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डॉ. यश गुलाटी के साथ वेबिनार ...

वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब पूरे देश भर में एक मिसाल है। जहां दु:ख-दर्द बांटे जाते हैं। सही मायने में तो खुशियां बांटी जाती हैं, दर्द भुलाए जाते हैं और आशीर्वाद दिए और लिए जाते हैं

12:14 AM Jun 24, 2020 IST | Kiran Chopra

वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब पूरे देश भर में एक मिसाल है। जहां दु:ख-दर्द बांटे जाते हैं। सही मायने में तो खुशियां बांटी जाती हैं, दर्द भुलाए जाते हैं और आशीर्वाद दिए और लिए जाते हैं

वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब पूरे देश भर में एक मिसाल है। जहां दु:ख-दर्द बांटे जाते हैं। सही मायने में तो खुशियां बांटी जाती हैं, दर्द भुलाए जाते हैं और आशीर्वाद दिए और लिए जाते हैं और सब में यह अहसास होता है कि हम किसी से कम नहीं। इसलिए लॉकडाउन के समय में भी सबके हौंसले बुलंद रहे। इसलिए हम बहुत सी एक्टिविटीज कर रहे हैं ताकि न तो उदासी आए, न सुस्ती आए, न यह महसूस करें कि अकेले घर में रह रहे हैं। इसीलिए हमने 60 का पार्टिसीपेशन का कम्पीटीशन रखा है। 
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रैम्प वॉक करो या डांस की वीडियो भेजो, आपकी 1. पार्टिसीपेशन, 2. कांफिडेंस, 3. ऐज, 4. एक्सपरेशन और आपको जितने लाइक वरिष्ठ नागरिक फेसबुक पेज पर आएंगे वो भी काउंट होंगे। आपकी जज यंग डॉटर इन लॉ हैं, जो दुनिया के और भारत के अलग-अलग कोने से हैं। एक मुम्बई की प्रसिद्ध डाक्टर हैं डर्मडॉलिजिस्ट सोनाली कोहली हैं, दिल्ली की प्रसिद्ध युवा वकील मेहर जेतली हैं। बहुत छोटी उम्र की समाजसेवीका प्राची गिरी नड्डा हैं रिद्धि बेरी हैं, गुडग़ांवा की प्रियंका सागर है और प्रियंका आहूजा हैं। 
दिल्ली की अनुप्रिया आईटी एक्सपर्ट हैं, अमृतसर से फिक्की एफएलओ की फाउंडर एवं एक्स प्रैजिडेंट गोरी बंसल हैं, लंदन से तनिशा वढ़ेरा हैल्थ एक्सपर्ट है, लंदन से निशा जयरथ फैशन स्टाइलिस्ट है और लंदन से ही साक्षी अरोड़ा अमरीकन एक्सप्रेस की मैनेजर हैं, अमेरिका से नीरू अरोड़ा एडवोकेट और समाजसेवीका हैं, पानीपत से धृतिका हरजाई सफल युवा बिजनेस वुमैन हैं और इन सबको कॉर्डिनेट कर रही हैं मेरी बहू सोनम चोपड़ा जो वरिष्ठï नागरिक की ट्रस्टी भी हैं और सब बुजुर्गों का समय-समय पर आशीर्वाद लेती हैं और उनके लिए काम भी करती हैं। मिलकर सब सीनियर सिटीजन का हौंसला बढ़ाएंगी और उनको समय-समय पर प्रेरित करेंगी। 
यह एक इंटरनेशनल इवेंट बनेगा। सभी प्रतिभागी अपने आपको टॉप ऑफ द वल्र्ड यानी हम किसी से कम नहीं महसूस करेंगे। कभी हम सिंगर के साथ वेबिनार करते हैं, कभी डाक्टर के साथ। इस बार अपोलो के प्रसिद्ध डा. यश गुलाटी, जो मशहूर सर्जन हैं, सबसे युवा पद्मश्री प्राप्त हैं, उनके साथ वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब के सदस्यों का बेविनार किया, ताकि जिनको घर में बैठे हड्डियों में परेशानी आ रही है, उनके बारे में जानकारी और ईलाज पूछ सकें।
कुल मिलाकर सारे देश के विभिन्न भागों से 75 के करीब सदस्यों ने हिस्सा लिया। काफी लोग कनैक्ट नहीं हो सके परन्तु तब भी मुम्बई, दिल्ली, फरीदाबाद, गुडग़ांव के सदस्यों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और सबने अपने सवाल पूछे। डा. साहब ने बड़ी शालीनता से सबके जवाब दिए। सबसे अच्छी बात थी डाक्टर यश गुलाटी उनको बीमारी का इलाज तो बता ही रहे थे, साथ-साथ कविताएं, शेरो-शायरी भी सुना रहे थे ताकि उनको लगे कि उनको कोई खास बीमारी नहीं। इस उम्र में कुछ न कुछ तो होता है। एक्सरसाइज, योगा करें, मैडिटेशन करें आदि भी बता रहे थे। 
अगर सबने पूछा कि हल्दी, गर्म पानी, अलसी खाएं तो उन्होंने बड़ा जवाब दिया कि ये सब नैचुरल चीजें हैं। मेरी डाक्टरी में अभी इसका कोई उत्तर नहीं, परन्तु इसे खाने से नुक्सान भी नहीं। उनका कहने का यही मायने था कि आप जो दिल में आए करें, खाएं। बस एक्सरसाइज, वॉक जरूर करते रहें, खुश रहें, एक्टिव रहें। 
सबसे रोचक बात थी कि डाक्टर साहब की सहनशक्ति  और बुजुर्गों का स्टैमना देखने वाला था। किसी के कानों में लगी मशीन की आवाज गूंज रही थी, किसी के पोता-पोती पूछ रहे थे, यह क्या हो रहा है। नरेला के दहिया जी, जो 90 वर्ष के हैं, ने जब प्रश्न पूछा तो सब हैरान थे, परन्तु डा. साहब ने उन्हें सलाम किया, उनकी उम्र और जज्बा देखकर। 
फरीदाबाद के कथूरिया एवं जटवानी और गुडग़ांव के धर्मसागर जी, सबने बढ़-चढ़ प्रश्न पूछे। मजेदार बात थी पश्चिम विहार की सतिन्द्र सेठी जी अपने न्यूरो सिस्टम का प्रश्न पूछ रही थीं। डाक्टर साहब ने बताया कि मैं आपको बता तो देता हूं, परन्तु आपको इस बीमारी के डाक्टर से पूछना पड़ेगा। क्योंकि मैं हड्डियों का सर्जन  हूं, परन्तु डाक्टर इतने खुशनुमा थेे कि लोगों के दिलों को छू रहे थे कि वह बार-बार पूछ लेती थीं, नहीं कृपया आप मुझे बता दो क्योंकि कोई भी डाक्टर बुजुर्गों से या मरीज से प्यार से बात करें तो उसका विश्वास उसी पर हो जाता है। चाहे वो किसी चीज का भी डाक्टर हो और यही बात यहां थी, वेबिनार लम्बा हो गया था, परन्तु किसी का दिल नहीं भरा था। सो सबने डाक्टर साहिब से प्रार्थना की कि जल्दी एक और वेबिनार करें ताकि जिनके प्रश्न रह गए हैं वो दुबारा पूछ सकें। वाकई ही एक अच्छे डाक्टर को सब पसंद करते हैं। सच मानो तो डाक्टर भगवान के बाद होते हैं और कभी-कभी भगवान की जगह भी खड़े मिलते हैं, जैसे आज कोरोना के समय सभी डाक्टरों ने भगवान का रूप धारण किया हुआ है।
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