बंदरों को टॉर्चर करने वाले ग्रुप में महिला का नाम आया सामने, कहा- टॉर्चर देख राहत मिलती है
बंदरों और उनके बच्चों को टॉर्चर कर वीडियो बनाकर ऑनलाइन डिस्ट्रीब्यूट करने वाले ग्रुप में एक महिला का नाम सामने आया है। पुलिस ने पता लगाया है कि इन वीडियो को बनाने के लिए एक ग्रुप के जरिए पैसा दिया जा रहा था। वहीं, इस ग्रुप के 6 एडमिनिस्ट्रेटर में से एक की पहचान महिला के रुप में हुई है।
फ्लोरिडा की रहने वाली इस महिला का नाम डेनिएल डेविलबिस है। अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी इंवेस्टिगेशन के मुताबिक महिला का कहना है कि उसे बंदरों को टॉर्चर होता देखने में मजा आता है और टॉर्चर के वीडियो को देख राहत महसूस किया करती थी।
बता दें, HSI ने निकोल की पहचान एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म 'टेलीग्राम' पर मौजूद एक ग्रुप के 6 एडमिनिस्ट्रेटर में से एक के तौर पर की है। ये ग्रुप बंदरों को टॉर्चर कर वीडियो डिस्ट्रीब्यूट करता था। वहीं, अभियोजकों ने जो शिकायत दायर की है उसके मुताबकि, टेलीग्राम ग्रुप में कुल 60 मेंबर्स थे, जो बंदरों को चूहा कहकर बुलाते थे और जानवरों पर होने वाले अत्याचारों को लेकर चर्चा किया करते थे।
आपको बता दें, होमलैंड सुरक्षा जांच के विशेष एजेंट के एक हलफनामे के अनुसार, ऑनलाइन समूह के सदस्यों ने वीडियो साझा कर उनके बारे में बात की और इंडोनेशिया में वीडियो बनाने वाले लोगों को पैसे दिये गए साथ ही बंदरों पर कई तरह की यातनाओं के बारे में चर्चा की जो वे देखना चाहते थे।
हैरत है कि ग्रुप पर शेयर किए गए वीडियोज़ में बंदरों को बुरी तरह से टॉर्चर होते देखा गया है। वीडियो में उनपर उबलता हुआ पानी डाला गया। बेरहमी से पीटा गया। जबरन मुंह बंद किया गया। उनके गुप्तांग, उंगलियों और पूंछ को काट दिया गया। 35 साल की निकोल पर जानवरों को प्रताड़ित करने का वीडियो शूट करने और डिस्ट्रीब्यूट करने की साजिश रचने का आरोप मढ़ा गया है।
HSI एजेंट और लॉ इन्फोर्समेंट ऑफिसर ने डेविलबिस के घर की तलाशी ली थी। एक हलफनामे के मुताबिक, डेविलबिस ने यह बात कबूल की है कि वो टेलीग्राम के कई सारे ग्रुप में शामिल थी, जिसमें बंदरों को प्रताड़ित करने से जुड़ी वीडियो शेयर की जाती थीं।बता दें, डेविलबिस को अधिकतम 5 साल तक की सजा हो सकती है।