Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

मध्य प्रदेश में हर साल 4000 करोड़ रुपये की बिजली की बर्बादी रोकी जा सकती है: CM शिवराज

बिजली का अपव्यय रोकना बड़ी चुनौती है। मध्यप्रदेष में ऊर्जा बचत के जरिए चार हजार करोड़ रुपये प्रति साल के अपव्यय को रोका जा सकता है।

01:04 PM Dec 23, 2022 IST | Desk Team

बिजली का अपव्यय रोकना बड़ी चुनौती है। मध्यप्रदेष में ऊर्जा बचत के जरिए चार हजार करोड़ रुपये प्रति साल के अपव्यय को रोका जा सकता है।

बिजली का अपव्यय रोकना बड़ी चुनौती है। मध्यप्रदेष में ऊर्जा बचत के जरिए चार हजार करोड़ रुपये प्रति साल के अपव्यय को रोका जा सकता है। यह दावा किया है राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नवकरणीय ऊर्जा योजनाओं के प्रस्तुतिकरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ऊर्जा बचत के लिये लोगों को प्रेरित किया जाये तो प्रदेश में प्रति वर्ष चार हजार करोड़ रुपए की बिजली के अपव्यय को रोका जा सकता है।
Advertisement
किसान अन्नदाता बनने के साथ अब ऊर्जा दाता 
मुख्यमंत्री चौहान ने नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग की विभागीय योजनाओं के प्रस्तुतिकरण और उनसे संबंधित शंका एवं समाधान के लिये हुए कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि सभी मंत्री भी अपने विभागों से संबंधित इस तरह के कार्यक्रम करें। प्रदेश का किसान अन्नदाता बनने के साथ अब ऊर्जा दाता भी बन रहा है। किसानों के लिये कुसुम- अ,ब, स योजना आय के साधन बढ़ाएंगे। कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आयेगी।
600 मेगावाट की ओंकारेश्वर फ्लोटिंग योजना पर काम जारी
मंत्री डंग ने कहा कि राज्य में ग्रीन ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश में बहुत तीव्र गति से काम हो रहा है। प्रदेश में वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत ग्रीन ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है। देश-विदेश के निवेशक मध्यप्रदेश की ग्रीन ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश करने के इच्छुक हैं। विश्व की सबसे बड़ी 600 मेगावाट की ओंकारेश्वर फ्लोटिंग योजना पर काम जारी है। इससे भूमि की बचत होने के साथ, पानी भी भाप बन कर नहीं उड़ेगा।
सोलर ऊर्जा में 54 और पवन ऊर्जा में 23 प्रतिशत की वृद्धि
ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने बताया कि मध्यप्रदेश जल्दी ही देश का पहला ग्रीन अमोनिया उत्पादक राज्य होगा। प्रदेश में साढ़े पांच हजार मेगावाट ग्रीन ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। पिछले 11 सालों में सोलर ऊर्जा में 54 और पवन ऊर्जा में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे एक करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है, जो 17 करोड़ पेड़ के बराबर है।
Advertisement
Next Article