गन्ना किसानों का दर्द, मलकपुर चीनी मिल पर 184 करोड़ का बकाया, रालोद की चुप्पी पर उठे सवाल
Uttar Pradesh News: पश्चिमी उत्तर प्रदेश को देश का गन्ना बेल्ट कहा जाता है। यहां की अर्थव्यवस्था और राजनीति दोनों ही गन्ने पर टिकी हैं। लगभग हर राजनीतिक दल खुद को किसानों का हितैषी बताता है, लेकिन जब बात हकीकत की आती है तो किसानों के मुद्दे अक्सर उपेक्षित रह जाते हैं। खासकर, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद), जिसे किसान हितैषी पार्टी कहा जाता है। उस पर अब सवाल उठ रहे हैं कि वह गन्ना किसानों की समस्याओं पर खामोश क्यों है।
Uttar Pradesh News: मलकपुर चीनी मिल का बकाया और किसानों की परेशानी
बागपत जिले की मलकपुर चीनी मिल पिछले कई सालों से गन्ना किसानों को समय पर भुगतान नहीं कर पा रही है। हर पेराई सत्र की शुरुआत करोड़ों रुपये के पुराने बकाए के साथ होती है और अंत में फिर वही बकाया रह जाता है। 2024-25 पेराई सत्र खत्म होने के बाद मिल पर 400 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया था। अब जब 2025-26 का नया पेराई सत्र 30 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है, तब भी मिल पर 184 करोड़ रुपये का भुगतान बाकी है। यह मिल लगभग 23 हजार हेक्टेयर क्षेत्र के गन्ने पर निर्भर है और करीब 35 हजार किसान इसमें अपनी फसल जमा करते हैं। इसके बावजूद किसानों को महीनों तक मेहनत का पैसा नहीं मिलता।

Uttar Pradesh News Today: दिवाली फीकी, उम्मीदें अधूरी
इस बार किसानों की दिवाली भी अंधेरी रही। गन्ने के भुगतान न मिलने से किसान आर्थिक संकट में हैं। उन्हें अपने घर-परिवार और त्योहारों की जरूरतें पूरी करने में मुश्किल हो रही है। किसानों की इस परेशानी पर न तो मिल प्रबंधन कुछ बोल रहा है और न ही जिला गन्ना अधिकारी। हालात यह हैं कि मिल के गोदाम में अब चीनी का एक दाना भी नहीं बचा, और पुराने बकाए को चुकाने के लिए मिल को या तो नया लोन लेना पड़ेगा या फिर नए सत्र में बनने वाली चीनी की बिक्री से भुगतान करना होगा।

रालोद की चुप्पी पर उठे सवाल
रालोद खुद को किसानों की आवाज बताती है, लेकिन मलकपुर मिल के मुद्दे पर पार्टी के नेता अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, मंत्रियों और विधायकों की चुप्पी से किसानों में नाराजगी है।
छपरौली विधायक डॉ. अजय कुमार की प्रतिक्रिया
छपरौली विधायक डॉ. अजय कुमार का कहना है कि सरकार की गन्ना नीति को मलकपुर जैसी मिलें “कलंकित” कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भुगतान में देरी को लेकर प्रशासनिक स्तर पर मिल पर कार्रवाई हो रही है और किसानों को उनका हक दिलाने का प्रयास जारी है।

रालोद के राष्ट्रीय सचिव डॉ. कुलदीप उज्ज्वल का बयान
रालोद के राष्ट्रीय सचिव डॉ. कुलदीप उज्ज्वल ने कहा कि राज्य सरकार गन्ना भुगतान को लेकर गंभीर है। पुराने बकाए को आंशिक रूप से निपटाया गया है और शेष भुगतान भी जल्द कराया जाएगा। उनका कहना है कि मिल चाहे जिस तरीके से भी पैसा दे, यह मिल प्रशासन की जिम्मेदारी है।
(रिपोर्ट:-मेहंदी हसन, बागपत)
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