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हम चाहते हैं कि देश में सक्षम लोग आएं: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

एच1बी वीजा पर ट्रंप का समर्थन और विरोध दोनों पक्षों को सराहा

06:18 AM Jan 23, 2025 IST | Vikas Julana

एच1बी वीजा पर ट्रंप का समर्थन और विरोध दोनों पक्षों को सराहा

हम चाहते हैं कि देश में सक्षम लोग आएं  राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि उन्हें एच-1बी विदेशी अप्रवासी कामगारों के वीजा पर इसका समर्थन करने वाले और इसका विरोध करने वाले दोनों पक्षों की दलीलें अच्छी लगीं। उन्होंने कहा कि उन्हें देश में आने वाले ‘‘बेहद कुशल लोग’’ पसंद हैं और उन्होंने इस कार्यक्रम का उपयोग किया है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में ‘ओरेकल’ के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) लैरी एलिसन, ‘सॉफ्टबैंक’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मासायोशी सोन और ‘ओपन एआई’ के सीईओ सैम ऑल्टमैन के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, ‘मुझे दोनों पक्षों (‘एच1बी’ वीजा का समर्थन करने वाले और इसका विरोध करने वाले पक्ष) की दलीलें पसंद हैं, लेकिन मैं यह भी चाहता हूं कि हमारे देश में बेहद कुशल और सक्षम लोग आएं, फिर चाहे उन्हें ऐसे कार्यों के लिए पर्याप्त योग्यता नहीं रखने वाले लोगों को प्रशिक्षण देना पड़े और उनकी मदद करनी पड़े।

अमेरिका के 22 प्रांतों के अटॉर्नी जनरल ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस शासकीय आदेश के खिलाफ मंगलवार को मुकदमा दायर किया, जिसके तहत देश में जन्म लेने पर किसी भी व्यक्ति को स्वत: नागरिकता मिल जाने के सौ साल पुराने आव्रजन नियम को खत्म करने के लिए कदम उठाया गया है। इस नियम के तहत यदि किसी व्यक्ति का जन्म अमेरिका में हुआ है तो जन्म के आधार पर उसे अमेरिकी नागरिकता मिल जाती थी, भले ही उनके माता-पिता किसी और देश के हों।

सोमवार को जारी ट्रंप का लगभग 700 शब्दों का कार्यकारी आदेश, राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान उनके द्वारा किये गये वादे को पूरा करना है। लेकिन यह निश्चित नहीं है कि ट्रंप का यह कदम सफल होगा या नहीं, क्योंकि राष्ट्रपति की आव्रजन नीतियों और नागरिकता के संवैधानिक अधिकार पर कानूनी लड़ाई लंबी चलने वाली है। डेमोक्रेटिक अटॉर्नी जनरल और प्रवासियों के अधिकार के पैरोकारों का कहना है कि जन्मजात नागरिकता को लेकर स्थापित कानून है और यद्यपि राष्ट्रपतियों के पास व्यापक अधिकार होते हैं, लेकिन वे राजा नहीं होते। न्यूजर्सी के अटॉर्नी जनरल मैट प्लैटकिन ने कहा कि राष्ट्रपति अपने आदेश के जरिए इस व्यवस्था को समाप्त नहीं कर सकते।

भारतीय अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने इसे असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा, ‘साफ-साफ कहें तो यह असंवैधानिक है और इसे महज एक आदेश पर हस्ताक्षर करके नहीं किया जा सकता। अगर इसे लागू किया जाता है, तो यह हमारे देश के कानूनों और संविधान में स्थापित मिसालों का मजाक होगा।’

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Vikas Julana

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