजनीतिक घटनाक्रमों में से एक बताया।
प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी के सभी चार भारतीय अमेरिकी सदस्यों ने ट्रंप पर महाभियोग चलाने के पक्ष में मतदान किया।
अब यह प्रक्रिया सीनेट में पहुंच गई है जहां उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में यह मामला चलेगा।
अमेरिका के 243 साल के इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के जरिये पद से हटाया नहीं गया। इसके लिए 100 सदस्यीय सीनेट में दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है। इसका मतलब होगा कि रिपब्लिकन पार्टी के कम से कम 20 सदस्य ट्रंप के खिलाफ मतदान करेंगे तब जाकर उन्हें पद से हटाया जा सकता है।
सीनेट में रिपलब्लिक पार्टी बहुमत में है ऐसे में राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि महाभियोग के विफल होने की संभावना है और ट्रंप को पद से हटाने का डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रयास नाकाम रहेगा।
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