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यूनुस सरकार ने क्यों तोड़ा Satyajit Ray का घर? भारत की बात भी नहीं मानी

03:40 PM Jul 16, 2025 IST | Shivangi Shandilya
Satyajit Ray

Satyajit Ray: बांग्लादेश में भारतीय फिल्ममेकर सत्यजीत रे के घर को तोड़ा जा रहा है। सत्यजीत रे का यह घर बांग्लादेश के मैमनसिंह शहर में स्थित था। इसे पहले मैमनसिंह शिशु अकादमी के नाम से जाना जाता था। भारत इस इमारत को संरक्षित करना चाहता था। इसी की वजह से भारत सरकार ने इस घर को फिर से बनवाने की पेशकश भी की थी। इस इमारत को संरक्षित करने के लिए कहा था. लेकिन इसके बावजूद भी फिल्ममेकर का घर गिराया गया है। इस भवन को सत्यजीत रे के दादा उपेंद्र किशोर राय चौधरी ने बनवाया था.

इसी घर में रहते थे उनके दादा 

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सत्यजीत रे के दादा उपेंद्र किशोर रे चौधरी इसी घर में रहते थे। हालांकि, अब इस घर को तोड़ दिया गया है। इस घर की मरम्मत और फिर से बनवाने के लिए भारत ने पेशकश की थी। सौ साल पुरानी इस इमारत का लंबे समय से रखरखाव नहीं हो रहा था, जिससे इसकी हालत खराब हो गई। जब भारत ने इसकी मरम्मत की पेशकश की, तो बांग्लादेश सरकार ने इसे ठुकरा दिया।

विदेश मंत्रालय ने अफसोसजनक बताया

इस मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा, "यह अफसोस जनक है कि मैमनसिंह में वो संपत्ति, जो कभी फिल्ममेकर Satyajit Ray के दादा की थी उसको गिराया जा रहा है. इस इमारत को बचाने के लिए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी एक्स पर पोस्ट किया था। इसके बाद जब अब घर गिराया जा चुका है तो इसी को लेकर TMC नेता अभिषेक बनर्जी का बयान सामने आया है।

TMC नेता ने एक्स पर किया पोस्ट

अभिषेक ने कहा, "मुझे यह जानकर बेहद दुख हुआ है कि ऑस्कर विजेता फिल्म निर्माता सत्यजीत रे के ढाका स्थित पैतृक घर को कथित तौर पर बांग्लादेशी अधिकारियों द्वारा ध्वस्त किया जा रहा है। यह सौ साल पुरानी संपत्ति रे के दादा, उपेंद्रकिशोर रे चौधरी की थी, जो बंगाली साहित्य और संस्कृति के एक प्रमुख व्यक्ति थे।

उन्होंने आगे लिखा

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के किसी विशाल स्थल को मलबे में बदलना हमारी विरासत पर हमले से कम नहीं है। यह दुनिया भर के बंगालियों की सामूहिक चेतना पर एक आघात है और वैश्विक कला में रे परिवार के अद्वितीय योगदान को मिटाने जैसा है।

यूनुस सरकार से पूछे कई सवाल

मैं बांग्लादेश सरकार से इस कठोर निर्णय पर पुनर्विचार करने और इस सांस्कृतिक स्थल की रक्षा और संरक्षण के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह करता हूँ। मैं भारत सरकार से भी उचित द्विपक्षीय सहयोग शुरू करने का आह्वान करता हूँ ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बंगाल के सांस्कृतिक इतिहास का यह अपूरणीय अंश विध्वंस के कारण नष्ट न हो।

क्यों गिराया गया बंगाली विरासत?

दूसरी ओर, बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि मैमनसिंह स्थित एक सौ साल पुराने घर को नई इमारत के निर्माण के लिए तोड़ा जा रहा है। इस जगह पर एक बाल अकादमी चल रही है, लेकिन पिछली 10 प्राचीन इमारतों की खस्ता हालत के कारण, यहां अकादमी का संचालन बंद है। इसी तरह, ढाका के बाल मामलों के अधिकारी मोहम्मद मेहेदी ज़मान ने बताया कि अकादमी के एस्केल का काम शुरू हो गया है और तीन स्काइज़ वाली एक अर्ध-कंक्रीट इमारत बनाई जाएगी।

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