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'क्या हम डिलीवरी बॉय बनकर ही खुश रहेंगे', भारत में Innovation की कमी पर भड़के Piyush Goyal

पीयूष गोयल ने भारत में स्टार्टअप्स की दिशा पर उठाए सवाल

06:32 AM Apr 04, 2025 IST | Neha Singh

पीयूष गोयल ने भारत में स्टार्टअप्स की दिशा पर उठाए सवाल

 क्या हम डिलीवरी बॉय बनकर ही खुश रहेंगे   भारत में innovation की कमी पर भड़के  piyush goyal

पीयूष गोयल ने स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में कहा कि भारत को इनोवेशन की जरूरत है और हमें सिर्फ डिलीवरी बॉय बनकर खुश नहीं रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत में डीप-टेक स्टार्टअप्स की संख्या कम है, जो चिंता का विषय है।

केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने हालही में देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम की मौजूदा स्थति पर चिंता जताई है। दरअसल, पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें भारत की तुलना चीन से की गई है। इस तस्वीर में दिखाया गया है कि भारत में ज्यादातर स्टार्टअप्स फूड डिलीवरी ऐप, आईस्क्रीम, कुकीज और इस्टेंट डिलीवरी जैसे काम कर रहे हैं। वहीं तस्वीर में चीन के स्टार्टअप्स में इलेक्ट्रिक वहीकल, सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में वृद्धि हुई है। वयारल होने के बाद अब इस तस्वीर पर सरकार की प्रतिक्रिया आई है।

क्या हम सिर्फ डिलीवरी बॉय बनकर खुश रहेंगे? – पीयूष गोयल

पियूष गोयल गुरूवार को दिल्ली में स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में हिस्सा लेने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि स्टार्टअप सेमीकंडक्टर, मशीन लर्निंग, एआई, रोबोटिक्स जैसे उन्नत क्षेत्रों में काम करें।

उन्होंने सवाल किया, “क्या हम सिर्फ डिलीवरी बॉय बनकर खुश रहेंगे? क्या भारत की यही दिशा है? यह स्टार्टअप नहीं, सिर्फ कारोबार है। दूसरी ओर, चीन जैसे देश रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, 3डी मैन्युफैक्चरिंग और भविष्य की फैक्ट्रियों पर काम कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, बेरोजगार युवाओं को सस्ते श्रमबल में धकेला जा रहा है ताकि अमीर लोग अपने घरे से बिना बाहर जाए खाना मंगा सकें।

‘भारत में इनोवेशन की जूरूरत है’

दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में भारत की स्थिति पर बोलते हुए गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि अकेले पैमाना ही काफी नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा, “भारत ने जो किया है, उस पर हमें बहुत गर्व है, लेकिन क्या हम दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं? अभी नहीं।” गोयल ने बताया कि भारत में डीप-टेक स्टार्टअप की सीमित संख्या एक बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, “भारत के डीप-टेक स्पेस में केवल 1,000 स्टार्टअप हैं और यह एक चिंताजनक स्थिति है।” इस दौरान पीयूष गोयल ने ई-कॉमर्स और सेवा-आधारित व्यवसायों से परे नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया

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