अमेरिका ने USS निमित्ज़ को Indo-Pacific क्षेत्र में किया तैनात, चीन को सिखाया सबक
दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन की धमक को कम करने के लिए अमेरिका ने अपने जंगी युद्धपोत यूएसएस निमित्ज को मिडिल ईस्ट में अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड से हटाकर अब इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उतार दिया है।
12:52 PM Feb 04, 2021 IST | Desk Team
चीन की बढ़ती दादागिरी पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका ने एक बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विश्व के सबसे बड़े, खतरनाक और परमाणु ऊर्जा से संचालित विमान वाहक युद्धपोत यूएसएस निमित्ज को अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर की ओर रवाना कर दिया है। दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन की धमक को कम करने के लिए अमेरिका ने अपने जंगी युद्धपोत यूएसएस निमित्ज को मिडिल ईस्ट में अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड से हटाकर अब इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उतार दिया है। इसका सीधा मतलब है कि अमेरिका चीन को यह संदेश देना चाहता है कि उसकी दादागिरी अब नहीं चलेगी। यूएसएस निमित्ज ईरान से तनाव के बीच खाड़ी देशों के पास तैनात था।
Advertisement
दक्षिणी चीन सागर में बीजिंग की दादागिरी पिछले कुछ समय से काफी बढ़ गई है। वो लगातार ताइवान पर दबाव बना रहा है। उसने यहां तक कह दिया है कि यदि ताइवान आजादी की मांग करता है तो उसे युद्ध के लिए तैयार रहना होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए जो बाइडेन प्रशासन ने यूएसएस निमित्ज को लेकर यह कदम उठाया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अभी तक अपने चीनी समकक्ष से बात नहीं की है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि चीन के साथ उलझने से पहले अमेरिका पहले अपने सहयोगियों के साथ बेहतर संबंध पर जोर दे रहा है। नई दिल्ली में चीन पर नजर रखने वालों ने कहा कि बाइडेन प्रशासन के फैसले से संकेत मिलता है कि अमेरिका एशिया प्रशांत क्षेत्र में 36 देशों का साथ देने लिए दक्षिण चीन सागर के आसपास अपनी उपस्थिति बढ़ा सकता है, जिनमें से कई देशों के बीजिंग के साथ सीमा विवाद हैं।
बाइडेन प्रशासन ने पहले ही ताइवान के लिए अपनी ठोस प्रतिबद्धता की पुष्टि कर दी है। बाइडेन के इस कदम से संकेत मिलता है कि बाइडेन प्रशासन ताइवान को लेकर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की नीति के साथ आगे बढ़ेगा। बता दें कि ताइवन को लेकर बीते कुछ समय से चीन और अमेरिका के बीच तनाव जारी है। चीन ताइवान को वन चाइना का हिस्सा मानता है।गौरतलब है कि एक अन्य जंगी विमान यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट पिछले महीने दक्षिण चीन सागर पहुंचा था। इनमें यूएसएस बंकर हिल, यूएसएस रसेल और यूएसएस जॉन फिन युद्धपोत शामिल थे।अमेरिकी सेना के मुताबिक ‘समुद्र सबका’ को लेकर ये कदम उठाया गया है।
Advertisement