टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलसरकारी योजनाहेल्थ & लाइफस्टाइलट्रैवलवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

'क्या शिमला समझौता अमेरिका के दबाव में हुआ था' निशिकांत दुबे ने इंदिरा गांधी पर उठाया सवाल

शिमला समझौते पर निशिकांत दुबे ने कांग्रेस से उठाए सवाल

11:49 AM Jun 23, 2025 IST | Neha Singh

शिमला समझौते पर निशिकांत दुबे ने कांग्रेस से उठाए सवाल

निशिकांत दुबे ने पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर सवाल उठाते हुए ‘एक्स’ पर एक दस्तावेज साझा करते हुए निशिकांत दुबे ने सवाल किया कि भारत की “आइरन लेडी” ने भारत शासित 5000 वर्ग मील क्षेत्र पाकिस्तान को क्यों दिया। इंदिरा गांधी पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने अमेरिका के दबाव में भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

Advertisement

सुर्खियों में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर कांग्रेस पर हमला बोला है। निशिकांत दुबे ने पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने अमेरिका के दबाव में भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। ‘एक्स’ पर राज्यसभा की बहस का एक दस्तावेज साझा करते हुए निशिकांत दुबे ने सवाल किया कि भारत की “आइरन लेडी” ने भारत शासित 5000 वर्ग मील क्षेत्र पाकिस्तान को क्यों दिया। भाजपा सांसद ने आगे पूछा कि पाकिस्तान के जेल में मारे गए 57 भारतीय सैनिकों के बाद भी 1971 के युद्ध के बाद आत्मसमर्पण करने वाले 93000 पाकिस्तानी सैनिकों को क्यों लौटा रहे थे।

NEP पर बी बोले दुबे

निशिकांत दुबे ने उल्लेख किया कि पूर्व रक्षा मंत्री महावीर त्यागी ने ये सवाल उठाए थे, लेकिन पूर्व भारतीय पीएम इंदिरा गांधी ने उन्हें अनुत्तरित छोड़ दिया। इससे पहले रविवार को निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए स्थानीय भाषाओं के बजाय अंग्रेजी सीखने को प्रोत्साहित करने के कांग्रेस नेता के इरादों पर सवाल उठाया और साथ ही भाषा चयन के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का विरोध करने के “पाखंड” की ओर इशारा करते हुए कहा कि 1986 की एनईपी के भी ऐसे ही लक्ष्य थे।

दुबे ने एक्स इन हिंदी पर एक पोस्ट में कहा, “राहुल गांधी जी, आपके जांच सलाहकार आपको बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। यह आपके पिता द्वारा देश को दी गई 1986 की शिक्षा नीति है। इसमें आपके पिता देश को हिंदी को बढ़ावा देने, संस्कृत भाषा को पढ़ाने और अंग्रेजी का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने का वादा कर रहे हैं। यही शिक्षा नीति अब लगभग लागू हो चुकी है। क्षेत्रीय भाषाओं के साथ छात्रों का भी विकास होना चाहिए, इसमें बदलाव प्रधानमंत्री मोदी जी ने 2020 में किया है।”

‘अंग्रेजी पर गर्व करने वाले गुलाम हैं’

उन्होंने कहा कि रूस, चीन, फ्रांस, जर्मनी, जापान और अरब देशों को अपनी भाषा पर गर्व है, जबकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को अंग्रेजी पर गर्व है, गुलामों की तरह। दुबे ने अपनी पोस्ट में लिखा, “रूस, चीन, फ्रांस, जर्मनी, अरब देश, जापान, कोरिया सभी को अपनी भाषा पर गर्व है और यह विकसित है, आप गुलामों की तरह अंग्रेजी पर क्यों गर्व करते हैं, हमें संथाली, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, बंगाली, मलयालम, हिंदी, संस्कृत पर गर्व है।” दुबे ने 1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कथित स्क्रीनशॉट साझा किए, जिसमें कहा गया था कि “नीति विश्वविद्यालय स्तर पर शिक्षा के माध्यम के रूप में क्षेत्रीय भाषाओं को अपनाने पर जोर देती है।

पाकिस्तान की प्रवक्ता बन चुकी है कांग्रेस , उसकी ही भाषा बोलती है पार्टी : निशिकांत दुबे

Advertisement
Next Article