ये एक महत्वपूर्ण पुराना हिंदू मंदिर है, जिसकी गिनती 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे पहले ज्योतिर्लिंग के रूप में की जाती हैमल्लिका माता पार्वती का नाम है, जबकि 'अर्जुन' भगवान शंकर को कहा जाता है इसी वजह से इस जगह को 'मल्लिकार्जुन' नाम से जाना जाता हैइस मंदिर को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है और मान्यता है कि दक्षिणामुखी मृत्युंजय भगवान श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होकर सृष्टि का संचार करते हैंओंकारेश्वर में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ ही ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग भी है। साथ ही इन दोनों शिवलिंगों को एक ही ज्योतिर्लिंग माना जाता हैहिमालय के केदार श्रृंग पर भगवान विष्णु के अवतार महातपस्वी नर और नारायण ऋषि ने तपस्या की थी और उनकी तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने उस जगह पर सदा वास करने का वरदान दिया था धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर बसी है और बाबा विश्वनाथ को विश्वेश्वर यानि विश्व के शासक के नाम से भी जाना जाता है