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विदेश में शादी समारोह क्यों, यहीं मनाएं : पीएम मोदी

04:00 PM Nov 26, 2023 IST | Divyanshu Mishra
विदेश में शादी समारोह क्यों  यहीं मनाएं   पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उन परिवारों से सवाल किया जो विदेशों में शादियां आयोजित करते हैं और लोगों से ऐसे समारोह भारत में आयोजित करने का आग्रह किया।

HIGHLIGHTS

  • 'मन की बात' का 107वा एपिसोड
  • PM ने उन परिवारों से सवाल किया जो विदेशों में शादियां आयोजित करते
  • ऐसे समारोह भारत में आयोजित करने का आग्रह किया

 

मासिक प्रसारण कार्यक्रम 'मन की बात' के 107वें एपिसोड

प्रधानमंत्री ने अपने मासिक प्रसारण कार्यक्रम 'मन की बात' के 107वें एपिसोड में कहा, अब शादी का सीजन भी शुरू हो गया है। कुछ व्यापार संगठनों का अनुमान है कि इस शादी सीज़न के दौरान लगभग 5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है, शादियों के लिए खरीदारी करते समय आप सभी को केवल भारत में बने उत्पादों को ही महत्व देना चाहिए। और हां, जब से शादी की बात सामने आई है, एक बात मुझे काफी समय से परेशान कर रही है... और अगर मैं अपने दिल का दर्द अपने परिवार वालों को नहीं बताऊं तो और किसके सामने कहूं? जरा सोचिए ...आजकल कुछ परिवारों द्वारा विदेश जाकर शादियां करने का एक नया माहौल बनाया जा रहा है। क्या यह जरूरी है? अगर हम शादी के उत्सव भारत की धरती पर, भारत के लोगों के बीच मनाएंगे, तो देश का पैसा देश में ही रहेगा। देश के लोगों को आपकी शादी में कुछ सेवा करने का अवसर मिलेगा... गरीब लोग भी अपनी बात बताएंगे। बच्चों को उस अवसर के बारे में। क्या आप 'वोकल फ़ॉर लोकल' के इस मिशन पर विस्तार से बता सकते हैं? हम अपने ही देश में ऐसे विवाह समारोह क्यों नहीं आयोजित करते? संभव है कि जिस तरह की व्यवस्था आप चाहते हैं, वह आज नहीं हो, लेकिन अगर हम ऐसे आयोजन करेंगे तो व्यवस्थाएं भी विकसित होंगी।'' पीएम मोदी ने कहा कि ये बहुत बड़े परिवारों से जुड़ा विषय है और मुझे उम्मीद है कि मेरी ये पीड़ा उन बड़े परिवारों तक जरूर पहुंचेगी। प्रधान मंत्री ने 'प्रोजेक्ट सूरत' के बारे में भी बात की, जो गुजरात के सूरत शहर में स्वच्छता और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ''स्वच्छता कोई एक दिन का अभियान नहीं है, बल्कि जीवन का हिस्सा है।'' उन्होंने कहा कि आज यह पहल राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बन गई है, इससे करोड़ों देशवासियों का जीवन बेहतर हुआ है।

प्रधान मंत्री ने कहा सूरत को एक मॉडल शहर बनाना है

प्रधान मंत्री ने कहा,ऐसा ही एक सराहनीय प्रयास सूरत में देखने को मिला है। युवाओं की एक टीम ने वहां 'प्रोजेक्ट सूरत' शुरू किया है। इसका उद्देश्य सूरत को एक मॉडल शहर बनाना है, जो स्वच्छता और सतत विकास का एक उत्कृष्ट उदाहरण बने। इस प्रयास के तहत, जो शुरू हुआ 'सफाई संडे' सूरत के युवा पहले सार्वजनिक स्थानों और डुमस बीच की सफाई करते थे। बाद में ये लोग तापी नदी के तटों की सफाई में भी जी-जान से जुट गए और आपको जानकर खुशी होगी कि देखते ही देखते इतनी संख्या हो गई इससे जुड़े लोगों की संख्या 50 हजार से अधिक हो गई है। पीएम मोदी ने कहा, ''जमीनी स्तर पर किए गए ऐसे प्रयास बड़े बदलाव ला सकते हैं।'' प्रधानमंत्री ने अपने 'मन की बात' एपिसोड में तमिलनाडु के कोयंबटूर में रहने वाले लोगनाथनजी की भी सराहना करते हुए कहा कि उनका योगदान अतुलनीय है। बचपन में वह अक्सर गरीब बच्चों के फटे कपड़े देखकर परेशान हो जाते थे। उसके बाद उन्होंने ऐसे बच्चों की मदद करने का प्रण लिया और अपनी कमाई का एक हिस्सा उन्हें दान करना शुरू कर दिया। जब पैसे की कमी होने लगी, तो लोगनाथनजी ने शौचालय भी साफ किए, ताकि जरूरतमंद बच्चों की मदद की जा सके। पीएम मोदी ने कहा कि वह पिछले 25 साल से पूरी निष्ठा से इस काम में लगे हुए हैं और अब तक 1500 से ज्यादा बच्चों की मदद कर चुके हैं. उन्होंने कहा, मैं एक बार फिर ऐसे प्रयासों की सराहना करता हूं। देश भर में हो रहे ऐसे कई प्रयास न केवल हमें प्रेरित करते हैं बल्कि कुछ नया करने की इच्छाशक्ति भी जगाते हैं।
जल संरक्षण के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक 'जल सुरक्षा' है। उन्होंने कहा,जल संरक्षण जीवन बचाने से कम नहीं है। इसका उदाहरण देश के हर जिले में बन रहे 'अमृत सरोवर' हैं। 'अमृत महोत्सव' के दौरान भारत ने 65,000 से अधिक 'अमृत सरोवर' विकसित किए हैं, जिनसे आने वाली पीढ़ियाें को लाभ होगा।अब यह सुनिश्चित करना भी हमारी जिम्मेदारी है कि जहां भी 'अमृत सरोवर' बने हैं, उनकी नियमित देखभाल की जाए ताकि वे जल संरक्षण का मुख्य स्रोत बने रहें।'' कौशल विकास के महत्व पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें पता चला कि एक संस्था चार दशकों से कौशल विकास के काम में लगी हुई है, तो मुझे और भी अच्छा लगा। उन्होंने कहा, यह संस्था आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में है और इसका नाम 'बेलजीपुरम यूथ क्लब' है। कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए, 'बेलजीपुरम यूथ क्लब' ने लगभग 7,000 महिलाओं को सशक्त बनाया है। इनमें से अधिकांश महिलाएं आज अपने दम पर कुछ न कुछ काम कर रही हैं। इस संगठन ने बाल श्रम में फंसे बच्चों को कोई न कोई कौशल सिखाकर उन्हें उस दुष्चक्र से बाहर निकलने में भी मदद की है।'' 'बेलजीपुरम यूथ क्लब' की टीम ने किसान उत्पादक संगठनों यानी एफपीओ से जुड़े किसानों को नए कौशल भी सिखाए, इससे बड़ी संख्या में किसान सशक्त हुए हैं। यह युवा क्लब स्वच्छता को लेकर गांव-गांव में जागरूकता भी फैला रहा है, इससे शौचालय निर्माण में भी मदद मिली है।

 

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Divyanshu Mishra

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Unveiling the truth behind the headlines. With a passion for politics and a dedication to insightful reporting, I bring you the latest updates on India's political landscape. From local races to national scenes, I strive to provide an insider's perspective on the people, policies, and their impact on our daily lives. Join me on this journey of unraveling the complexities of our dynamic political world.

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