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वायरस का खत्म होना संभव नहीं, ये अंतत: पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा बन जाते हैं : डब्ल्यूएचओ अधिकारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस को समाप्त करना संभव नहीं है क्योंकि ऐसे वायरस कभी खत्म नहीं होते और अंत में पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा बन जाते हैं।

01:38 AM Jan 19, 2022 IST | Shera Rajput

विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस को समाप्त करना संभव नहीं है क्योंकि ऐसे वायरस कभी खत्म नहीं होते और अंत में पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा बन जाते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन  के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस को समाप्त करना संभव नहीं है क्योंकि ऐसे वायरस कभी खत्म नहीं होते और अंत में पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा बन जाते हैं। अधिकारी ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि व्यवस्था में अंतर्निहित असमानताओं को ठीक करने के लिए एक सहयोगी दृष्टिकोण के साथ इस साल कोविड-19​​​​के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल को समाप्त करना संभव है।
पूरी दुनिया की आबादी का अधिकतम टीकाकरण करके यह सुनिश्चित किया जाए -विश्व स्वास्थ्य संगठन
विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्वास्थ्य आपात स्थिति कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक माइकल रयान ने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के ऑनलाइन दावोस एजेंडा 2022 शिखर सम्मेलन में कहा कि करने की जरूरत यह है कि पूरी दुनिया की आबादी का अधिकतम टीकाकरण करके यह सुनिश्चित किया जाए कि महामारी के मामले वास्तव में निम्न स्तर के हो जाएं।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे विचार में यह सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल का अंत होगा और यह इस महामारी का अंत होगा।’’ उन्होंने कहा कि इस वर्ष ही इस लक्ष्य को प्राप्त करने का एक मौका है।
2019 के अंत में चीन के वुहान में सामने आए इस वायरस का दुनिया भर में प्रसार हुआ 
पहली बार 2019 के अंत में चीन के वुहान में सामने आए इस वायरस का दुनिया भर में प्रसार हुआ और इसके विश्व स्तर पर 33 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और इससे अब तक 55.5 लाख से अधिक व्यक्तियों की मौत हो चुकी है।
डब्ल्यूएचओ ने 30 जनवरी, 2020 को इसके प्रकोप को ‘अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल’ और 11 मार्च, 2020 को इसे एक महामारी घोषित किया था।
इसी सत्र में कार्यकारी निदेशक, ऑक्सफैम इंटरनेशनल, गैब्रिएल बुचर ने कहा, ‘‘महामारी को समाप्त करना संभव है यदि हम समान वितरण सुनिश्चित करने के लिए मॉडल में वास्तव में आमूलचूल परिवर्तन करें।’’
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने कहा कि महामारी की परिभाषा हर दिन विकसित हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कोई विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन एक बिंदु होगा जब हम टीकाकरण के एक निश्चित स्तर तक पहुंच जाएंगे। उम्मीद है कि ऐसा इस साल के अंत तक होगा, जब सभी को टीके की दो या तीन खुराक दे दी जाएंगी, तब शायद हम ऐसा कह सकते हैं। यह इस पर निर्भर करेगा किस प्रकार के नए स्वरूप सामने आते हैं और अस्पताल में भर्ती होने का स्तर नियंत्रण में रहता है।’’ वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या महामारी का अंत हो सकता है।
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