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आज इस योग में होगा होलिका दहन,जानें क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त

आज यानी 9 मार्च 2020 सोमवार को फागुन मास की पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन का त्योहार मनाया जाएगा। होलिका दहन को अच्छाई पर बुराई की विजय के रूप में मनाया जाता है।

06:31 AM Mar 09, 2020 IST | Desk Team

आज यानी 9 मार्च 2020 सोमवार को फागुन मास की पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन का त्योहार मनाया जाएगा। होलिका दहन को अच्छाई पर बुराई की विजय के रूप में मनाया जाता है।

आज यानी 9 मार्च 2020 सोमवार को फागुन मास की पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन का त्योहार मनाया जाएगा। होलिका दहन को अच्छाई पर बुराई की विजय के रूप में मनाया जाता है।  इस बार होलिका दहन और पूजन के लिए कुल 2 घंटे 26 मिनट का समय ही सबसे ज्यादा शुभ रहने वाला है। तो आइए आपको बताते हैं किस शुभ मुहूर्त में करें होलिका दहन एंव पूजन। 
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करें इन सामग्रियों को इकट्ठा
पूजा सामग्री के लिए एक लोटा गंगाजल या शुद्घ पानी,रोली,खुले फूल और 4 फूल माला,सात रंग में रंगे रंगीन चावल,सुगंधित धूप,गुड़ या मिठाई,कच्चा सूत,साबूत हल्दी,मूंग,बताशे,नारियल और नई फसल के अनाज गेंहू की बालियां,पके चने और गोबर से बनी ढाल आदि। 
होलिका दहन और पूजा का शुभ मुहूर्त
9 मार्च यानी आज फाल्गुन पूर्णिमा तिथि सुबह 3:03 बजे शुरू हुई है,जिसका समापन आज ही रात को 11:17 पर होगा। बता दें कि इस बार होलिका दहन करने के लिए मुहूर्त का कुल समय केवल 2 घंटे 26 मिनट का ही है। वहीं होलिका दहन शुभ मुहूर्त शाम को 6 बजकर 26 मिनट से रात 8 बजकर 52 मिनट तक होगा। 
इस तरह से करें होलिका दहन की पूजा
1.होलिका दहन के शुभ मुहूर्त के वक्त चार मालाएं-मौली,फूल,गुलाल,ढाल और खिलौनों से बनाई हुई लाएं। इनमें से एक माला पितरों के नाम की,दूसरी श्री हनुमान जी के लिए और तीसरी माला शीतला माता के लिए और चौथी घर और परिवार के नाम की होगी। 
2.अब पूजा सामग्री को नीचे रखकर होली के चारों तरफ सात परिक्रमा करते हुए कच्चा सूत को करीब सात बार लपेटे। 
3.इसके बाद पंचोपचार विधि से होलिका का पूजन करें और इसे जल से अघ्र्य दें। 
4.पूजा कर लेने के बाद अब 5 बार गायत्री मंत्र बोलते हुए होलिका को अग्नि से दहन कर दें। 
5.होलिका दहन के बाद थोड़ा सा जल चढ़ाने के बाद सभी अन्य पूजा सामग्रियों को एक-एक करके जलती हुई होलिका में अर्पित कर दें। 
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