India WorldDelhi NCR Uttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir Bihar Other States
Sports | Other GamesCricket
Horoscope Bollywood Kesari Social World CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

दुनिया के सबसे बड़े Telescope को समुद्र में उतार कर क्या हासिल करना चाहता है चीन?

05:25 PM Oct 25, 2023 IST
Advertisement

2023 में चीन ने अपने उत्तरी पश्चिमी राज्य सिंकयांग में स्थित टकलामकान रेगिस्तान में 11 किलोमीटर से अधिक (11100 मीटर) गहरा गड्ढा तेल और गैस खोजने के लिए खोदा था। लेकिन अब चीन एक बार फिर पृथ्वी की गहराई में जा रहा है। लेकिन इस बार वो किसी जमीन में खुदाई नहीं कर रहा बल्कि समुद्र के अंदर अपनी ताकत दिखा रहा है।

बता दें, चीन समुद्र में दुनिया का सबसे ताकतवर और सबसे बड़ा टेलीस्कोप बना रहा है। इसका पूरा नाम ट्रॉपिकल डीप सी न्यूट्रिनो टेलिस्कोप-TRIDENT है। वहीं चीन के लोग इसे हाई लिंग भी कह रहे हैं। चाइनीज में इसका मतलब समुद्री घंटा होता है। इस टेलिस्कोप को बनाने का काम 2026 में शुरु होगा, जिसके बाद 2030 तक इसके पूरी तरह बनकर तैयार होने की उम्मीद है।

क्या स्टडी करेगा ये टेलीस्कॉप ?

Trident न्यूट्रिनो यानी घोस्ट पार्टिकल्स की स्टडी करेगा। बता दें, न्यूट्रिनो वह घोस्ट पार्टिकल्स होते हैं जो व्यक्ति के शरीर से हर सेकंड 100 बिलियन यानी 1000 करोड़ कण बार गुजरते हैं। इसे काउंट करना मुश्किल होता है और ना ही इसका कोई वजन होता है।

अगर वैज्ञानिक इसकी स्पीड को कम कर देते हैं तो इसकी स्टडी की जा सकती है और यह स्टडी वैज्ञानिकों को इस बात का पता लगाने में मदद करेगी कि अंतरिक्ष में होने वाले विस्फोटों, अंधेरा और स्पेस में होने वाली बड़ी-बड़ी टक्करों में असल में क्या होता है।

चारों तरफ मौजूद न्यूट्रिनो

बता दें न्यूट्रिनो दुनिया में चारों तरफ मौजूद हैं। यह धरती के हर एक कोने पर है, सभी दिशाओं में भटकते रहते हैं। विज्ञान बताता है कि ऐसा कोई भी जीव इस धरती पर नहीं है जिसके शरीर से न्यूट्रिनो ना टकराते हों। ब्रह्मांड में मौजूद फोटॉन्स के बाद यह सबसे अधिक पाए जाने वाले सब एटॉमिक कण होते हैं। इनकी उत्पत्ति परमाणु विस्फोट के चलते होती है।

 

टेलीस्कोप की खासियत

सबडे बड़े टेलीस्कोप को वेस्ट पैसिफिक ओशियन में 11500 फीट की गहराई में उतारा जाएगा। इसमें 24000 से अधिक ऑप्टिकल सेंसर लगाए जाएंगे। इसे 1211 स्ट्रिंग्स में सेट किया जाएगा और उन सभी स्ट्रिंग्स की ऊंचाई 2300 फीट होगी। जब यह काम करना शुरू करेगा तब इसका सिरा समुद्र के ऊपरी सतह के तरफ किया जाएगा।

मालूम हो, अभी दुनिया का सबसे बड़ा न्यूट्रिनो डिटेक्टर अंटार्कटिक के एमंडसेन-स्कॉट साउथ पोल स्टेश पर मौजूद है और ये 1 क्यूबिक किलोमीटर के इलाके को कवर करता है। लेकिन Trident 7.5 क्यूबिक किलोमीटर के इलाकों में न्यूट्रॉन की खोज करेगा।

Advertisement
Next Article