देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश : गोरखपुर में राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर, 30 गांव प्रभावित
10:02 AM Oct 03, 2024 IST | Saumya Singh
उत्तर प्रदेश : गोरखपुर में राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, और जिले के करीब 30 गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति है। आईएमडी ने पूरे सप्ताह गोरखपुर में आंशिक रूप से बादल छाए रहने और एक-दो बार बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान लगाया है। राज्य में भारी बारिश को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित जिलों के अधिकारियों को राहत कार्य तत्परता से चलाने का निर्देश दिया।
Advertisement
Highlight :
Advertisement
- गोरखपुर में राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है
- गोरखपुर जिले के करीब 30 गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति
- CM योगी ने जिलों के अधिकारियों को राहत कार्य चलाने का निर्देश दिये
गोरखपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही राप्ती नदी
एक विज्ञप्ति के अनुसार, सीएम आदित्यनाथ ने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने, राहत कार्य को ठीक से चलाने और प्रभावित लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि सीएम ने आपदा से प्रभावित परिवारों को संबोधित किया और अधिकारियों को उन परिवारों को अनुमेय राहत राशि प्रदान करने के निर्देश दिए, जिनके पशु और घर नष्ट हो गए हैं।
गोरखपुर में 26 सितंबर को भारी बारिश हुई। इससे स्कूली बच्चों और किसानों को परेशानी हुई, जिन्हें लगातार बारिश के कारण अपनी धान की फसल को हुए नुकसान के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
Advertisement

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था। कुशीनगर जिले से होकर बहने वाली नारायणी गंडक नदी का जलस्तर सोमवार को कम होना शुरू हो गया, जिससे बाढ़ प्रभावित गांवों को कुछ राहत मिली। सालिकपुर, विशेषरपुर और महादेवा समेत कई गांवों में बाढ़ का पानी कम हुआ है, जिससे लोग अपने घरों को लौटने लगे हैं। हालांकि, कई गांव अभी भी जलमग्न हैं और उन्हें निकालने का काम जारी है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों ने जलस्तर कम होने पर राहत जताई। महादेवा गांव के बाढ़ पीड़ित धर्मवीर यादव ने कहा, "लोग चिंतित थे, उनके बंधे हुए जानवर और छोटे बच्चे चले गए थे। आज सुबह पानी निकल गया है और लोग अब वापस आने लगे हैं।"

उन्होंने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य की जांच के लिए कुछ मेडिकल टीमें आई हैं। कुशीनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुरेश पटैरिया ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें प्रभावित गांवों में सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। पटारिया ने कहा, हाल ही में हुई बारिश के कारण पानी अचानक बढ़ गया था। हमारी टीम गांवों का दौरा कर रही है, शिविर लगा रही है और प्रभावित लोगों को उपचार मुहैया करा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि जल स्तर में कमी के कारण बीमारियों के बढ़ने की संभावना अधिक है, इसलिए वे दवाइयां, सांपों के जहर को रोकने वाली दवा और रेबीज रोधी उपचार मुहैया कराकर पूरी तरह तैयार हैं।
Advertisement

Join Channel