Dalai Lama के अगले उत्तराधिकारी का नाम सुनते ही तिलमिलाया China, आखिर क्यों कर रहा हस्तक्षेप
तिब्बत के बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा (Dalai Lama) के उत्तराधिकारी को लेकर काफी चर्चा हो रही है। ऐसे में चीन तिलमिलाया हुआ है, चीन का कहना है कि उसके आधार पर ही धर्मगुरु दलाई लामा के नए उत्तराधिकारी का चयन होगा। हालांकि, दलाई लामा ने साफ़ तौर पर मना कर दिया है कि उनके उत्तराधिकारी का चयन तिब्बती बौद्ध परंपराओं के अनुसार होगा। इस खबर को सुनने के बाद चीन भड़क उठा है।
क्या कहना है चीन का?
बता दें कि चीन का मानना है कि दलाई लामा (Dalai Lama) के उत्तराधिकारी को बीजिंग सरकार से मंजूरी लेनी होगी। बिना चीन की सरकार की मंजूरी के आप उत्तराधिकारी का चयन नहीं कर सकते हैं। अब इसपर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन चीन की सालों पुरानी रीति-रिवाज के मुताबिक ही होगा। दलाई लामा के उत्तराधिकारी को चीन के नियमों और धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करना होगा।
गादेन फोडरंग ट्रस्ट को मिली जिम्मेदारी
बता दें कि दलाई लामा (Dalai Lama) ने अपने अगले उत्तराधिकारी के चयन की जिम्मेदारी गादेन फोडरंग ट्रस्ट को दी है। उन्होंने कहा है कि अगले दलाई लामा की पहचान और मान्यता की पूरी प्रक्रिया का अधिकारी सिर्फ और सिर्फ गादेन फोडरंग ट्रस्ट की है। मालूम हो कि साल 1959 में ल्हासा में चीनी सरकार के खिलाफ लड़ाई शुरू थी, जिसमें असफलता मिलने के बाद दलाई लामा भारत आ गए। तभी से वो हाजरों तिब्बतियों के साथ निर्वासित तौर भारत में रह रहे हैं। चीन उन्हें अलगाववादी और विद्रोही मनाता है तो दलाई लामा अहिंसा और प्रेम के गोबल आइकॉन माने जाते हैं।
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क्यों चुने जा रहे अगले दलाई लामा?
जुलाई में दलाई लामा (Dalai Lama) 90 साल के हो जाएंगे, इसलिए वे तिब्बती बौद्ध धर्म और निर्वासित तिब्बती राष्ट्र के भविष्य पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। तेनजिन ग्यात्सो 14वें दलाई लामा हैं। उनका जन्म 1935 में एक किसान परिवार में हुआ था, जो चीन के किंघई प्रांत का हिस्सा है। उन्हें 2 साल की उम्र में 13वें दलाई लामा के पुनर्जन्म के तौर पर पहचाना गया और उसके बाद उन्हें मठवासी प्रशिक्षण और बौद्ध दार्शनिक अध्ययन शुरू करवाया गया।
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