Mandatory Military Service: ब्रिटेन में शुरू होगी अनिवार्य सैन्य सेवा... जानिए किन देशों में आर्मी ट्रेनिंग लेना है जरुरी
Mandatory Military Service: ब्रिटेन प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने आम चुनाव से पहले बड़ा ऐलान किया है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो अनिवार्य सैन्य सेवा फिर से शुरू कर दी जाएगी। आपको बता दें कि दुनिया के कई देशों में पहले से ही अनिवार्य सैन्य सेवा है।
दरसल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक कंजर्वेटिव पार्टी से हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वो सभी युवाओं के लिए नेशनल आर्मी सर्विस में सेवा अनिवार्य कर देंगे। सुनक के मुताबिक, 18 साल के युवाओं को 12 महीने सेवा देना जरूरी होगा। ब्रिटेन में 4 जुलाई को आम चुनाव होने हैं। वहीं, विपक्षी लेबर पार्टी ने इसे नौटंकी बताया है।
अगर पीएम सुनक एक बार फिर जीत कर आते हैं और अगर आर्मी में 18 साल के युवाओं के लिए आर्मी में सेवा अनिवार्य करते है तो 65 साल बाद एक बार फिर ब्रिटेन में मिलिट्री सर्विस और ट्रेनिंग जरूरी हो जाएगी। जानकारी के मुताबिक, 1949 से 1960 तक ब्रिटेन में 17 से 21 साल के युवाओं को 18 महीने तक सेना में सेवा करना जरूरी था। ऐसे युवाओं को चार साल के लिए सेना में रिजर्व भी रखा जाता था।
आइये जानते हैं किन किन देशों में जरूरी है सेना में सेवा देना-
सबसे पहले बात करते है भारत यानी अपने देश की दरसल भारत में अनिवार्य सैन्य सेवा का प्रावधान नहीं है। इसके पीछे कई तर्क दिए गए हैं। एक तरफ 2014 में केंद्र सरकार ने संसद में बताया था कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां हर किसी को अपना पेशा चुनने का अधिकार है। वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार का ये भी मानना है कि सभी युवाओं को मिलिट्री ट्रेनिंग देने से देश का सैन्यीकरण हो सकता है। मिलिट्री ट्रेनिंग लेने के बाद हो सकता है कि कुछ बेरोजगार युवा असामाजिक तत्वों के साथ शामिल हो जाएं।
बतातें चले कि 2019 और फिर 2022 में लोकसभा में दो सदस्यों ने प्राइवेट बिल पेश किए थे। ये बिल अनिवार्य सैन्य सेवा से जुड़े थे। सबसे पहले 2019 में बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने ये बिल पेश किया था। इस बिल में सभी युवाओं के लिए 18 महीने सैन्य सेवा जरूरी करने की बात कही गयी थी। जिसमें 6 महीने की ट्रेनिंग भी शामिल है। और 2022 में बीजेपी सांसद भोला सिंह की ओर से पेश बिल में 12 महीनों की अनिवार्य सैन्य सेवा का प्रावधान था।
भारत में 18 साल से ऊपर का कोई भी पात्र युवा में सेना में भर्ती हो सकता है। सेना में पहले 14 साल तक शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत भर्ती किया जाता है। इसके बाद परमानेंट कमीशन के लिए भी अप्लाई किया जा सकता है।
भारत का मित्र मूल रूस है यहां भी 18 से 27 साल के युवाओं के लिए 12 महीने तक सेना में सेवा देना जरूरी है। मना करने वाले युवाओं को जुर्माना और जेल की सजा दी जाती है।
वहीं स्विट्जरलैंड में 20 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों को सेना में सेवा देनी होती है। महिलाओं के लिए ये स्वैच्छिक है। यहां युवाओं को 21 हफ्तों तक सेवा देनी होती है।
और स्वीडन मेंपुरुषों और महिलाओं को 9 से 12 महीने तक सेना में सेवा करना जरूरी है। 2010 तक महिलाओं के लिए ये स्वैच्छिक था, लेकिन अब उनके लिए भी इसे अनिवार्य कर दिया गया है।
वहीं कोरिया यानी उत्तर और दक्षिण कोरिया, दोनों देशों में सेना में सेवा देना जरूरी है। उत्तर कोरिया में 17-18 साल की उम्र से युवाओं को सेना में भर्ती किया जाता है। पुरुषों को 10 साल और महिलाओं को 7 साल काम करना जरूरी है। वहीं दक्षिण कोरिया में पुरुषों को तीनों में से किसी एक सेना में सेवा देना जरूरी है। सेना में 21 महीने, नौसेना में 23 महीने और वायुसेना में 24 महीने की अवधि है।
अगर हम इजरायल की बात करें तो वहां यहूदियों के लिए सेना में एक तय समय तक सेवा देना जरूरी है। पुरुषों के लिए ये सीमा 2 साल 8 महीने और महिलाओं के लिए 2 साल है।
वहीं ब्राजील में हर पुरुष को कम से कम 12 महीने तक सेना में सेवा देना जरूरी है। यहां उनके पास 8 साल तक अपनी सेवा बढ़ाने का विकल्प होता है। 18 साल की उम्र से सेना में भर्ती शुरू हो जाती है। यहां सेना में सेवा देने से मना करने पर वोटिंग का अधिकार छीन लिया जाता है और चुनाव लड़ने पर भी रोक लग जाती है। महिलाओं को इससे छूट मिली हुई है।
और इस्लामिक देश ईरान की बात करें तो ईरान के कानून के मुताबिक, 18 साल से ऊपर के हर पुरुष को 18 से 24 महीने तक सेना में सेवा करनी होती है। महिलाओं पर ये नियम लागू नहीं होता। जो पुरुष ऐसा करने से मना करते हैं, उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलती और उनके विदेश जाने पर भी प्रतिबंध लग जाता है। और तुर्की में 20 से 41 साल के सभी पुरुषों को कम से कम छह महीने तक सेना में सेवा करनी जरूरी है। हालांकि, वो चाहें तो इसे छह महीने से ज्यादा सेवा भी दे सकते हैं।
वहीं कोरिया यानी उत्तर और दक्षिण कोरिया, दोनों देशों में सेना में सेवा देना जरूरी है। उत्तर कोरिया में 17-18 साल की उम्र से युवाओं को सेना में भर्ती किया जाता है। पुरुषों को 10 साल और महिलाओं को 7 साल काम करना जरूरी है। वहीं दक्षिण कोरिया में पुरुषों को तीनों में से किसी एक सेना में सेवा देना जरूरी है। सेना में 21 महीने, नौसेना में 23 महीने और वायुसेना में 24 महीने की अवधि है।
अगर हम इजरायल की बात करें तो वहां यहूदियों के लिए सेना में एक तय समय तक सेवा देना जरूरी है। पुरुषों के लिए ये सीमा 2 साल 8 महीने और महिलाओं के लिए 2 साल है।
वहीं ब्राजील में हर पुरुष को कम से कम 12 महीने तक सेना में सेवा देना जरूरी है। यहां उनके पास 8 साल तक अपनी सेवा बढ़ाने का विकल्प होता है। 18 साल की उम्र से सेना में भर्ती शुरू हो जाती है। यहां सेना में सेवा देने से मना करने पर वोटिंग का अधिकार छीन लिया जाता है और चुनाव लड़ने पर भी रोक लग जाती है। महिलाओं को इससे छूट मिली हुई है।
और अगर हम क्यूबा देश की बात करें तो यहां 16 साल के ऊपर के पुरुष सैन्य सेवा करने के लिए योग्य हो जाते हैं। 17 से 28 साल की उम्र के पुरुषों को दो साल तक सैन्य सेवा करनी जरूरी है। महिलाओं को यहां छूट दी गयी है। सैन्य सेवा करने वालों को 45 साल की उम्र तक रिजर्व माना जाता है, यानी उन्हें कभी भी बुलाया जा सकता है। मना करने पर जेल और जुर्माने की सजा का प्रावधान है।