वैवाहिक सुख के लिए ऐसे करें विवाह पंचमी व्रत! साथ जानें त्रेता युग के सबसे बड़े स्वयंवर की कहानी
Vivah Panchami Shubh Muhurat: विवाह पंचमी 2025 के शुभ मुहूर्त

Vivah Panchami Vrat Kaise Rakhe: विवाह पंचमी पर क्या करना होगा शुभ?

- विवाह पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
- घर में भगवान श्री राम और माता सीता की प्रतिमाओं को कपड़े से साफ करें। फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उन्हें स्थापित करें।
- श्री राम और माता सीता की विधि-विधान से पूजा करें।
- धूप, दीप, पुष्प, फल और पंचामृत से श्री राम और देवी सीता का अभिषेक करें।
- विवाह पंचमी के दिन घर में वाल्मीकि रामायण या रामचरितमानस का पाठ करें।
- शाम के समय विवाहोत्सव का आयोजन करें। इसके साथ विवाह की झांकी और भजन-कीर्तन करें।
Vivah Panchami Vrat Katha: विवाह पंचमी की व्रत कथा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने राजा दशरथ के घर श्री राम के रूप में जन्म लिया। वहीं मिथिला के राजा जनक को खेत जोतते समय धरती से एक कन्या प्राप्त हुई, जिन्हें उन्होंने अपनी पुत्री बनाकर ‘सीता’ नाम दिया। जब सीता युवा हुईं, तो राजा जनक ने उनके लिए स्वयंवर रचाया। इसमें यह शर्त रखी गई कि जो भी भगवान शिव के दिव्य और अत्यंत शक्तिशाली धनुष को तोड़ देगा, वही सीता से विवाह कर सकेगा। इस धनुष को तोड़ना लगभग असंभव माना जाता था।
स्वयंवर में अनेक राजकुमार उपस्थित हुए, लेकिन कोई भी उस धनुष को उठा भी नहीं सका। तभी गुरु वशिष्ठ के निर्देश पर वहाँ आए श्रीराम धनुष के समीप पहुँचे। उन्होंने शांत मन से धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाई और खींचते ही वह दो हिस्सों में टूट गया। इस अद्भुत घटना से सभी आश्चर्यचकित रह गए। इसके बाद सीता, अपनी सखियों के साथ राम के पास आईं। एक सखी ने उन्हें जयमाला पहनाने का संकेत दिया। उस वक्त उनके हाथ ऐसे दीख रहे थे जैसे कमल के डंठलों समेत दो फूल चाँद को निहारते हुए माला अर्पित कर रहे हों। फिर सीता ने श्रीराम के गले में जयमाला डाल दी।


Join Channel