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चावल को लेकर ऐसा क्या बोल गए जापान के कृषि मंत्री? जो देना पड़ गया इस्तीफा

जापान में चावल की कीमतों पर मंत्री की टिप्पणी से सियासी भूचाल

10:10 AM May 21, 2025 IST | Shivangi Shandilya

जापान में चावल की कीमतों पर मंत्री की टिप्पणी से सियासी भूचाल

जापान के कृषि मंत्री तकु एटो को चावल की कीमतों पर दिए विवादास्पद बयान के चलते इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने कहा था कि उन्हें कभी चावल खरीदने की जरूरत नहीं पड़ी, जिससे जनता में असंतोष फैल गया। प्रधानमंत्री इशिबा की सरकार पर दबाव बढ़ा और अंततः एटो को पद छोड़ना पड़ा।

japan news: जापान की राजनीति से एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है. देश के कृषि मंत्री तकु एटो को चावल की कीमतों को लेकर दिए गए बयान के चलते अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है. मंत्री ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि उन्हें कभी चावल खरीदने की ज़रूरत नहीं पड़ी है. इस टिप्पणी के बाद आम जनता में भारी असंतोष देखने को मिला और प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा की सरकार पर भी राजनीतिक दबाव देखा गया.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विवाद बढ़ने के बाद प्रधानमंत्री इशिबा ने जनता से क्षमा याचना की और कृषि मंत्री से पद पर बने रहने की इच्छा जताई, ताकि वे चावल की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के प्रयास जारी रख सकें. हालांकि, विवाद शांत नहीं हुआ और अंततः एटो को अपना इस्तीफा सौंपना पड़ा.

क्या कहा था मंत्री ने?

रविवार को एक भाषण में एटो ने कहा था कि उन्होंने जीवन में कभी चावल खरीदा ही नहीं, क्योंकि उनके समर्थक उन्हें इतना चावल दे देते हैं कि वह चाहें तो उसे बेच भी सकते हैं. इस बयान को लेकर यह भी चर्चा शुरू हो गई कि मंत्री शायद अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और उपहार के रूप में चावल स्वीकार कर रहे हैं, जिसे कुछ लोग रिश्वत के रूप में देख रहे थे. वहीं बाद में मंत्री ने माफ़ी मांगते हुए अपना बयान वापस ले लिया, लेकिन तब तक राजनीतिक और जनसरोकार का माहौल उनके खिलाफ बन चुका था.

इशिबा सरकार को चुनाव से पहले बड़ा झटका

यह इस्तीफा ऐसे समय आया है जब जुलाई में जापान में अहम चुनाव होने वाले हैं. विपक्षी दलों और सत्ताधारी गठबंधन के कई सांसदों ने मंत्री के बयान की कड़ी आलोचना की थी. इससे प्रधानमंत्री इशिबा की सरकार की पहले से ही कमजोर स्थिति और अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है. यह एटो का इस्तीफा इशिबा मंत्रिमंडल से पहला इस्तीफा है, जिसे अक्टूबर में गठित किया गया था.

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चावल की कीमतें बनीं राष्ट्रीय चिंता का विषय

जापान में चावल की कीमतें बीते एक साल में दोगुनी हो चुकी हैं, जो कई दशक के उच्चतम स्तर पर हैं. यह आम मतदाताओं के लिए गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है. सरकार मार्च से इस स्थिति से निपटने के लिए प्रयास कर रही है, लेकिन अब तक इन प्रयासों में कोई विशेष सफलता नहीं मिली है.बुधवार सुबह प्रधानमंत्री कार्यालय में इस्तीफा देने के बाद एटो ने स्वीकार किया कि उन्होंने ऐसे समय में असंवेदनशील बयान दिया, जब लोग महंगाई से परेशान हैं.

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