Vallabhbhai Patel Quotes In Hindi: लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के ये 15 प्रेरक विचार, जो दिल में भर दें जोश और देशभक्ति
Vallabhbhai Patel Quotes In Hindi: भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल, जिनका नाम सुनते ही दिल में देशभक्ति का जोश और गर्व की लहर उमड़ती है। सरदार पटेल ही थे जिसने 562 रियासतों को भारत में मिलाकर 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का सपना साकार किया। आजादी के बाद देश को एक करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरदार पटेल ने हमे सिखाया कि अगर इरादे मजबूत हो, तो कोई भी मुश्किल रास्ता आसान बन जाता है।
उनके विचार एकता, साहस, देशभक्ति और समाज में कुछ अच्छा करने की प्रेरणा देते हैं। हर साल 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज उनकी जयंती पर आपको उनके कुछ अनमोल और प्रेरक विचार बताते हैं, जो आपके दिल में देशभक्ति और जोश भर देंगे।
Sardar Vallabhbhai Patel Quotes In Hindi: सरदार पटेल के प्रेरक विचार
1. जब जनता एक हो जाती है, तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक सकता। अतः जात-पात के ऊंच-नीच के भेदभाव को भुलाकर सब एक हो जाइए।
2. मुफ्त चीजें मिलती हैं तो उसकी कीमत आधी हो जाती है। मेहनत से पाई हुई चीज की कीमत ही ठीक तरीके से लगाई जाती है।
3. मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ भूखा ना रहे।
4. इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है।
5. जिस दिन भारत एकजुट हो जाएगा, उस दिन कोई शक्ति उसे झुका नहीं सकेगी।
6. अधिकार मनुष्य को तब तक अंधा बनाए रखेंगे, जब तक मनुष्य उस अधिकार को प्राप्त करने हेतु मूल्य न चुका दे।
7. जो काम कल करना है, उसकी बातों में आज का काम बिगड़ जाएगा और आज के काम के बिना कल का काम नहीं होगा। आज का काम कीजिए, कल का काम अपने आप हो जाएगा।
8. देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर देना ही सबसे बड़ी साधना है।
9. आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए तभी हम एक उन्नत देश की कल्पना कर सकते हैं।
10. कठिन समय में कायर व्यक्ति बहाना ढूंढ़ते हैं और बहादुर व्यक्ति रास्ता ढूंढ़ते हैं।
11. एकता के बिना कोई भी राष्ट्र महान नहीं बन सकता।
12. काम कोई छोटा या बड़ा नहीं होता, हर काम की अपनी गरिमा होती है।
13. हमें अपने देश की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए उतनी ही मेहनत करनी होगी, जितनी उसे पाने के लिए की थी।
14. मनुष्य को ठंडा रहना चाहिए, क्रोध नहीं करना चाहिए। लोहा भले ही गर्म हो जाए, हथौड़े को तो ठंडा ही रहना चाहिए अन्यथा वह स्वयं अपना हत्था जला डालेगा। कोई भी राज्य प्रजा पर कितना ही गर्म क्यों न हो जाये, अंत में तो उसे ठंडा होना ही पड़ेगा।
15. संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गयी है। मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे। जो काम प्रेम, शांति से होता है, वह वैर-भाव से नहीं होता।
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