Trump और Putin की बैठक से पहले Ukraine ने दिखाए तेवर, तेज किए हवाई हमले!
अमेरिका के अलास्का में 15 अगस्त को एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड Trump और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर Putin आमने-सामने होंगे। इस बैठक को लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि इससे पिछले तीन वर्षों से चल रहे Ukraine-रूस युद्ध को खत्म करने की राह बन सकती है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बैठक की घोषणा के बाद Ukraine के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साफ कहा कि यदि किसी भी शांति वार्ता में Ukraine को शामिल नहीं किया गया, तो वह वार्ता असफल होगी। जेलेंस्की का मानना है कि युद्ध और शांति का सबसे बड़ा पक्ष यूक्रेन है, इसलिए उसे बाहर रखना सही नहीं होगा।
Ukraine के हमले तेज, सारातोव में बड़ी कार्रवाई
बैठक की खबरों के बीच यूक्रेनी सेना ने रूस के सारातोव शहर में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। यह हमला एक औद्योगिक क्षेत्र पर हुआ, जो यूक्रेन की सीमा से कई सौ किलोमीटर दूर है। बताया जा रहा है कि Ukraine ने लंबी दूरी के ड्रोन से यह हमला किया, जिससे एक तेल रिफाइनरी में आग लग गई। यह जानकारी न्यूजवीक की रिपोर्ट के आधार पर दी गई है।
शांति वार्ता पर असर डाल सकते हैं हमले
इस तरह के हमले शांति प्रयासों पर पानी फेर सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जब दो बड़े नेता युद्ध रोकने की कोशिश कर रहे हैं, उस समय हमलों का बढ़ना स्थिति को और जटिल बना सकता है। यूक्रेन लगातार रूस के सैन्य और औद्योगिक ठिकानों को ड्रोन से निशाना बना रहा है, ताकि रूस की युद्ध क्षमता को कमजोर किया जा सके।
ड्रोन हमले में एक की मौत, इमारतें क्षतिग्रस्त
सारातोव क्षेत्र के गवर्नर रोमन बुसारगिन ने बताया कि इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई है और एक बड़ी औद्योगिक इमारत को गंभीर नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा एक ड्रोन एक रिहायशी इलाके पर भी गिरा, जिससे कई मंजिलों की खिड़कियों के शीशे टूट गए, कारों में आग लग गई और कुछ लोगों को पास के एक स्कूल में अस्थायी रूप से शिफ्ट किया गया।
क्या होगा अगला कदम?
अब सबकी नजरें 15 अगस्त की बैठक पर टिकी हैं। अगर इस बैठक में जेलेंस्की को शामिल किया गया, तो हो सकता है कि कोई समाधान निकले। लेकिन यदि हमले जारी रहे और राजनीतिक मतभेद बढ़ते गए, तो युद्ध समाप्त होने की उम्मीद और भी कम हो जाएगी।
Israel के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने शुक्रवार को जानकारी दी कि सुरक्षा मंत्रिमंडल ने Gaza शहर पर नियंत्रण की योजना को हरी झंडी दे दी है। इस योजना का कई देशों और संगठनों ने विरोध किया है। अब Israel के अंदर भी इसका विरोध शुरू हो गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को हजारों लोग तेल अवीव और अन्य शहरों की सड़कों पर उतर आए। इन लोगों ने सरकार से मांग की कि गाजा पर हमला शुरू करने से पहले युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के लिए समझौता किया जाए। प्रदर्शनकारियों में बंधकों के परिजन भी शामिल थे।
बंधकों के परिवारों ने की आम हड़ताल की अपील
बंधकों के परिवारों ने सरकार की योजना के खिलाफ आम हड़ताल की घोषणा की। उनका कहना है कि यह योजना उनके अपने लोगों के जीवन के लिए खतरा है। उनका मानना है कि Gaza पर कब्जा करने से बंधकों की जान को गंभीर खतरा हो सकता है।
UN और अंतरराष्ट्रीय नेताओं की चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अगर Israel पूरी तरह गाज़ा पर कब्जा करता है, तो इससे वहां रह रहे फिलिस्तीनी नागरिकों और इजराइली बंधकों दोनों के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं। ब्रिटेन में Israel के राजदूत ने इस योजना को “एक बड़ी गलती” बताया है।