क्या 7 मई की रात PAK पर भारत के एक्शन से सहम गए थे पुतिन? ट्रंप से बातचीत में किया ये खुलासा
ट्रंप से बातचीत में पुतिन ने बताया डर का कारण
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुलासा किया कि 7 मई की रात भारत के पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमले से वह पहली बार सहम गए थे। इस दिन भारत ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के खिलाफ हवाई हमले किए, जिसमें 100 से अधिक आतंकियों की मौत हुई।
Russia News: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई एक फोन बातचीत के दौरान एक महत्वपूर्ण बयान दिया है. उन्होंने बताया कि बीते तीन वर्षों में पहली बार 7 मई की रात को थोड़ा सहम गए थे. पुतिन के मुताबिक, यह वही रात थी जब भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 7 मई की रात भारत ने एक निर्णायक कदम उठाते हुए पाकिस्तान के अंदर मौजूद आतंकवादी संगठनों, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के खिलाफ हवाई हमले किए थे. इस ऑपरेशन में भारत ने करीब 9 आतंकी अड्डों को निशाना बनाया, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकियों की मौत हुई थी.
पहलगाम अटैक के बाद भारत ने लिया एक्शन
इस कार्रवाई की पृष्ठभूमि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई हिंसक घटना से जुड़ी है, जिसमें लश्कर समर्थित आतंकियों ने 26 आम नागरिकों की हत्या कर दी थी. इसके बाद भारत ने आतंक के ठिकानों को खत्म करने की योजना बनाई थी.
रूस पर ड्रोन हमला और पुतिन की चिंता
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उसी रात यूक्रेन ने रूस की राजधानी मॉस्को पर बड़ी मात्रा में ड्रोन हमले किए. इन हमलों में लगभग 564 ड्रोन का उपयोग किया गया. पुतिन के अनुसार, यूक्रेन की यह कार्रवाई एक सोची-समझी रणनीति थी, जिसका उद्देश्य चीन और अन्य वैश्विक नेताओं को 9 मई को होने वाली विक्ट्री परेड में शामिल होने से रोकना था. पुतिन ने कहा कि उस रात वह थोड़े घबराए हुए थे, क्योंकि अगर इन हमलों के चलते विश्व नेता डरकर मॉस्को नहीं आते, तो इसका सीधा असर परेड की प्रतिष्ठा पर पड़ सकता था.
विक्ट्री परेड और शि जिनपिंग की मौजूदगी
9 मई को मास्को में आयोजित विक्ट्री डे परेड रूस के लिए एक अहम आयोजन था. इस मौके पर चीन के राष्ट्रपति शि जिनपिंग बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. उनके साथ अन्य कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी इस समारोह में मौजूद थे. रूस ने यह सुनिश्चित किया कि ड्रोन हमलों का आयोजन पर कोई प्रभाव न पड़े.
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भारत-पाक के बीच बढ़ता तनाव
भारत की इस कार्रवाई के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में यह चिंता गहराने लगी कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बन सकते हैं. भारत ने स्पष्ट आरोप लगाया कि पाकिस्तान की सेना आतंकियों को संरक्षण दे रही है. हालांकि, कुछ दिनों बाद, 11 मई को दोनों देशों ने आपसी सहमति से सीजफायर की घोषणा कर दी, जिससे क्षेत्र में तनाव कुछ हद तक कम हुआ.