Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

रूस घेराबंदी की तैयारी में पश्चिमी देश, नाटो सम्मेलन में बाइडन का पुतिन पर ज़ुबानी हमला

यूक्रेन और रुस के बीच युद्ध का आज 30वां दिन है। एक महीना बीतने के बाद अब पश्चिमी देश रुस को चौतरफा घेरने की तैयारी में जुटते नजर आ रहे है।

10:37 AM Mar 25, 2022 IST | Desk Team

यूक्रेन और रुस के बीच युद्ध का आज 30वां दिन है। एक महीना बीतने के बाद अब पश्चिमी देश रुस को चौतरफा घेरने की तैयारी में जुटते नजर आ रहे है।

यूक्रेन और रुस के बीच युद्ध का आज 30वां दिन है। नाटो के एक अनुमान के मुताबिक,एक महीने से चल रहे इस संर्घष में अब तक यूक्रेन के 7000 और रुस के 15,000 सैनिक मारे जा चुके हैं। एक महीना बीतने के बाद अब पश्चिमी देश रुस को चौतरफा घेरने की तैयारी में जुटते नजर आ रहे है। पश्चिमी देशों में ऐसी एकजुटता पहली बार देखने को मिल रही है। नाटो, जी-7 और यूरोपीय संघ की हो रही बैठक में रूस और उसके सहयोगी देशों के ऊपर दबाव डालने की कोशिशें की जा रही है।
Advertisement
बीते दिन गुरुवार को बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में नाटो सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी हिस्सा लिया। 30 देशों वाले नाटो के इस इमरजेंसी मीटिंग में यूक्रेन और रुस के बीच चल रहे संघर्ष पर मंथन किया गया। जिसमें कहा गया कि यूक्रेन का रूसी हमले से लड़ने और आत्मरक्षा के अधिकार को बनाए रखने के लिए सुरक्षा सहायता के साथ समर्थन जारी रहेगा। हालांकि नाटो गठबंधन के सम्मेलन में सीधे तौर पर यूक्रेन के फायदे की बातें नहीं हुई। जानकारों का कहना है कि इस मीटिंग में नाटो देशों के बचाव की योजनाओं पर चर्चा हुई।
जो बाइडन का रूस पर हमला
नाटो समिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने संबोधन करते हुए कहा कि यूक्रेन पर हमले के जवाब में रूस को औधोगिक और विकासशील देशों के G-20 देशों के समूह से बाहर कर देना चाहिए। जिससे रूस दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से कट हो जाएगा। बाइडन ने यह भी कहा कि यूक्रेन को नाटो की मीटिंग्स में हिस्सा लेने की अनुमति दी जाए। जंग के दौरान रूस के केमिकल वेपन इस्तेमाल करने पर जो बाइडन ने नाटो के जवाब देने की भी बात की। नाटो सम्मेलन में चीन को रूस की मदद ना करने की चेतावनी भी दी गई। 
पुतिन पर दबाव बनाने की तैयारी
नाटो के 30 देश, जी-7 के 7 देश और यूरोपीय संघ के 27 देश रूस पर मिलकर दबाव बनाना चाहते हैं। G-7 देश रूस पर आर्थिक रूप से प्रतिबंधों को बढ़ाने, रूस की सैनिक घेराबंदी और यूरोपीय संघ के देश रूस पर कूटनीतिक हमले करना चाहते हैं। पश्चिमी देशों का मजबूती के साथ एकजुट होना और रूस के बॉर्डर ओं पर नाटो और पश्चिमी देशों के युद्धाभ्यास रूस के लिए खतरे के बड़े संकेत बन सकते हैं।
Advertisement
Next Article