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कानपुर और रामपुर में हिंसा, बाकी जगह शांति

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पिछले गुरूवार को भड़की हिंसा की चिंगारी की चपेट में आये उत्तर प्रदेश के कई शहरों में शनिवार को जनजीवन पटरी पर लौटता नजर आया हालांकि कानपुर और रामपुर में उपद्रवियों को काबू करने के लिये पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी।

05:02 PM Dec 21, 2019 IST | Shera Rajput

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पिछले गुरूवार को भड़की हिंसा की चिंगारी की चपेट में आये उत्तर प्रदेश के कई शहरों में शनिवार को जनजीवन पटरी पर लौटता नजर आया हालांकि कानपुर और रामपुर में उपद्रवियों को काबू करने के लिये पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी।

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पिछले गुरूवार को भड़की हिंसा की चिंगारी की चपेट में आये उत्तर प्रदेश के कई शहरों में शनिवार को जनजीवन पटरी पर लौटता नजर आया हालांकि कानपुर और रामपुर में उपद्रवियों को काबू करने के लिये पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। 
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राजधानी लखनऊ से भड़की हिंसा की चिंगारी की चपेट में आये कानपुर में आज शाम परेड और यतीमखाना क्षेत्र में उपद्रवियों ने एक बार फिर जमकर बवाल काटा और यतीमखाना पुलिस चौकी पर खड़ वाहनो पर आग लगा दी वहीं परेड चौराहे पर शरारती तत्वों ने पथराव और गोलीबारी की। उपद्रवियों की गोली के शिकार पुलिसकर्मी अर्पित सिंह और एक अन्य सिपाही को हैलेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 
तनाव के मद्देनजर लखनऊ,कानपुर समेत कुछ अन्य शहरों में इंटरनेट सेवाओं को सोमवार दोपहर तक के लिये बाधित कर दिया गया है। पुलिस शरारती तत्वों की पहचान कर रही है ताकि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर उन्हे राज्य की ताजा स्थिति से अवगत कराया और कानून व्यवस्था जल्द सुचारू बनाने का भरोसा दिलाया। 
राज्य के अलग अलग जिलों में हुयी हिंसात्मक वारदातों में 17 से अधिक लोगों के मारे जाने की सूचना है हालांकि पुलिस ने 15 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। हिंसा में राज्य भर में 263 पुलिसकर्मियों समेत एक हजार से अधिक लोग घायल हुये है जिनका उपचार विभिन्न जिलों के अस्पतालों में चल रहा है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि नागरिक संशोधन कानून (सीएए) को लेकर कानपुर में प्रदर्शनकारियों ने परेड चौराहा और यतीमखाना क्षेत्र में पथराव किया और कुछ वाहनों में आग लगा दी। उपद्रवियों ने यतीमखाना चौकी पर खड़ी वाहनो में आग लगा दी और कुछ दुकानों में आग लगाने का प्रयास किया। 
पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में लाठीचार्ज कर उपद्रवियों को खदेड़ दिया। इस बीच परेड चौराहे पर पुलिस कार्रवाई में बाधा खड़ी  करने के प्रयास में पुलिस ने सपा विधायक अमिताभ वाजपेई और एक पूर्व विधायक को हिरासत में ले लिया। इस बीच शुक्रवार को हुयी हिंसा में मारे गये युवकों के शवों को कड़ सुरक्षा बंदोबस्त के बीच बाबूपुरवा कब्रिस्तान में सुपर्द ए खाक कर दिया गया। 
उन्होने बताया कि हिंसा में दो पुलिस वालों को गोली लगी है जिन्हे इलाज के लिये हैलेट अस्पताल भेजा गया है। शहर काजी ने आरोप लगाया कि सीएए के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने बल प्रयोग कर उकसाया जिससे अप्रिय हालात उत्पन्न हुये। 
इस बीच लखनऊ में पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने पत्रकारों को बताया कि सीएए के विरोध में हुये प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में मेरठ में सबसे अधिक चार लोगों की मृत्यु हुयी है जबकि फिरोजाबाद में तीन, कानपुर और बिजनौर में दो दो लोग हिंसा के कारण अपनी जान गंवा बैठे। इसके अलावा वाराणसी, लखनऊ,संभल और वाराणसी में एक एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी। 
उन्होने बताया कि हिंसा में बाहरी तत्वों के शामिल होने के सबूत मिले हैं। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन कर रही भीड़ में शामिल शरारती तत्वों ने हिंसा को हवा दी। मामले की जांच की जा रही है जिसमें दोषी पाये गये किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जायेगा और मामला दर्ज कर उनको दंडित करने के साथ सरकारी संपत्ति को हुयी नुकसान की भरपाई की जायेगी। 
हिंसा के दौरान उपद्रवियों द्वारा किये गये पथराव और गोलीबारी में पुलिस अधीक्षक समेत 263 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से 57 पुलिसकर्मियों को गोली लगी है। पुलिस ने हिंसाग्रस्त इलाकों से प्रतिबंधित बोर के तमंचों के 405 खोखे बरामद किये हैं।
श्री कुमार ने बताया कि हिंसा के मामलों में सूबे के अलग-अलग जिलों में 124 आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं और 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा 4500 लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस नामजद लोगों की धरपकड़ में लगी है। 
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दो दर्जन शहरों में मोबाइल इंटरनेट को सोमवार दोपहर 12 बजे तक बाधित रखने का निर्णय लिया गया है। कानपुर में शाम चार बजे बवाल फिर भड़का और सैकड़ लोगों ने बाबूपुरवा कोतवाली घेर ली। उधर सपा विधायक इरफान सोलंकी और अमिताभ बाजपेई के साथ सैकड़ लोगों ने कोतवाली पहुंचकर गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई न करने का पुलिस पर दबाव बनाया। 
उधर, पुलिस ने बिल्हौर के बसपा के पूर्व विधायक और हाल ही सपा की सदस्यता लेने वाले कमलेश दिवाकर को उनके वाहन से आपत्तिजनक पोस्टर मिलने के आरोप में हिरासत में ले लिया। इसको लेकर सपा विधायक अमिताभ बाजपेई की अपर पुलिस महानिदेशक प्रेम प्रकाश से कहासुनी हो गयी। उनके आदेश पर पुलिस ने सपा विधायक को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेज दिया। 
रामपुर में भी सीएए की आड़ में माहौल को भी बिगाड़ने का प्रयास किया गया और हिंसा पर उतारू भीड़ और पुलिस के बीच हुयी गोलीबारी में एक शख्स की मौत हो गयी। उधर लखनऊ में अकबरी गेट पर पास लोगों के कुछ उपद्रवियों की गिरफ्तारी का विरोध किया जिसको लेकर 16 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है।
 
इस बीच सूबे के पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने लखनऊ में पत्रकारों को बताया कि सीएए के विरोध में हुये प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में मेरठ में सबसे अधिक चार लोगों की मृत्यु हुयी है जबकि फिरोजाबाद में तीन, कानपुर और बिजनौर में दो दो लोग हिंसा के कारण अपनी जान गंवा बैठे। इसके अलावा वाराणसी, लखनऊ,संभल और वाराणसी में एक एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी। 
उन्होने बताया कि हिंसा में बाहरी तत्वों के शामिल होने के सबूत मिले हैं। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन कर रही भीड़ में शामिल शरारती तत्वों ने हिंसा को हवा दी। मामले की जांच की जा रही है जिसमें दोषी पाये गये किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जायेगा और मामला दर्ज कर उनको दंडित करने के साथ सरकारी संपत्ति को हुयी नुकसान की भरपाई की जायेगी। 
श्री कुमार ने बताया कि हिंसा के दौरान उपद्रवियों द्वारा किये गये पथराव और गोलीबारी में पुलिस अधीक्षक समेत 263 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से 57 पुलिसकर्मियों को गोली लगी है। पुलिस ने हिंसाग्रस्त इलाकों से प्रतिबंधित बोर के तमंचों के 405 खोखे बरामद किये हैं। उन्होने बताया कि हिंसा के मामलों में सूबे के अलग-अलग जिलों में 124 आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं और 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा 4500 लोगों को हिरासत में लिया गया है। 
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर 13,101 आपत्तिजनक पोस्ट पर कार्रवाई की गई है जिनमें 63 एफआईआर दर्ज कर 102 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनके अलावा 442 पाबंद किये गए हैं।
रामपुर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के बावजूद उलेमाओं के बंद के आवाहन पर हजारों की भीड सीएए का विरोध करने सड़कों पर आ गयी। ईदगाह के पास हिंसा पर उतारू भीड ने एक पुलिस वाहन समे कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। हिंसक प्रदर्शन के दौरान एक शख्स की मौत हो गई। 
इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बरेली, मऊ, कानपुर, उन्नाव, प्रयागराज, सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, गाजियाबाद, संभल, आजमगढ़, आगरा, मुरादाबाद में सोमवार 12 बजे तक इंटरनेट सेवाये बाधित की गयी है। बैन की सीमा बढ़ई गई। 
मुजफ्फरनगर के सिविल लाइन क्षेत्र में कच्ची सड़क के पास केवलपुरी में शनिवार को दो पक्षों के बीच पथराव की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठियां फटकारकर भीड़ को वहां से खदेड़ दिया। तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बताया गया कि एक वर्ग के लोग अंतिम संस्कार करने के लिए जा रहे थे इसी दौरान संघर्ष हो गया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच पथराव हुआ। 
पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि उग, प्रदर्शन मामले में अब तक करीब हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लखनऊ में ही करीब 250 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए हैं। इसमें एनजीओ और बाहरी तत्व शामिल हो सकते हैं। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। 
लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि 250 लोगों को वीडियो फुटेज और फोटो के आधार पर चिन्हित कर गिरफ्तार किया गया है। बाकी प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। प्रशासन आरोपियों पर रासुका और सम्पत्ति कुर्क की कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। 
राज्य के विभिन्न जिलों में हो रहे हिंसात्मक प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। मुलाकात के बाद श्री योगी ने एक बार फिर कहा कि उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होने प्रदेशवासियों से शांति की अपील करते हुये कहा कि नागरिकता कानून को लेकर फैलाए जा रहे अफवाह में न पड़ और उपद्रवी तत्वों के उसकावे में ना आएं। प्रदेश में हर व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करने का दायित्व राज्य सरकार का है।
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