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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने आतंकवादियों को मारने के लिए सीमा पार करने संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कथित बयानों पर कहा कि अमेरिका इस मसले के बीच में नहीं पड़ेगा लेकिन उसने भारत और पाकिस्तान को तनाव बढ़ाने से बचने और बातचीत के माध्यम से समाधान तलाशने का अनुरोध किया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में यह बात कही।
उनसे आतंकवादियों के सफाए के लिए अन्य देशों में भारत के अभियानों के बारे में प्रश्न पूछा गया था। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत के PM नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की टिप्पणियों को कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की कथित हत्या, घोषित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की न्यूयॉर्क में हत्या की साजिश और पाकिस्तान में हत्याओं के संदर्भ में इकबालिया बयान के रूप में देखा जा सकता है, इसपर मिलर ने कहा कि अमेरिका इस मसले में नहीं पड़ेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अमेरिका इसमें नहीं पड़ेगा लेकिन हम भारत और पाकिस्तान दोनों को तनाव से बचने और बातचीत के माध्यम से समाधान तलाशने का आग्रह करते हैं।’’
अमेरिका ने इस मामले में भारत पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में विचार क्यों नहीं किया, इस प्रश्न के उत्तर में मिलर ने कहा, ‘‘मैं प्रतिबंधों के बारे में कुछ नहीं कहूंगा। अगर आप प्रतिबंधों के बारे में मुझसे पूछते हैं तो मेरा जवाब है कि हम इस पर सार्वजनिक तौर पर बात नहीं करते।’’ दरअसल इस महीने की शुरुआत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए भारत के दृढ़ रुख का जिक्र करते हुए कहा था कि यदि आतंकवादी भारत में शांति भंग करने या आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश करते हैं तो उन्हें करारा जवाब दिया जाएगा और अगर वे पाकिस्तान भाग जाते हैं तो भारत पड़ोसी देश में घुस कर उन्हें मारेगा। हाल ही में ब्रिटेन के अखबार ‘द गार्डियन’ ने अपनी एक खबर में कहा था कि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने 2019 के बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति कठोर रुख अपनाते हुए पाकिस्तान में आतंकवादियों की हत्याएं कीं हैं। रक्षा मंत्री से इसी संबंध में प्रश्न किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने भी सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए कथित तौर पर इसी प्रकार की कार्रवाई की बात कई बार दोहराई है।