इस कपल ने महज डेढ़ लाख रुपये में पहाड़ों में पड़े प्लास्टिक की बोतलों से बनाया अपने सपनों का घर
आज कल प्लास्टिक को इस्तेमाल करने को जड़ से खत्म करने की बात जोरो-शोरों से हो रही है। ऐसा कहा जा रहा है अब से जूट के थैलों का इस्तेमाल किया जाए।
09:13 AM Oct 04, 2019 IST | Desk Team
आज कल प्लास्टिक को इस्तेमाल करने को जड़ से खत्म करने की बात जोरो-शोरों से हो रही है। ऐसा कहा जा रहा है अब से जूट के थैलों का इस्तेमाल किया जाए। जो भी कोई प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल करते पकड़ा गया उसको दंड दिया जाएगा। लेकिन इतनी आसानी से प्लास्टिक जरा खत्म होने वाला नहीं है। इसलिए प्लास्टिक से कई और अन्य काम भी किए जा सकते हैं।
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कई मुल्कों ने तो और कुछ नहीं मिला तो प्लास्टिक की सड़के ही बना डाली है। हालांकि हमारा देश भी इसी काम में जुटा पड़ा है। सिर्फ सरकारें ही नहीं बल्कि हम लोग भी अपना समर्थन देकर बहुत कुछ कर सकते हैं। जी हां उत्तर प्रदेश का एक कपल जो पहाड़ो पर जा बसा है। उन्होंने वहां पर होम स्टे खोला है। जिसके लिए उन्होंने प्लास्टिक की बोतलों से अपना पूरा घर बना लिया है और यह कोई और बोतलें नहीं बल्कि ये वहीं बोतलें हैं जो आप-हम कूड़े में अक्सर फेंक दिया करते हैं।
ये कपल मेरठ का रहना वाला है
इस कपल का नाम दीप्ति-अभिषेक है। दीप्ति पेशे से टीचर है जिन्हें घूमना काफी ज्यादा पसंद है। यह अकसर पहाड़ों की यात्राएं करती रहती हैं। इस दौरान उन्हें कई सारी जगह कूड़ा भी दिखता है। वो अपने पति के साथ साल 2017 में लैंसडाउन गई थी और उन्होंने तभी तय कर लिया था कि अब वो पहाड़ों पर ही रहेंगे। उन्हें हर जगह प्लास्टिक कूड़ा दिखता था। पहले तो रिसाइकल करने का ख्याल मन में आया।
लेकिन फिर उन्होंने अपने दिमाग का इस्तेमाल करते हुए सोचा क्यों न प्लास्टिक का यूज करके किसी चीज का निर्माण किया जाए। इसके बाद उन्होंने नैनीताल जिले के हरतौला गांव में एक होम स्टे खोला। जिसको उन्होंने प्लास्टिक की बोतलों से तैयार किया।
अपने होमस्टे की दीवारें खड़ी करने के लिए इस कपल ने करीब 26000 बोतलों का इस्तेमाल किया। इसके अलावा इन्होंने टायर की मदद से सीढिय़ां तैयार की। शराब की खाली बोतलें इनके होमस्टे लैंप बनाने के काम आई। अभिषेक ने बताया कि इस घर को तैयार करने में उन्हें करीब 1 साल का समय लगा है। हालांकि अभी भी कुछ-कुछ चीजें करनी बाकीं हैं। इसमें उनके आस-पास रहने वालें लोगों ने भी उनकी काफी मदद की है। इस कपल ने यह सब कुछ करने का प्लान 2017 में किया था कि उन्हें पहाड़ों में घर चाहिए।
इस होमस्टे में 4 रूम है 10*11 के हैं। अभिषेक ने बताया कि इस घर को बनाने में 1.50 लाख रुपए की राशि खर्च हुई। क्योंकि जमीन इस कपल ने पहले ही खरीद ली थी। बता दें कि इस होमस्टे में दीप्ति और अभिषेक 10,000 लीटर का एक रेन हार्वेस्टिंग मॉडल भी डवलप करने में लगे हुए है। फिलहाल इस पर काम जारी है। स्थानीय लोग इसमें उनकी सहायता कर रहे है। ये कपल जल्द ही अपने होमस्टे के मॉडल को दूसरे लोगों के साथ शेयर करने वाले हैं।
ताकि वह उन तक इस सूचना को पहुंचा सकें की प्लास्टिक का सही यूज कैसे किया जा सकता है। क्योंकि अगर हम प्लास्टिक का सही से उपयोग नहीं करते हैं लेकिन इसे जरूरत के लिए प्रयोग में लातें हैं तो भी एक हद तक हम सही दिशा की ओर बढ़ पाएंगे। ऐसे कुछ बचे-कुचे प्लास्टिक होते हैं जिनका इस्तेमाल करने से हमें नुकसान नहीं बल्कि फायदा होता है।
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