V.S. Achuthanandan: Kerala के वरिष्ठतम वामपंथी नेता का जीवन और राजनीतिक सफर
V.S. Achuthanandan का नाम Kerala की राजनीति में ईमानदारी, सादगी और संघर्ष का प्रतीक रहा है। ट्रेड यूनियन आंदोलन के जरिए राजनीति में प्रवेश करने वाले Achuthanandan ने अपना पूरा जीवन आम जनता के हक की लड़ाई में समर्पित किया। वे Communist Party of India (Marxist) के सबसे वरिष्ठ नेताओं में शामिल रहे और Kerala के मुख्यमंत्री बनने के साथ-साथ कई अहम राजनीतिक लड़ाइयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राजनीतिक जीवन की शुरुआत
1938 में उन्होंने Trade Union Movement से राजनीति में कदम रखा और State Congress से जुड़ गए। 1940 में वे Communist Party of India (CPI) के सदस्य बने। अपने 40 साल के राजनीतिक करियर में उन्होंने 5 साल 6 महीने जेल में बिताए और 4 साल 6 महीने भूमिगत रहना पड़ा। 1957 में वे CPI के State Secretariat के सदस्य बने।
1964 में CPI National Council के 32 सदस्यों के साथ CPI से अलग होकर Communist Party of India (Marxist) बनाई और वे अब तक के जीवित बचे इकलौते नेता थे। वे 1980 से 1992 तक Kerala State Committee के सचिव रहे और 1985 से Polit Bureau के सदस्य बने। हालांकि बाद में पार्टी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई में उन्हें Polit Bureau से हटा दिया।
विधानसभा चुनाव और जीत-हार का सफर
चुनाव वर्ष | निर्वाचन क्षेत्र | परिणाम | जीत/हार का अंतर |
---|---|---|---|
1965 | Ambalappuzha | हारे | -2327 |
1967 | Ambalappuzha | जीते | 9515 |
1970 | Ambalappuzha | जीते | 2768 |
1977 | Ambalappuzha | हारे | -5585 |
1991 | Mararikulam | जीते | 9980 |
1996 | Mararikulam | हारे | -1965 |
2001 | Malampuzha | जीते | 4703 |
2006 | Malampuzha | जीते | 20017 |
2011 | Malampuzha | जीते | 23340 |
2016 | Malampuzha | जीते | 27142 |
Chief Minister बनने का ऐतिहासिक सफर (2006-2011)
2006 के Kerala Assembly Election में उन्होंने Malampuzha से 20017 वोटों से जीत दर्ज की। 18 May 2006 को उन्होंने Kerala के 11वें Chief Minister के तौर पर शपथ ली। उस समय वे 82 वर्ष 7 महीने के थे और पूरे India में सबसे वरिष्ठ मुख्यमंत्री बने। चुनाव के ठीक दो महीने पहले उन्हें पार्टी ने टिकट देने से इनकार कर दिया था लेकिन जनता के दबाव में पार्टी ने फैसला पलटा।
उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख, जनकल्याणकारी नीतियों, और किसानों के मुद्दों पर सख्त फैसलों के लिए उन्हें जाना गया। हालांकि 2009 में उन्होंने Pinarayi Vijayan के खिलाफ अपनी राय रखी थी, जिसके चलते पार्टी ने उन्हें Polit Bureau से हटा दिया।
2011 के चुनाव में वापसी
2011 के चुनाव में LDF सिर्फ चार सीटों से हार गया, लेकिन V.S. Achuthanandan को जनता का भारी समर्थन मिला। शुरुआत में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था, लेकिन जनता के बड़े स्तर पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद Polit Bureau ने फिर से उन्हें टिकट दिया। वे Malampuzha से 25,000 से अधिक वोटों से जीते।
व्यक्तिगत स्टाफ विवाद और पार्टी में मतभेद
2013 में उनके तीन निजी स्टाफ को पार्टी ने मीडिया में जानकारी लीक करने के आरोप में हटा दिया। उनके प्रतिद्वंद्वी Pinarayi Vijayan के नेतृत्व वाले State Committee ने उन्हें Leader of Opposition से हटाने की भी कोशिश की लेकिन वे Leader of Opposition बने रहे।
2016 के बाद की भूमिका
2016 में उन्हें Kerala Administrative Reforms Commission का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस भूमिका में भी उन्होंने जनहित के मुद्दों पर लगातार आवाज उठाई।
विवादित बयान
2010 में उन्होंने Popular Front पर आरोप लगाया कि यह संगठन Kerala को मुस्लिम बहुल राज्य में बदलने की कोशिश कर रहा है। यह बयान खासा विवादित रहा लेकिन उन्होंने कट्टरपंथी संगठनों के खिलाफ हमेशा कड़ा रुख अपनाया।
V.S. Achuthanandan का जीवन Kerala की राजनीति में संघर्ष, सिद्धांत और सच्चाई की मिसाल है। उन्होंने भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता और तानाशाही के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ी और एक नायक के रूप में उभरे जो जनता की उम्मीदों का प्रतीक बने।