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जम्मू-कश्मीर में मशरूम खेती के लिए महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया

महिलाओं को मशरूम खेती में आत्मनिर्भर बनाने की पहल

07:25 AM Jun 04, 2025 IST | IANS

महिलाओं को मशरूम खेती में आत्मनिर्भर बनाने की पहल

जम्मू कश्मीर में मशरूम खेती के लिए महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया

जम्मू-कश्मीर के डोडा में मशरूम खेती को बढ़ावा देने के लिए 50 से अधिक महिलाओं को समग्र कृषि विकास कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया गया। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें मशरूम उत्पादन के कौशल से लैस करना है, जिससे वे अपना व्यवसाय शुरू कर सकें और आय अर्जित कर सकें।

जम्मू-कश्मीर के डोडा को मशरूम की खेती का प्रमुख केंद्र बनाने के लिए कृषि विभाग समग्र कृषि विकास कार्यक्रम (एचएडीपी) के तहत 50 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण दे रहा है। समग्र कृषि विकास कार्यक्रम (एचएडीपी) जम्मू-कश्मीर सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसे नवाचार और समावेशिता के माध्यम से कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए डिजाइन किया गया है।ट्रेनिंग प्राप्त करने वाली ये सभी महिलाएं जम्मू-कश्मीर ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी हैं। इसका उद्देश्य महिलाओं को मशरूम उत्पादन कौशल से लैस करना और उन्हें व्यवसाय में आत्मनिर्भर बनाना है। कुछ लाभार्थियों ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात की और इस पहल के बारे में अपने अनुभव साझा किए। डोडा की स्थानीय निवासी प्रियंका चिब ने बताया, “पहली बार डोडा के कृषि विभाग की ओर से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस माध्यम से हमें बहुत सी जानकारी मिल रही है, जिससे हमें व्यवसाय में लाभ मिलेगा। खास तौर पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाएं खुद ही मशरूम का व्यापार शुरू करेंगी और इससे आय अर्जित करना शुरू करेंगी।”

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प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़े अधिकारी सुशील राजदान ने बताया, “एचएडीपी” योजना के तहत हम इन सभी महिलाओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं और विभाग उन लोगों को सब्सिडी भी दे रहा है, जो डोडा में अपना मशरूम सेटअप खोलना चाहते हैं। कई बड़ी मशरूम यूनिट्स लोगों द्वारा चलाई जा रही हैं और अब महिलाएं भी इसमें आगे आ रही हैं। मुख्य कृषि अधिकारी डोडा अमजद हुसैन मलिक ने बताया, “कृषि विभाग में कई योजनाएं हैं, जिनसे लोगों को लाभ मिल रहा है। आज हमने यहां बेरोजगार महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है, ताकि भविष्य में वे भी अपना व्यवसाय शुरू कर सकें और इन योजनाओं से पैसा कमा सकें।”

एचएडीपी योजना में कृषि, बागवानी, पशुधन और अनुसंधान एवं विकास को शामिल करते हुए 29 परियोजनाएं शामिल हैं, जिसका लक्ष्य विकास, उत्पादकता बढ़ाने, किसानों को सशक्त बनाने और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का है। वहीं, जम्मू और कश्मीर की कृषि अर्थव्यवस्था को बदलना है।

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